Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Kisan Andolan: 1977 में देश में लगाए गए आपातकाल के काले अध्याय का सच बताएंगे किसान नेता

    By Jp YadavEdited By:
    Updated: Sun, 13 Jun 2021 06:48 AM (IST)

    Kisan Andolan संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार 26 जून को दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन के सात महीने पूरे होने और एक अधिनायकवादी सरकार द्वारा लागू की गई इमर्जेसी की 46वें वर्षगांठ पर लोगों को आगाह करने के लिए विशेष कार्यक्रम होंगे।

    Hero Image
    Kisan Andolan: 1977 में देश में लगाए गए आपातकाल के काले अध्याय का सच बताएंगे किसान नेता

    नई दिल्ली/रेवाड़ी [महेश कुमार वैद्य]। संयुक्त किसान मोर्चा ने तीनों कृषि सुधार कानूनों के विरोध को लेकर जारी संघर्ष तेज करने का एलान किया है। शनिवार को तीन कार्यक्रम तय किए गए। 14 जून को गुरु अर्जनदेव का शहीदी दिवस और 24 जून को कबीर जयंती मनाई जाएगी। सबसे अहम कार्यक्रम 26 जून का रहेगा। इस दिन मोर्चे की ओर से देशभर में राजभवनों के बाहर खेती बचाओ लोकतंत्र बचाओ अभियान के तहत धरना दिया जाएगा। खास बात यह रहेगी कि किसान नेता आंदोलन का समर्थन कर रही कांग्रेस की नाराजगी की चिंता छोड़कर इस दिन आपातकाल के काले अध्याय का सच भी लोगों को बताएंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    संयुक्त किसान मोर्चा के नेता गंभीरता से आंदोलन की तैयारी में जुट गए हैं। आंदोलन की रूपरेखा देखकर यह तय है कि आपातकाल के लिए इंदिरा गांधी को जिम्मेदार ठहराने में किसान नेता संकोच नहीं करेंगे। किसान नेताओं ने जागरण से बातचीत में भी कहा कि हमारा संघर्ष किसी राजनीतिक दल के भरोसे नहीं चल रहा है। गुरनाम सिंह चढूनी ने 26 जून का दिन चुनने के पीछे की वजह पर टिप्पणी नहीं की, मगर योगेंद्र यादव व कुछ अन्य किसान प्रतिनिधियों ने यह स्पष्ट किया कि हमारी लड़ाई लोकतंत्र के लिए है। फिर कांग्रेस हो या भाजपा, हमें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।

    यह है 26 जून का कार्यक्रम

    मोर्चे की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार 26 जून को दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन के सात महीने पूरे होने और एक अधिनायकवादी सरकार द्वारा लागू की गई इमर्जेसी की 46वें वर्षगांठ पर लोगों को आगाह करने के लिए विशेष कार्यक्रम होंगे। राज्यपालों को ज्ञापन देकर मांगें बताई जाएंगी और यह भी रेखांकित किया जाएगा कि अघोषित आपातकाल की वर्तमान परिस्थिति में नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन न हो। मिशन उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड पर भी संयुक्त किसान मोर्चा में जल्दी ही विस्तृत चर्चा होगी।

    याद रखने वाला दिन है 26 जून

    हमने 26 जून का कार्यक्रम इसलिए रखा है, क्योंकि इस दिन देश को आपातकाल की जानकारी मिली थी और इसी दिन हमारे आंदोलन के सात महीने पूरे हो रहे हैं। संयुक्त मोर्चा अपने कार्यक्रम किसी राजनीतिक दल की नाराजगी को देखकर नहीं बनाता। उम्मीद है, जो लोग हमारे आंदोलन को कांग्रेस से जोड़कर दिखाने की हास्यास्पद कोशिश कर रहे हैं उन्हें कुछ समझ आएगी।

    Kisan Andolan: जानें- कैसे राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव व गुरनाम सिंह चढूनी ने बढ़ाई रेवाड़ी के लोगों की मुसीबत

    योगेंद्र यादव (किसान नेता) की मानें तो इस आंदोलन के दौरान हमने केंद्र सरकार के साथ-साथ हर राज्य सरकार के किसान विरोधी कामों की खबर ली है, चाहे वह किसी भी पार्टी की हो। इमर्जेसी लोकतंत्र का काला अध्याय था और वर्तमान सरकार भी अब अघोषित इमर्जेसी लागू कर चुकी है। हमारा 26 जून का धरना हर तरह के जन आंदोलन के दमन और लोकतांत्रिक संस्थाओं की हत्या के खिलाफ रहेगा।

    शहर के इस पॉश इलाके में घर-घर Gold और 'पांडे जी' की चर्चा, 40 Kg सोना व साढ़े 6 करोड़ की चोरी बनी चर्चा का विषय

    मंजीत सिंह राय (सदस्य, संयुक्त किसान मोर्चा) का कहना है कि इमर्जेंसी में छीन लिए गए थे लोगों के अधिकार26 जून इंदिरा गांधी के तानाशाही रवैये को दर्शाती है। आपातकाल में इंदिरा गांधी ने किसी की न सुनते हुए लोगों के अधिकारों का हनन किया था। यही वजह थी कि बाद में लोगों ने उन्हें भी उखाड़ फेंका था। यह इस सरकार के लिए भी चेतावनी है। 

    ये भी पढ़ेंः दिल्ली में महिला की घिनौनी करतूत आयी सामने, किशोरी का किया यौन उत्पीड़न; बनाया समलैंगिक संबंध

    हरियाणा में चर्चा का विषय बनी दो लड़कियों की शादी, कोर्ट ने भी दी साथ-साथ रहने की इजाजत

    comedy show banner
    comedy show banner