रेवाड़ी हादसे में जान बचाने के लिए नंगे बदन आधा किलोमीटर तक दौड़े सुमित और ऋषि, दाे साथियों की मौत
रेवाड़ी में केमिकल टैंकर पलटने से कार में आग लगने पर ऋषि और सुमित गंभीर रूप से झुलस गए। जान बचाने के लिए वे नंगे बदन भागे और एक बाइक सवार की मदद से अस्पताल पहुंचे। सुमित ने परिजनों को फोन पर घटना की जानकारी दी। दोनों लगभग 50 प्रतिशत तक झुलसे हैं लेकिन अब खतरे से बाहर हैं।

अमित भाटिया, दक्षिणी दिल्ली। रेवाड़ी में मंगलवार को केमिकल टैंकर पलटने से कार में लगी आग की चपेट में आकर गंभीर रूप से झुलसे ऋषि और सुमित अपनी जान बचाने के लिए करीब आधा किलोमीटर तक नंगे बदन दौड़ लगाने को मजबूर हो गए। जब वे लोग वहां फैले केमिकल से काफी दूर पहुंच गए तब रुककर उन्होंने सांस ली। इस दौरान वहां पहुंचे एक बाइक सवार से दोनों ने मदद मांगी, जिसने उन्हें ऑटो में पास के ही एक क्लीनिक पहुंचाया। दोनों काे गंभीर हालत में सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है और अब हालत खतरे से बाहर है।
परिजनों को पता चला हादसा
सफदरजंग अस्पताल में मौजूद सुमित गोयल के चचेरे भाई गौरव ने बताया कि सुमित रात को घर में मार्केट के व्यापारियों के साथ खाटू श्याम दर्शन करने के लिए निकला था। सुमित अक्सर मार्केट के व्यापारियों के साथ धार्मिक यात्राओं पर जाता रहता है।
आधी रात को हादसे में गंभीर रूप से झुलसे सुमित ने क्लीनिक में उपचार के दौरान वहीं से अपने पिता आरके गुप्ता को फोन कर घटना की जानकारी दी। ऐसे में परिवार के कुछ सदस्य रात को ही रेवाड़ी निकल गए थे। सुबह करीब 5.30 बजे उन्हें रेफर कर सफदरजंग अस्पताल लाया गया।
कार में भी अचानक आग लग गई
गौरव के अनुसार, दोनों की हालत ठीक है और बातचीत कर रहे हैं। सुमित ने भाई गौरव को बताया कि टैंकर पलटते ही कार में भी अचानक आग लग गई। सुमित कार चला रहा था, जबकि ऋषि उनके साथ वाली सीट पर बैठा था।
आग लगते ही सुमित ने गेट खोलने की कोशिश की, मगर उसकी तरफ का दरवाजा नहीं खुला। ऋषि ने जैसे ही अपनी तरफ का गेट खोला तो आग का भभका उसके चेहरे पर आया, जिससे उसका चेहरा झुलस गया।
दोनों ने जैसे तैसे कार से कूदे तो उनके कपड़ों में आग लग गई। दोनों ने कपड़े उतारकर फेंक दिए और करीब आधा किलोमीटर तक दौड़ लगाकर जान बचाई। दोनों करीब 50 प्रतिशत तक झुलसे हैं।
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