रेवाड़ी में खेल नर्सरियों में सिर्फ हाजिरी भरने से नहीं चलेगा काम, करना होगा ये काम
रेवाड़ी में खेल नर्सरियों को लेकर खेल विभाग सख्त हो गया है। अब सिर्फ हाजिरी भरने से काम नहीं चलेगा प्रशिक्षकों को खिलाड़ियों को बेहतर प्रदर्शन के लिए तैयार करना होगा। खेल विभाग नर्सरियों पर लगातार नजर रख रहा है और इसके लिए एक कमेटी भी बनाई गई है जो औचक निरीक्षण कर रिपोर्ट देगी। अधिकारियों को महीने में दो से तीन बार नर्सरियों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए।

ज्ञान प्रसाद, रेवाड़ी। अब खेल नर्सरियों में सिर्फ उपस्थिति दर्ज कराने से काम नहीं चलेगा। प्रशिक्षकों को भी बेहतर परिणाम के लिए खिलाड़ियों को तैयार करना होगा।
प्रशिक्षकों को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। इस बार खेल विभाग खेल नर्सरियों के आयोजन और खिलाड़ियों को लगन के साथ खेलों का अभ्यास कराने पर जोर दे रहा है। यही कारण है कि खेल नर्सरियों पर लगातार नजर रखी जा रही है।
शीर्ष से लेकर जिला स्तर तक के खेल विभाग के अधिकारी और प्रतिनिधि विभिन्न नर्सरियों का दौरा कर रहे हैं। खेल विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जिम्मेदारी भी सौंपी गई है।
इसके लिए खेल विभाग द्वारा एक कमेटी भी बनाई गई है जो विभिन्न नर्सरियों का औचक निरीक्षण कर वहां की गतिविधियों की रिपोर्ट तैयार कर उच्च विभाग को भेज रही है।
माह में दो से तीन बार करना है निरीक्षण
अधिकारियों को जिले में चल रही सभी खेल नर्सरियों का महीने में दो से तीन बार निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें खेल अधिकारी और खेल विभाग द्वारा गठित कमेटी के सदस्य शामिल हैं। इसके अलावा खेल विभाग के उपनिदेशक भी कभी भी किसी भी नर्सरी का औचक निरीक्षण कर सकते हैं। कई नर्सरियों में निरीक्षण प्रक्रिया चल भी रही है।
खेलों में परिणाम लाने पर है जोर
सरकार व खेल विभाग के अधिकारियों का मानना है कि खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने का उद्देश्य खेलों में अधिक से अधिक पदक जीतना है। यदि खेल प्रशिक्षक अपनी जिम्मेदारी समझें और खिलाड़ियों को निरंतर प्रोत्साहित करें तो कई खिलाड़ी अच्छे पदक विजेता साबित हो सकते हैं।
खिलाड़ियों ने तलवारबाजी, एथलेटिक्स, मुक्केबाजी, फुटबॉल आदि खेलों में कई पदक जीते हैं। खेलो इंडिया यूथ गेम्स में रेवाड़ी के खिलाड़ियों ने तलवारबाजी व मुक्केबाजी में व्यक्तिगत व प्रदेश के लिए पदक जीते हैं। खेल प्रतिभा वाले खिलाड़ियों को विशेष मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है।
क्या जांच करता है निरीक्षण दल ?
निरीक्षण के दौरान टीम के सदस्य खिलाड़ियों की उपस्थिति, खेल गतिविधियों के बारे में खिलाड़ियों व प्रशिक्षकों से प्राप्त फीडबैक, नर्सरी में चयनित खिलाड़ियों की पिछली खेल उपलब्धियां, प्रशिक्षकों की नियमित उपस्थिति या नहीं, तथा खिलाड़ियों से बातचीत के आधार पर रिपोर्ट तैयार करते हैं।
जिले में कुल 67 नर्सरियां संचालित
जिले में खेल विभाग द्वारा कुल 67 खेल नर्सरियां संचालित की जाती हैं। इनमें से 17 नर्सरियां खेल विभाग के प्रशिक्षकों द्वारा संचालित खेल केंद्रों को आवंटित की गई हैं और 50 नर्सरियां सरकारी स्कूलों, नगर निकायों और ग्राम पंचायतों को आवंटित की गई हैं। इनमें से प्रत्येक नर्सरियों में 25 खिलाड़ियों का चयन कर उन्हें प्रशिक्षित किया जाता है।
खेल नर्सरियों के आयोजन के साथ-साथ खेलों में नई पौध तैयार करने पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए सभी खेल नर्सरियों का नियमित निरीक्षण किया जा रहा है। इसकी रिपोर्ट उच्च विभाग को भेजी जाती है। प्रशिक्षकों व खिलाड़ियों से खेल गतिविधियों का फीडबैक भी लिया जाता है।
- ममता देवी, कार्यवाहक जिला खेल अधिकारी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।