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    एचवीपीएन में 17 वर्षों से कोई पुनर्गठन नहीं, बिजली घरों और लाइनों में 65% की वृद्धि

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 04:09 PM (IST)

    हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम (एचवीपीएन) को 17 वर्षों से पुनर्गठन का इंतजार है जिसके कारण अधिकारियों पर काम का बोझ बढ़ गया है। 2008 के बाद से कोई पुनर्गठन नहीं हुआ है जबकि बिजली घरों की संख्या में 65% की वृद्धि हुई है। अधिकारियों के पद खाली हैं जिससे रखरखाव में समस्याएँ आ रही हैं। अधिकारी संगठन इस मुद्दे को उठा चुके हैं।

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    हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम (एचवीपीएन) को 17 वर्षों से पुनर्गठन का इंतजार है। फाइल फोटो

    गोबिंद सिंह, रेवाड़ी। हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम (एचवीपीएन) 17 साल बाद भी पुनर्गठन का इंतजार कर रहा है। जबकि पिछले 17 सालों में राज्य भर में बिजली घरों और लाइनों की संख्या में 65 प्रतिशत से ज़्यादा की बढ़ोतरी हुई है।

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    पुनर्गठन के अभाव में एचवीपीएन ने न तो राज्य भर के ज़िलों में नए अधिकारियों के पद सृजित किए हैं और न ही दूसरे ज़िलों के कार्यकारी अभियंता कार्यालयों से जुड़े ज़िलों को अलग किया है। पूर्व में स्वीकृत पद भी लंबे समय से खाली पड़े हैं।

    नतीजतन, अधिकारियों को तीन से चार पदों का कार्यभार संभालना पड़ रहा है, जिससे न केवल मानसिक तनाव होता है, बल्कि बिजली घरों और लाइनों की समय पर मरम्मत भी नहीं हो पाती। अधिकारी संगठनों द्वारा कई बार यह मुद्दा उठाया जा चुका है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पाया है।

    2008 से एचवीपीएन में कोई पुनर्गठन नहीं हुआ 

    हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम में 2008 से कोई पुनर्गठन नहीं हुआ है। 2008 में राज्य भर में 273 बिजलीघर (66 केवी, 132 केवी और 220 केवी) थे, जबकि अब इनकी संख्या बढ़कर 444 (66 केवी, 132 केवी और 220 केवी) हो गई है। क्षेत्रफल बढ़ने के कारण समय पर रखरखाव का काम नहीं हो पा रहा है। आए दिन किसी न किसी बिजलीघर में समस्याएँ आती रहती हैं, जिससे जनता को काफी असुविधा होती है।

    2008 में एचवीपीएन में स्वीकृत अधिकारी पद

    2008 में एचवीपीएन विद्युत विभाग में एसडीओ के 116 पद, कार्यकारी अभियंता के 23 पद और अधीक्षण अभियंता के आठ पद स्वीकृत किए गए थे। सिविल में अधीक्षण अभियंता के दो, कार्यकारी अभियंता के आठ, उप-मंडल अधिकारी (एसडीओ) के 21 और मुख्य अभियंता के दो पद स्वीकृत हैं। मुख्य अभियंता सहित विभिन्न अधिकारियों के कई पद रिक्त हैं।

    हमने एसोसिएशन के माध्यम से उच्च अधिकारियों को पुनर्गठन के संबंध में एक ज्ञापन सौंपा है। एचवीपीएन का दायरा लगातार बढ़ रहा है, लेकिन न तो पुनर्गठन हुआ है और न ही उसके अनुरूप स्टाफिंग बढ़ाई गई है।

    - पुनीत कुंडू, प्रदेश अध्यक्ष, हरियाणा पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन

    इसमें कोई संदेह नहीं है कि एचवीपीएन का बुनियादी ढांचा बढ़ा है, लेकिन तकनीक भी उन्नत हुई है। पुनर्गठन का मामला विभाग के संज्ञान में है और जल्द ही इसका समाधान होने की उम्मीद है।

    - राजीव कौशिक, मुख्य अभियंता प्रशासन, हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम