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    यूपी के भाजपा नेता की राजस्थान में हत्या, हनी ट्रैप और ठगी से जुड़ रहे तार!

    Updated: Wed, 24 Sep 2025 08:39 PM (IST)

    बलिया के भाजपा नेता अशोक सिंह और मैकेनिक विकास कुमार की राजस्थान में हत्या कर दी गई। उनसे 10 लाख रुपये ट्रांसफर कराए गए थे। शव कुएं में मिले। उन्हें जनरेटर बेचने के बहाने बुलाया गया था और गुरुग्राम कोटपुतली में घुमाया गया। पुलिस हनीट्रैप या ब्लैकमेलिंग की आशंका से जांच कर रही है।

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    जबरन 10 लाख ट्रांसफर कराने के बाद यूपी के भाजपा नेता व साथी की हत्या।

    जागरण संवाददाता, भिवाड़ी। उत्तर प्रदेश में बलिया के भाजपा किसान मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष अशोक सिंह व उनके बाइक शोरूम के मैकेनिक विकास कुमार की राजस्थान के बहरोड़-कोतपुतली जिले में जबरन 10 लाख रुपये ट्रांसफर कराने के बाद हत्या कर दी गई।

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    दोनों के शव को शाहजहांपुर थाना एरिया में पड़ने वाले गांव जौनायचा खुर्द गांव के अलग-अलग कुएं में फेंक दिया। शातिर बदमाशों ने उन्हें नौ लाख रुपये की कीमत का जनरेटर तीन लाख रुपये में बेचने के बहाने बुलाया था।

    इसके बाद उन्हें गुरुग्राम और कोटपुतली में घुमाया गया। लोकेशन ट्रेस करते हुए बलिया की पुलिस शाजहांपुर पहुंची तो इस दोहरे हत्याकांड से पर्दा उठा। इस हाई प्रोफाइल हत्याकांड में सबसे बड़ा सवाल यही है कि पुलिस अभी तक यह समझ नहीं पाई कि यह हनीट्रैप या ब्लैकमेलिंग?

    हालांकि पुलिस की टीमें अलग-अलग एंगल से जांच कर रही है। अशोक सिंह के एक भाई आईआरएस और दूसरे पीसीएस अधिकारी हैं।

    दरअसल, उत्तर प्रदेश के बलिया में अघैला गांव के रहने वाले 53 वर्षीय अशोक सिंह बजाज बाइक की एजेंसी चलते थे। 16 सितंबर को अशोक सिंह की ऑनलाइन ठगों से जनरेटर खरीदने की डील हुई थी।

    नौ लाख रुपये कीमत का जनरेटर उन्हें साढ़े तीन लाख में दिलाने का लालच दिया गया था। इसके बाद अशोक सिंह शोरूम में बतौर मैकेनिक काम करने वाले विकास कुमार के साथ 18 सितंबर को बलिया से राजस्थान के लिए रवाना हो गए।

    अशोक सिंह के छोटे भाई आईआरएस अधिकारी निर्भय नारायण सिंह ने बताया कि वह घर से बिना बताए जयपुर के लिए निकले थे। वह 19 सितंबर को उनसे संपर्क करने की कोशिश करता रहा, लेकिन फोन लगातार स्विच ऑफ मिला। इसके बाद बलिया थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई गई।

    पहले गुरुग्राम फिर कोटपुतली में घुमाया

    शाहजहांपुर एसएचओ मनोहर लाल मीणा ने बताया कि उत्तर प्रदेश से आने के बाद दोनों को एक-दो दिन तक अलग-अलग क्षेत्रों में घुमाया गया। कभी गुरुग्राम तो कभी कोटपूतली क्षेत्र में ले जाया गया।

    मोबाइल लोकेशन ट्रेस करने पर बलिया पुलिस को पहले कोटपूतली और बहरोड़ के इलाके में लोकेशन मिली, लेकिन शाहजहांपुर पहुंचने से पहले ही उनका मोबाइल बंद हो गया। ऐसे में शहजहांपुर एरिया में ही बलिया पुलिस के साथ मिलकर सर्चिंग की गई।

    बेटे से आखिरी बार तीन लाख रुपये ट्रांसफर कराये

    मृतक अशोक सिंह के भाई आईआरएस अधिकारी निर्भय नारायण सिंह ने सबसे पहले रेल भवन नई दिल्ली के पुलिस थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। वहीं दूसरी तरफ स्वजन ने बलिया पुलिस को भी शिकायत दी।

    बलिया पुलिस ने मोबाइल लोकेशन व अन्य जानकारी के आधार पर शाहजहांपुर पुलिस से संपर्क किया। दोनों टीमों की संयुक्त जांच में गांव सांसेडी और जौनायचा खुर्द सीमा के बीच स्थित दो अलग-अलग कुओं से क्षत-विक्षत हालत में दोनों के शव बरामद कर लिए।

    पुलिस सूत्रों के अनुसार, हत्याकांड को अंजाम देने वाले आरोपियों ने गुरुग्राम में अशोक सिंह के एक्सिस बैंक, पीएनबी व एसबीआई के खाते से कुल सात लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए। इसके बाद आखिरी बार 20 सितंबर को अशोक सिंह से ही उनके बेटे आयुष के पास काॅल कराई गई।

    अशोक सिंह ने आयुष से तीन लाख रुपये एक अकाउंट नंबर देते हुए ट्रांसफर कराने को कहा। उस समय अशोक सिंह कुछ घबराये हुए लग रहे थे। आयुष ने अपने शोरूम के मैनेजर से पिता द्वारा बताए गए बैंक अकाउंट पर तीन लाख रुपये ट्रांसफर करा दिए। इसके बाद दोबारा उनके संपर्क नहीं हुआ।

    दो लोगों की हत्या के मामले की जांच हमारी साइबर टीम के अलावा विशेष पुलिस दल कर रहा है। प्ररांरभिक जांच में पता चला कि उन्हें शातिर लोगों ने जनरेटर बेचने के बहाने बुलाकर हत्या की। हत्या करने वाले ठग गिरोह के सदस्य है या फिर किसी ब्लैकमेलिंग गिरोह से जुड़े है, उसकी जांच की जा रही है। जल्द ही हत्याकांड की गुत्थी को सुलझा लिया जाएगा।

    - मनोहरलाल मीणा, एसएचओ शाहजहांपुर

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