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    जिन पुलिसकर्मियों से थी दोस्ती, उन्हीं ने प्रताडि़त कर ले ली जिंदगी Panipat News

    By Anurag ShuklaEdited By:
    Updated: Wed, 21 Aug 2019 12:52 PM (IST)

    पार्षद के चाचा बलजीत नगर के कारोबारी मोहनलाल ने घर पर आत्महत्या कर ली। पुलिस अधिकारियों ने उन्हें महिलाओं के जरिये दुष्कर्म के झूठे केस में फंसा दिया ...और पढ़ें

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    जिन पुलिसकर्मियों से थी दोस्ती, उन्हीं ने प्रताडि़त कर ले ली जिंदगी Panipat News

    पानीपत, जेएनएन। जींद के खातला गांव के मोहनलाल सैनी की पहले खराद की दुकान थी। उन्होंने मेहनत की और 2006 में सनौली रोड पर इलेक्ट्रॉनिक्स के सामान की दुकान कर ली। इसके बाद से रसूखदार लोगों से मेलजोल बढ़ा। थाने व चौकियों में लोगों के मामले निपटवाने लगे। पुलिसकर्मियों के साथ भी जान पहचान हो गई। ब्याज पर रुपये लेनदेन का भी काम करने लगे।

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    2011 में दोस्त खातला गांव के प्रताप सिंह दुष्कर्म के झूठे केस में फंसे तो साथ दिया। यहीं से उनकी खुशहाल जिंदगी दुखों की ओर मुड़ गई। जिस खाकी से उसकी दोस्ती थी वहीं उसकी दुश्मन बन गई। लोगों ने ब्याज पर लिए लाखों रुपये लौटाने से इन्कार कर दिया। लेनदार पीछे पड़े गए। इन्हीं परिस्थितियों में मोहनलाल का सब्र टूट गया और उन्होंने मौत को गले लगा लिया। 

    बड़े बेटे अजय सैनी ने बताया कि पिता मोहनलाल पर दुष्कर्म का झूठा मामला दर्ज हुआ था। इसके बाद पिता 11 महीने घर से बाहर रहे हैं। केस से बरी हुए तो सेवानिवृत डीएसपी व एसआइ ने पिता का जीना मुहाल कर दिया था। वे पिता को परिवार सहित सलाखों के पीछे भेजने की धमकी देते रहे। डर की वजह से पिता डेढ़ महीने से दुकान पर नहीं बैठ पा रहे थे। पिता ने उसे नहीं बताया कि दिक्कत ज्यादा है। अगर पिता बता देते तो परिजन उन्हें समझाते। इससे शायद पिता जिंदा रहते। 

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    सुसाइड नोट के मुताबिक सैनी ने इन आरोपितों की वजह से आत्महत्या की 
    मेरी दुकान के सामने उग्राखेड़ी के राजेश मलिक का फाइनेंस का कार्यालय है। 2009 में उसने 20 लाख रुपये डेढ़ प्रतिशत के ब्याज पर दिए थे। राजेश ने ज्यादा ब्याज पर रुपये उग्राखेड़ी के अमित उर्फ काला को दे दिए। राजेश ने उसे दिसंबर 2016 तक 30 हजार रुपये महीने का ब्याज दिया। इसके बाद 10 लाख रुपये लौटाए और फिर न ब्याज दिया और न ही रुपये लौटाए।      

    दिल्ली पुलिस के एसआइ ने गिरफ्तार करनी की धमकी दी, पुलिस ने नहीं की कार्रवाई
    दिल्ली पुलिस का एसआइ बताकर देवेंद्र राठौर ने 12 जुलाई को उसे कॉल कर गाली दी। उनसे कहा कि दिल्ली की 30 हजार कोर्ट में 138 का मामला दर्ज है। उसे गिरफ्तार कर लूंगा। 13 जुलाई को उसने डीजीपी, आइजी करनाल, एसपी और बलजीत नगर नाका चौकी को शिकायत दी। आरोपित की रिकार्डिंग भी सौंपी। पुलिस ने सुनवाई नहीं की। 15 जिलाई को देवेंद्र के जानकार ओमप्रकाश त्यागी, 19 जुलाई को राजेश भारद्वाज और 24 जुलाई को जोगेंद्र ने गाली देकर जान से मारने की धमकी दी। 

    बैंक मैनेजर ने पांच लाख हड़प कर ब्लैकमेल किया
    बैंक मैनेजर हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के भूपेंद्र ने 2018 में उसे 13 लाख रुपये का लोन दिलाने का झांसा दिया। उससे ब्लैंक चेक, मकान का दस्तावेज और 20 हजार रुपये ले लिए थे। भूपेंद्र और 20 हजार रुपये की मांग कर रहा था। उसने मना कर दिया था। यह कहकर लोन रद कर दिया कि मकान उसका नहीं है। उसे ब्लैकमेल करने लगा। उससे पांच लाख रुपये हड़प लिए। उसके दस्तावेज भी नहीं लौटाए। इसकी शिकायत एसपी को कर दी थी। उसकी सुनवाई नहीं हुई। 

    बैंक मैनेजर ने डकार लिए आठ लाख रुपये
    पानीपत के ओबीसी बैंक के मैनेजर विनोद से उसकी दोस्ती थी। विनोद ने उससे 10 लाख रुपये दिलवाने को कहा था। दो जुलाई 2019 को उसने अपने जानकार जगबीर आर्य से चार लाख रुपये और चार लाख रुपये अपने पास से विनोद को दो महीने के लिए दो प्रतिशत ब्याज पर दिए थे। इसके बाद से विनोद पानीपत से चला गया। जगाधरी में ससुर दीपचंद के पास रहने लगा। 8 अगस्त को वह जगाधरी रुपये लेने गया तो दीपचंद ने उसके साथ गाली-गलौज की। उसके आठ लाख रुपये नहीं लौटाए। 

    सतीश ने डेढ़ लाख और राजेश ने 20 लाख रुपये हड़पे
    तीन साल पहले उसने डेढ़ लाख रुपये तीन प्रतिशत ब्याज पर इसराना के सतीश फुलिया और राजेश को मलिक को 20 लाख रुपये दिए थे। दोनों ने उसके रुपये हड़प लिए हैं। इस बारे में उसने अपने कई परिचितों को बता रखा था। उसने जगबीर को चार में से तीन लाख रुपये लौटा दिए थे। 

    कारुण खान दे रहा था जान से मारने की धमकी
    कारुण खान ने शहर में नाजायज कब्जे कर रखे हैं। वह उसे कॉल करके जान से मारने की धमकी दे रहा था और रुपये मांग रहा था। इससे उसका जीना मुहाल हो चुका है। 

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    ये हैं पुलिस की जांच की जद में 
    सेवानिवृत डीएसपी प्रदीप श्योकंद, एसआइ प्रताप शर्मा, एसआइ देवेंद्र राठौर, फाइनेंसर राजेश मलिक, कारुण खान, नाजिस, सुमन, राजेश भारद्वाज, बैंक मैनेजर भूपेंद्र, दीपचंद, सतीश फुलिया, जोगिंद्र और ओमप्रकाश त्यागी है। इन आरोपितों से पुलिस पूछताछ करेगी। 

    ये हैं परिवार में 
    मोहनलाल के परिवार में शादीशुदा बेटी ज्योति, बेटा अजय व अंकित व बेटी प्रियंका है। बड़ा भाई कर्मबीर सैनी, इंद्र सैनी और कर्ण सिंह है। 

    चौकी प्रभारी सहित पांच पर हुआ था केस दर्ज
    उद्यमी प्रताप सिंह को दुष्कर्म के मामले की जांच डीएसपी वीरेंद्र ने की थी। मामला झूठा निकला। इसके बाद थाना चांदनी बाग में तत्कालीन सेक्टर-29 चौकी प्रभारी प्रताप शर्मा, शालू, सुनीता शर्मा, साइना मिर्जा और सरोज तलुजा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। 

    आरोपितों को पुलिस गिरफ्तार करे
    वार्ड-12 के पार्षद सतीश सैनी ने कहा कि पुलिसकर्मी घर आकर भी चाचा मोहनलाल को तंग कर रहे थे। पुलिस व रुपये हड़पने वालों की वजह से चाचा ने जान दे दी। पुलिस मामले में ढील बरत रही है। इस बारे में विधायक महीपाल ढांडा व सासंद संजय भाटिया से बात की गई है। उन्हें भरोसा दिलाया है कि आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।