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    एचवीपीएन में 17 सालों से नहीं हुई रि-स्ट्रक्चरिंग, 65 प्रतिशत तक बढ़े पावर हाउस और लाइनें

    Updated: Mon, 22 Sep 2025 05:15 AM (IST)

    हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम (एचवीपीएन) में 17 साल से रि-स्ट्रक्चरिंग का इंतजार है जिससे अधिकारियों पर काम का बोझ बढ़ गया। 2008 के बाद से कोई पुनर्गठन नहीं हुआ है जबकि पावर हाउसों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। स्वीकृत पद खाली रहने और अतिरिक्त कार्यभार के कारण मरम्मत कार्य प्रभावित हो रहे हैं। एसोसिएशन ने मांग पत्र सौंपा है और विभाग जल्द समाधान की उम्मीद कर रहा है।

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    एचवीपीएन में 17 वर्ष से नहीं हुई रि-स्ट्रक्चरिंग, 65 प्रतिशत तक बढ़े पावर हाउस व लाइनें।

    गोबिंद सिंह, रेवाड़ी। हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम (एचवीपीएन) में 17 वर्ष के बाद भी रि-स्ट्रक्चरिंग का इंतजार हैं। जबकि पिछले 17 वर्षों में पावर हाउस व लाइनों में प्रदेशभर में 65 प्रतिशत से अधिक तक की बढ़ोतरी हो चुकी है।

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    रि-स्ट्रक्चरिंग नहीं होने के कारण एचवीपीएन में न तो प्रदेशभर के जिलों में अधिकारियों के नए पद सृजित हो पाए हैं और न ही एक-दूसरे जिलों के कार्यकारी अभियंता कार्यालयों से जुड़े जिले अलग हो पाए हैं। वहीं पहले से स्वीकृत पद भी लंबे समय से रिक्त चल रहे हैं।

    ऐसे में अधिकारियों को तीन से चार पदों का कार्यभार संभालना पड़ रहा है, जिसके कारण अधिकारियों को मानसिक रूप से तो परेशानी होना ही पड़ रहा ही है बल्कि समय पर पावर हाउसाें व लाइनों पर मरम्मत कार्य भी नहीं हो पा रहे हैं। अधिकारी संगठनों की तरफ से भी इसको लेकर कई बार मुद्दा उठाया जा चुका है, लेकिन समस्या आज भी जस की तस बनी हुई है।

    वर्ष 2008 के बाद एचवीपीएन में नहीं हुई है रि-स्ट्रक्चरिंग

    हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम में वर्ष 2008 के बाद रि-स्ट्रक्चरिंग नहीं हुई है। वर्ष 2008 में प्रदेशभर में जहां 273(66केवी, 132केवी व 220केवी) पावर हाउस थे, वहीं अब बढ़कर 444 (66केवी, 132केवी व 220केवी) हाे चुके हैं। एरिया बढ़ने के चलते समय पर मरम्मत से संबंधित कार्य नहीं हो पा रहें। आए दिन किसी न किसी पावर हाउस में समस्या बनी रहती है। इसके कारण लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है।

    एचवीपीएन मेें वर्ष 2008 में अधिकारियों के स्वीकृत पद

    एचवीपीएन में वर्ष 2008 में इलेक्ट्रिकल में एसडीओ के 116, कार्यकारी अभियंता के 23, अधीक्षण अभियंता के आठ पद स्वीकृत हुए थे। वहीं सिविल में अधीक्षण अभियंता के दो, कार्यकारी अभियंता के आठ, एसडीओ के 21 व मुख्य अभियंता के दो पद स्वीकृत हैं। इनमें मुख्य अभियंता के एक पद सहित विभिन्न अधिकारियों के कई पद रिक्त चल रहे हैं।

    हमने एसोसिएशन के माध्यम से उच्च अधिकारियों को रि-स्ट्रक्चरिंग के संबंध में मांग पत्र सौंपा हुआ है। लगातार एचवीपीएन का दायरा बढ़ रहा है, लेकिन उस हिसाब से न तो रि-स्ट्रक्चरिंग हुई है और न ही स्टाफ की बढ़ोतरी हुई है। - पुनित कुंडू, प्रदेश अध्यक्ष हरियाणा पावर इंजीनियर एसोसिएशन

    एचवीपीएन के इंफ्रास्ट्रक्चर में बढ़ोतरी में कोई दोराय नहीं है, लेकिन टेक्नोलाजी भी बढ़ी है। रि-स्ट्रक्चरिंग का मामला विभाग के संज्ञान में है और जल्द समाधान की उम्मीद है। - राजीव कौशिक, मुख्य अभियंता एडमिन, हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम