Delhi Jaipur Highway Accident: उजड़ गई हंसती-खेलती दो जिंदगियां, अभी मौत से जंग लड़ रहे 2 कारोबारी
NH-48 Accident दिल्ली-जयपुर हाईवे (NH-48) पर बनीपुर चौक के पास फ्लाईओवर का निर्माण अधूरा होने से बड़ा हादसा हुआ। रसायन से भरा टैंकर पलटने से दो कारोबारियों की मौत हो गई और दो गंभीर रूप से घायल हो गए। फ्लाईओवर का निर्माण 2019 में स्वीकृत हुआ था लेकिन एजेंसी की लापरवाही के कारण डेढ़ साल से अटका हुआ है। NHAI के अधिकारी एजेंसी पर कार्रवाई करने में विफल रहे।

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी। Rewari Accident देश की राजधानी दिल्ली को आर्थिक राजधानी मुंबई से जोड़ने वाला दिल्ली-जयपुर हाईवे (एनएच-48) व्यस्ततम हाईवे में से एक है। लेकिन, इसके रख रखाव और निर्माण कार्य का जिम्मा रखने वाले अधिकारियों की गैर जिम्मेदार रवैए से सोमवार देर रात गाजियाबाद के दो कारोबारियों की हंसती खेलती जिंदगी उजड़ गई।
वहीं, दो कारोबारी 50 प्रतिशत तक झुलसे हुए हैं, जिंदगी जंग लड़ रहे हैं, हालांकि डॉक्टर ने उनकी जान खतरे से बाहर बताई है। रसायन से भरा टैंकर पलटने का सबसे बड़ा कारण बनीपुर चौक पर डेढ़ साल से अधूरा पड़ा फ्लाईओवर का निर्माण कार्य ही है। जिसकी वजह से सर्विस रोड पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए और सड़क के बीच में रखे गए सीमेंट के बेरिकेड अंधेरा होने के कारण नजर ही नहीं आते। इतना ही नहीं सड़क पर रखे इन सीमेंट के बेरिकेड पर रिफ्लेक्टर तक नहीं लगे हैं। रसायन से भरा टैंकर भी पहले सीमेंट के डिवाइडर से ही टकराया और फिर सड़क पर पलट गया।
दरअसल, बनीपुर चौक पर फ्लाईओवर नहीं होने की वजह से हर साल 100 से ज्यादा सड़क हादसे हो रहे थे। जिसके बाद एनएचआई ने 2019 में यहां फ्लाईओवर स्वीकृत किया। हालांकि इसका निर्माण कार्य कोरोना की वजह से दो साल की देरी से 2022 में शुरू हो सका। 29 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस फ्लाईओवर को 2023 के अंत तक बन जाना था। लेकिन, काम में देरी होती चली गई। इतना ही नहीं 2024 में टेंडर लेने वाली एजेंसी ने काम ही बंद कर दिया। एजेंसी द्वारा काम बंद करने पर एनएचआइ के अधिकारियों ने नोटिस भेजकर जवाब मांगा।
इसके बाद उसे ब्लैक लिस्ट करने की भी तैयारी की लेकिन कार्रवाई नहीं की गई, क्योंकि इसी एजेंसी के पास राजस्थान में कोटपुतली और शाहपुरा फ्लाईओवर का भी टेंडर था। ऐसे में एजेंसी से पहले राजस्थान के इन दोनों फ्लाईओवर का निर्माण कराया गया। डेढ़ साल बीत जाने के बाद पिछले माह ही बनीपुर चौक फ्लाईओवर का निर्माण कार्य दोबारा से शुरू हुआ है। डेढ़ साल काम अधूरा पड़ा रहने पर एनएचएआइ जयपुर के डिप्टी मैनेजर महेंद्र चावला ने तर्क दिया कि एजेंसी की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, जिसकी वजह से काम में देरी हुई।
रेवाड़ी का 40 किलोमीटर का हिस्सा जयपुर के अधीन दिल्ली से जयपुर के बीच रेवाड़ी जिले की सीमा में पड़ने वाला एनएच-48 का करीब 40 किलोमीटर का हिस्सा कापड़ीवास से लेकर जयसिंहपुर खेड़ा तक एनएचएआइ के जयपुर मंडल के अधीन आता है। बनीपुर चौक से पहले बनकर तैयार हुए कोटपुतली व शाहपुरा के दोनों फ्लाईओवर की स्वीकृति बनीपुर चौक के बाद हुई थी।
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इसके बावजूद यह दोनों बनकर तैयार हो गए, क्योंकि यह राजस्थान की सीमा में थे, जिसकी वजह से अधिकारियों ने वहां ध्यान ज्यादा दिया, जबकि बनीपुर चौक फ्लाईओवर का निर्माण कार्य डेढ़ साल तक अधूरा पड़ा रहा।
प्रतिदिन गुजरते हैं 80 हजार तक वाहन
दिल्ली और मुंबई के बीच मालवाहक वाहनों के लिए एनएच-48 सबसे सुगम हाईवे है। यही वजह है कि सबसे ज्यादा मालवाहक वाहन इसी हाईवे से गुजरते हैं। ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक, प्रतिदिन हाईवे से 70 से 80 हजार वाहन गुजरते हैं।
इनमें बड़ी संख्या में दिल्ली-जयपुर के बीच कार, बस व अन्य वाहन भी शामिल है। इतना व्यस्ततम हाईवे होने के बावजूद यहां फ्लाईओवर जैसे प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य डेढ़ साल तक अधूरा पड़ा वो भी इस वजह से कि टेंडर लेने वाली फर्म की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। यह भी अपने आप में एक सवाल है।
बनीपुर चौक के फ्लाईओवर निर्माण में एजेंसी की तरफ से देरी हुई है। एजेंसी की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। हालांकि अब एजेंसी ने काम शुरू कर दिया है। पहले अगस्त तक काम पूरा करने की बात कही थी लेकिन अब अक्टूबर तक निर्माण कार्य पूरा हो जाने की उम्मीद है। - महेंद्र चावला, डिप्टी मैनेजर, एनएचएआइ, जयपुर
बनीपुर चौक पर बनने वाले फ्लाईओवर के निर्माण की वजह से ट्रैफिक की समस्या काफी समय से बनी हुई है। पुलिस ने अपने स्तर पर हर संभव प्रयास किए हैं। हाईवे से प्रतिदिन 70 से 80 हजार वाहन गुजरते हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह हाईवे कितना व्यस्त है। फ्लाईओवर निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए हम भी एनएचएआइ को पत्र लिखेंगे। - पवन कुमार, डीएसपी, ट्रैफिक
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