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    घर का इकलौता चिराग... 10 दिन पहले हुई सगाई, अब चल रही थी शादी की तैयारी; बलिदान हुए पायलट के गांव में छाया मातम

    Updated: Fri, 04 Apr 2025 07:43 AM (IST)

    गुजरात के जामनगर में बुधवार की रात वायुसेना के लड़ाकू जेट विमान जगुआर को उड़ाते वक्त क्रैश होने से वीरगति को प्राप्त हुए फाइटर पायलट सिद्धार्थ यादव रेवाड़ी के भालखी-माजरा के रहने वाले थे। उनकी सगाई 23 मार्च को हुई थी और 31 मार्च को डयूटी ज्वाइन की थी। दो नवंबर को होने वाली शादी की तैयारी चल रही थी।

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    लड़ाकू विमान (जगुआर) क्रैश मामला : दस दिन पहले हुई थी सगाई, शादी की चल रही थी तैयारी

    जागरण संवाददाता, रेवाड़ी। गुजरात के जामनगर में बुधवार की रात वायुसेना के लड़ाकू जेट विमान जगुआर को उड़ाते वक्त क्रैश होने से वीरगति को प्राप्त हुए फाइटर पायलट सिद्धार्थ यादव रेवाड़ी के भालखी-माजरा के रहने वाले थे।

    बताया गया कि उनकी सगाई 23 मार्च को हुई थी और अवकाश अवधि समाप्त होने के बाद 31 मार्च को डयूटी ज्वाइन की थी। सगाई के बाद सिद्धार्थ के स्वजन दो नवंबर को होने वाली शादी की तैयारी कर रहे थे कि बृहस्पतिवार की सुबह इस अनहोनी की सूचना परिवार को मिली।

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    वहीं, अपने लाडले के बलिदान की सूचना पाने के बाद माता-पिता और परिवार के लोग स्तब्ध रह गए। गांव में दोपहर को किसी घर में चूल्हा नहीं जला। अमर बलिदानी के पार्थिव शरीर को वायुसेना की गाड़ी से गांव देर रात तक लाया जाएगा। सूचना के बाद से ही बलिदानी के घर स्वजन को सांत्वना देने के लिए रिश्तेदार पहुंच शुरू हो गए हैं। 

    अंतिम सांस तक लड़े सिद्धार्थ

    बलिदानी सिद्धार्थ यादव के मामा के लड़के सचिन यादव ने बताया है कि दो अप्रैल की रात फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ नियमित प्रशिक्षण के लिए जगुआर विमान लेकर निकले थे। उनके साथ अन्य साथी भी था। इसी दौरान जगुआर में कुछ तकनीकी खराबी आई।

    इसके बाद इसे सही से लैंडिंग करने की तमाम कोशिशें की गईं, लेकिन एक समय ऐसा आया जब पता चल गया कि विमान का क्रैश होना निश्चित है। इसके बाद अपनी जान की परवाह किए बगैर सिद्धार्थ ने साथी को इजेक्ट कराया और विमान कहीं घनी आबादी में न गिरे, इसके लिए प्रयास शुरू किया। वह विमान को खाली जगह में ले गए और वीरगति को प्राप्त हुए। उनकी इस वीरता पर सभी को गर्व है।

    परिवार की चार पीढ़ी सेना में

    सचिन यादव ने बताया है कि सिद्धार्थ के परदादा बंगाल इंजीनियर्स में कार्यरत थे, जो ब्रिटिशर्स के अंडर में आता था। सिद्धार्थ के दादा पैरा मिलिट्री फोर्स में थे। इसके बाद उनके पिता भी एयरफोर्स में रहे। वर्तमान में वह एलआइसी में कार्यरत हैं। यह चौथी पीढ़ी थी जो सेना में सेवाएं दे रही थी। सिद्धार्थ ने 2017 में एनडीए की परीक्षा पास की थी।

    इसके बाद तीन साल का प्रशिक्षण लेकर उन्होंने बतौर फाइटर पायलट वायुसेना ज्वाइन की थी। उन्हें दो साल बाद प्रमोशन मिला था, जिससे वह फ्लाइट लेफ्टिनेंट बन गए थे। घर पर सांत्वना देने वालों का तांता लगा गत 23 मार्च को ही सिद्धार्थ की सगाई हुई थी। इसके बाद पूरा परिवार सिद्धार्थ की शादी का इंतजार कर रहा था। दो नवंबर को उनकी शादी होनी तय हुई थी, लेकिन दो अप्रैल की भोर अनहोनी की सूचना आई और परिवार सहित पूरा रेवाड़ी गम में डूब गया।

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    सिद्धार्थ के पिता रेवाड़ी के सेक्टर-18 में बना रखा है। इस घर में ही सिद्धार्थ की सगाई हुई थी। यहां अब पार्थिव शरीर लाया जाएगा। परिवार मूल रूप भालखी-माजरा का रहने वाला है। वह लंबे समय से रेवाड़ी में ही रह रहे हैं। बेटे की शादी से पहले उन्होंने सेक्टर-18 में घर बनाया है। इसी घर पर बेटे की शादी होनी थी। लेकिन, अब घर पर सांत्वना देने वालों का तांता लगा हुआ है। सिद्धार्थ बड़े बेटे थे, उनकी एक छोटी बहन हैं।