मैरिज सर्टिफिकेट के लिए मांग रहे थे 11 प्रमाणपत्र, डीएमसी ने लगाई फटकार और कहा- सिर्फ तीन ही दस्तावेज जरूरी
जिला नगर आयुक्त ब्रह्मप्रकाश अहलावत ने नगर परिषद कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण में कई खामियां मिलीं जिसके बाद अधिकारियों को फटकार लगाई गई। डीएमसी ने विकास कार्यों में तेजी लाने कार्यालय के बाहर सूचना पट लगाने और मैरिज सर्टिफिकेट के लिए केवल तीन दस्तावेज अनिवार्य करने के आदेश दिए। अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई और बेसहारा गोवंश के मालिकों पर सख्ती के निर्देश भी दिए गए।

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी। जिला नगर आयुक्त (डीएमसी) ब्रह्मप्रकाश अहलावत ने गुरुवार सुबह नगर परिषद कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जगह-जगह खामियां भी मिलीं।
सबसे पहले डीएमसी एनडीसी पोर्टल वाली विंडो पर पहुंचा, यहां एक-दो नहीं बल्कि प्रापर्टी आईडी से संबंधित काफी सारी फाइलें पेंडिंग मिलीं।
बिल्डिंग इंस्पेक्टर के ऑफिस में पहुंचे तो यहां नक्शों की 31 फाइलें पेंडिंग थीं, जिस पर डीएमसी ने अधिकारियों से तुरंत जवाब मांगते हुए फटकार लगाई।
दरअसल, डीएमसी ब्रह्मप्रकाश अहलावत सुबह साढ़े नौ बजे नगर परिषद कार्यालय पहुंच गए थे। उनके आने की सूचना लीक हो गई, जिसकी वजह से ज्यादातर कर्मचारी कार्यालय में उपस्थित मिले।
डीएमसी ने हाजिरी रजिस्टर भी चेक किया। इसके बाद एक-एक कमरों में आम लोगों से जुड़े कामों की फाइलों की जांच की। एमई नरेश को छोड़कर काफी टेबल पर फाइलें पेंडिंग थीं।
साथ ही वीरपाल जेई के पास शहर के विकास कार्यों से जुड़े कार्यों की फाइलों को चेक करते हुए डीएमसी ने आदेश किया कि शहर में जहां भी विकास कार्य चल रहे हैं, उनमें तेजी लाई जाए।
कार्यालय के बाहर सूचना पट लगाने के आदेश
डीएमसी ब्रह्मप्रकाश अहलावत ने ईओ सुशील कुमार भुक्कल को आदेश दिया कि वह नगर परिषद कार्यालय के बाहर एक सूचना पट लगाए, जिसमें अंकित होना चाहिए कि आम लोगों का कौन सा काम कितने समय में पूरा हो जाएगा।
डीएमसी निरीक्षण करते हुए मैरिज सर्टिफिकेट से संबंधित कक्ष में पहुंचे तो पता चला कि मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने के लिए लोगों के लिए 11 अलग-अलग कागजात साथ लगाना अनिवार्य है।
डीएमसी ने कहा कि मैरिज सर्टिफिकेट के लिए सिर्फ तीन ही कागजात जरूरी है। उन्हें जमा कराने के बाद सर्टिफिकेट बनाएं, वे वजह लोगों को कागजों के जाल में नहीं उलझाना।
इस दौरान डीएमसी ने बताया कि दो माह के अंदर नगर परिषद की तरफ से अतिक्रमणकारियों के दो लाख रुपये के चालान किए गए हैं।
डीएमसी ने यह भी कहा कि शहर में बेसहारा गोवंश कुछ एक होंगे, ज्यादातर के पालक है, लेकिन वह उन्हें बेसहारा के रूप में छोड़ देते है। ऐसे पशु पालकों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई का खाका तैयार किया जा रहा है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।