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    मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा बोहका गांव, जर्जर पंचायत भवन से हादसे का खतरा

    Updated: Wed, 24 Sep 2025 04:07 PM (IST)

    रेवाड़ी जिले का बोहका गांव मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है। संपर्क मार्ग की हालत खराब है जिससे ग्रामीणों को परेशानी होती है। पंचायत भवन जर्जर है जिससे हादसे का डर बना रहता है। गांव में खेल सुविधाओं और पशु अस्पताल की भी कमी है। ग्रामीणों ने सरकार से इन समस्याओं का समाधान करने की मांग की है ताकि गांव का विकास हो सके।

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    जर्जर पंचायत भवन व कच्चा संपर्क मार्ग बढ़ा रहा ग्रामीणों की परेशानी।

    अमन शर्मा, डहीना (रेवाड़ी)। रेवाड़ी में जिला मुख्यालय से 38 किलोमीटर दूर गांव बोहका आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा है। लगभग 2500 की आबादी और करीब 1800 मतदाताओं वाला यह गांव किसी पहचान का मोहताज नहीं है। गांव में मौजूद बाबा जिंदा देव मंदिर की ख्याति दूर तक है जोकि लोगों के आस्था का केंद्र है। यहां लगने वाले वार्षिक मेले व खेलकूद प्रतियोगिताओं के लिए पहचाना जाता है, लेकिन जब बुनियादी ढांचे की बात आती है तो तस्वीर उतनी उजली नहीं दिखती है। गांव का सबसे बड़ा दर्द है संपर्क मार्ग है।

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    यह रास्ता बोहका को नांगल, जमालपुर, कुंड और भोजवास सहित सीधे नारनौल और रेवाड़ी से जोड़ता है। इस मार्ग पर 100 से अधिक परिवारों के घर और किसानों की ज़मीनें आती हैं। वर्षा होते ही हालात बदतर हो जाते हैं। ग्रामीणों की तरफ से बार-बार मांग उठाने के बावजूद समस्या जस की तस बनी हुई है।

    जर्जर हालत में पंचायत भवन, हादसे को आमंत्रण

    गांव में बना पंचायत भवन जर्जर हालत में है। जर्जर हालत में पहुंच चुका यह भवन अब गिरने की कगार पर है। पंचायत में किसी भी बैठक या अधिकारी के दौरे पर उन्हें खुले में बैठना पड़ता है। न तो पंचायत विभाग की तरफ से इस भवन को गिराया गया है और न ही नए भवन के निर्माण के लिए प्रक्रिया शुरू हुई है। इसके चलते यहां पर हादसा हाेने का भी खतरा बना रहता है। जबकि ग्रामीणों की तरफ से इसको लेकर कई बार मांग की जा रही है।

    गांव में खेल सुविधा का अभाव, युवा परेशान

    इन दोनों अहम मुद्दों के साथ ही गांव में खेल सुविधाओं का भी अभाव बना हुआ है। पंचायत इसके लिए ज़मीन देने को भी तैयार है, लेकिन जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण यह मामला भी सिरे नहीं चढ़ पा रहा है। ऐसे में ग्रामीण प्रतिभाएं निखरने से पहले ही खेल सुविधाओें के अभाव में दम तोड़ रही हैं। वहीं, गांव में पशु अस्पताल की सुविधा भी नहीं है। अभी उन्हें इलाज के लिए मंदौला गांव के अस्पताल में जाना पड़ता है, जो काफी दूर है।

    संपर्क मार्ग हमारे गांव के लिए लिए जीवनरेखा है। पूरे इलाके के लोग इसी रास्ते से आते-जाते हैं। वर्षा के मौसम में हालत यह हो जाती है कि स्कूल बसें बीच में ही धंस जाती हैं और बच्चों को घर वापस भेजना पड़ता है। गांव का विकास इसी सड़क पर टिका है, अगर यह पक्की हो जाए तो बोहका का चेहरा बदल सकता है। - शेर सिंह, ग्रामीण

    आसपास के गांवों की सभी संपर्क मार्ग पक्के बन चुके हैं, लेकिन बोहका आज भी पीछे छूटा है। किसान अपने खेतों तक जाने में रोजाना परेशान होते हैं। यह सिर्फ सुविधा का सवाल नहीं, बल्कि बच्चों की पढ़ाई और किसानों की आजीविका का मुद्दा है। - सतीश कुमार, ग्रामीण

    पंचायत सचिवालय की जर्जर हालत हादसे को न्योता दे रही है। बोहका जैसा बड़ा गांव आज भी बिना सुरक्षित पंचायत भवन के बैठकों का खुल्ले आसमान के नीचे आयोजन करना पड़ता है। - बबर सिंह, पूर्व पंच

    सरकारी योजनाओं की जानकारी और उनका संचालन बिना पंचायत भवन के संभव ही नहीं है। बोहका को तुरंत नया पंचायत सचिवालय मिलना चाहिए, तभी गांव प्रशासनिक रूप से मजबूत हो पाएगा। - आकाश कुमार, ग्रामीण

    हमारे गांव के पशुपालकों को इलाज के लिए मंदोला गांव में जाना पड़ता है, जो काफी दूर है। सप्ताह में कम से कम एक दिन पशु चिकित्सक बोहका में बैठें, ताकि पशुपालकों को सुविधा मिल सके और पशुओं का समय पर इलाज हो। - अमित कुमार, ग्रामीण

    हमारे गांव में तीन आंगनबाड़ी केंद्र हैं लेकिन आंगनबाड़ी के भवन ही नहीं है। अगर सरकार सही मायनों में बच्चों के भविष्य की चिंता करती है तो बोहका में नया आंगनबाड़ी भवन तुरंत बनवाया जाना चाहिए। - संदीप कुमार, ग्रामीण

    हमारे गांव में अभी तक संपर्क मार्ग पक्का नहीं बना है। दर्जनों गांवों के लोग इसी रास्ते का आने जाने के लिए प्रयोग में लेते हैं। साथ ही पंचायत भवन की समस्या भी उतनी ही गंभीर है। जर्जर अवस्था में खड़ा यह भवन कभी भी गिर सकता है। - अमित सुहाग, सामाजिक कार्यकर्ता

    गांव का संपर्क रास्ता हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के तहत बनना है। इसकी फाइल चंडीगढ़ भेजी गई है, लेकिन अभी तक हमारे पास कोई स्वीकृति नहीं आई है। यह हमारी प्राथमिक मांग है। पंचायत सचिवालय के कमरे जर्जर हैं, सरकार से अपील है कि नया पंचायत सचिवालय और खेल ग्राउंड ओर खेल नर्सरी भी बनाए जाएं। साथ ही सप्ताह में कम से कम एक दिन पशु चिकित्सक बोहका में जरूर बैठें। आंगनबाड़ी भवन का निर्माण भी करवाया जाए। - महिमा, सरपंच बोहका