इधर पंचतत्व में विलीन हुए शहीद राय सिंह, उधर जली बुआ की चिता
एक तरफ शहीद की चिता जल रही थी और दूसरी तरफ उनके परिवार में उस वक्त गम का पहाड़ टूट पड़ा जब खबर आई कि शहीद राय सिंह की मौत से सदमे में उनकी बुआ का भी द ...और पढ़ें

सोनीपत [जेएनएन]। जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में शहीद हुए राय सिंह का उनके पैतृक गांव रोहतक के खेड़ी सांपला मे अंतिम संस्कार हुआ। एक तरफ जब राजकीय सम्मान के साथ शहीद राय सिंह पंचतत्व में विलीन हुए तो वहीं, दूसरी तरफ छिछड़ाना गांव में उनकी बुआ मूर्ति देवी की चिता जली।
शहीद के परिवार में उस वक्त गम का पहाड़ टूट पड़ा जब खबर आई कि शहीद राय सिंह की मौत से सदमे में उनकी बुआ का भी देहांत हो गया है। शहीद राय सिंह की बुआ मूर्ति देवी गोहाना के बरोदा थानााक्षेत्र के छिछड़ाना गांव की रहने वाली थीं।
फरीदाबाद: पीएम मोदी का नाम लेकर बुजुर्ग दंपति के घर घुसे बदमाश, और फिर...
भतीजे की शहादत की सूचना मिलते ही मूर्ति देवी अपने बेटों के साथ सोमवार को सांपला चली गईं। जानकारी के अनुसार मंगलवार को शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचने से पहले ही सदमे में बुआ मूर्ति देवी को हार्ट अटैक आया। मूर्ति देवी को पीजीआई रोहतक ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। विधि की विडंबना रही कि बुआ-भतीजे का अंतिम संस्कार एक ही समय में अलग-अलग स्थानों पर हुआ।
...और इस तरह से 45 हजार करोड़ का काला धन हो गया सफेद
शहीद राय सिंह की शहादत पर प्रदेश भर में गम का माहौल है लेकिन शहीद के परिवार को राय सिंह की शहादत पर गर्व है। राय सिंह 1995 में श्रीनगर से ही बीएसएफ में भर्ती हुए थे। शहीद राय सिंह के परिवार में उनकी माता चंद्रो देवी, पत्नी सुनीता और तीन बेटे हितेश, कर्मबीर और पारस हैं।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।