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    गुर्जर समाज की पंचायत में कई बड़े फरमान, दूल्हे की माला की कीमत तय; रीति-रिवाजों पर भी कई पाबंदियां

    By Rajesh KumarEdited By: Rajesh Kumar
    Updated: Sun, 02 Mar 2025 05:57 PM (IST)

    रेवाड़ी के गांव बखापुर में गुर्जर समाज की पंचायत हुई जिसमें समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करने के लिए कई निर्णय लिए गए। इनमें शादी में दूल्हे को पहनाई जाने वाली नोटों की माला की कीमत 5100 रुपये तक सीमित करना और शराब परोसने पर प्रतिबंध शामिल हैं। गुर्जर समाज के प्रधान चरण सिंह खटाना ने बताया कि पंचायत में सर्वसम्मति से ये फैसले लिए गए हैं।

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    व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करने के लिए कई अहम निर्णय लिए गए। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, रेवाड़ी। गांव बखापुर के बाबा देव नारायण मंदिर में रविवार को गुर्जर समाज के गांवों की पंचायत हुई। इस पंचायत में समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करने के लिए कई अहम निर्णय लिए गए।

    समाज को एकजुट करने की पहल

    नौ सूत्रीय मांगों के माध्यम से समाज को एकजुट करने की पहल की गई। पंचायत की अध्यक्षता थावर सिंह चावड़ी ने की। पंचायत में निर्णय लिया गया कि आज से किसी भी गांव में शादी के समय दूल्हे को पहनाई जाने वाली नोटों की माला 5100 रुपये से अधिक की नहीं होगी।

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    इतना ही नहीं, बच्चा पैदा होने पर छठी की रात बांटे जाने वाले बर्तनों पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है।

    गुर्जर समाज के प्रधान चरण सिंह खटाना ने बताया कि पंचायत में सर्वसम्मति से ये फैसले लिए गए हैं। इन फैसलों के लागू होने से न सिर्फ अमीरी-गरीबी का फर्क खत्म होगा, बल्कि खुशी के मौकों पर होने वाली फिजूलखर्ची भी रुकेगी।

    शराब परोसने का चलन भी बंद

    इतना ही नहीं, शादी-ब्याह के मौके पर शराब परोसने का चलन भी बंद हो जाएगा। अगर न शराब परोसी जाएगी और न ही गाना-बजाना होगा, तो शादी-ब्याह या अन्य मौकों पर होने वाले झगड़े अपने आप खत्म हो जाएंगे।

    बता दें कि इससे पहले कमालपुर-मुंढनवास और इब्राहिमपुर की पंचायत ने भी ऐसा ही फैसला लिया था। दोनों पंचायतों द्वारा लिए गए फैसले के बाद रविवार को गुर्जर समाज की ओर से पंचायत बुलाई गई। जिसमें सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने की पहल की गई।

    पंचायत में साफ तौर पर कहा गया कि अगर कोई भी व्यक्ति पंचायत का फैसला नहीं मानता है तो उसका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा।

    पंचायत में ये नौ फैसले लिए गए

    पंचायत में फैसला लिया गया कि अब किसी भी गांव में तेज आवाज में संगीत नहीं बजाया जाएगा। शादी समारोह में रोक-टोक नहीं होगी। भात का निमंत्रण देने सिर्फ 11 महिलाएं ही जाएंगी।

    लड़का या लड़की के जन्म पर दी जाने वाली छुछक बंद कर दी जाएगी, छठी की रात बर्तन नहीं बांटे जाएंगे। रिश्ता तय करने के लिए सिर्फ पांच लोग ही आएंगे।

    दूल्हे को पहनाई जाने वाली माला की कीमत 5100 रुपये तक होगी। गांव की सीमा में शराब की कोई दुकान नहीं खुलेगी।

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