कर्ज, दुष्कर्म और पुलिस के चंगुल में फंसा कारोबारी, फिर जिंदगी से मौत लगी आसान Panipat News
पानीपत का कारोबारी कर्ज दुष्कर्म और पुलिस के चंगुल में फंस गया। उसे इतना प्रताडि़त किया जाने लगा कि उसे जिंदगी से ज्यादा मौत आसान लगी और आत्महत्या कर ली।
पानीपत, जेएनएन। कहानी जरा सी फिल्मी है। इसमें हनी ट्रैप है, धमकी भरा अंदाज भी। पुलिस की हनक है, तो मौत तक अंजाम भी। सेवानिवृत्त डीएसपी और एसआइ ने पार्षद सतीश सैनी के चाचा मोहनलाल को इस कदर प्रताडि़त किया कि मौत उसे जिंदगी से आसान नजर आई। मृतक मोहनलाल सैनी के सुसाइड नोट के आधार पर तत्कालीन डीएसपी, एसआइ, बैंक मैनेजर, फाइनेंसरों सहित 13 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
बलजीत नगर निवासी अजय सैनी के अनुसार उनके पिता मोहन लाल सैनी की सनौली रोड पर सैनी इलेक्ट्रानिक्स के नाम से दुकान है। पिता मोहनलाल ने सुसाइड नोट में लिखा है कि उसका दोस्त सेक्टर-29 स्थित फैक्ट्री मालिक जींद के खातला गांव का प्रताप सिंह है। 19 मार्च 2011 को एक महिला ने सेक्टर-29 चौकी में प्रताप सिंह के खिलाफ दुष्कर्म का झूठा मामला दर्ज कराया था। इसमें पिता मोहनलाल सैनी गवाह थे।
तत्कालीन डीएसपी ने कराए झूठे केस
पिता के सामने चौकी प्रभारी प्रताप शर्मा ने प्रताप सिंह से ढाई लाख रुपये लिए, मगर राजीनामा नहीं दिया। मामले की जांच तत्कालीन डीएसपी प्रदीप श्योकंद के पास आई। डीएसपी ने एसआइ प्रताप शर्मा, नाजीम और सुमन के साथ मिल पिता मोहनलाल व प्रताप पर दुष्कर्म के तीन झूठे केस करा दिए। इस केस में उसके पिता के 18 से 20 लाख रुपये खर्च भी हुए। 2018 में कोर्ट ने उनके पिता व प्रताप सिंह को बरी कर दिया था। इसके बाद प्रताप सिंह ने हाई कोर्ट में डीएसपी श्योकंद और एसआइ प्रताप शर्मा सहित कई लोगों के खिलाफ केस दायर किया था।
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केस वापस लेने का बनाया दबाव
अजय सैनी के अनुसार डीएसपी व एसआइ उनके पिता पर 20 लाख रुपये लेकर केस वापस लेने का दबाव बना रहे थे। पिता ने मना कर दिया। इसके बाद आरोपितों ने धमकी दी कि वे उसे दुष्कर्म के झूठे केस में फंसा देंगे। इससे उनके पिता परेशान रहते थे। सोमवार रात पिता खाना खाकर कमरे में गए थे। रात में डेढ़ बजे बजे वह पानी भरने के लिए जगा तो पिता मोबाइल देख रहे थे। 4:30 बजे मां सुशीला ने देखा तो पिता अचेत थे। मुंह से झाग निकल रहा था। वह पिता को पवनांजलि, हैदराबादी और फिर सामान्य अस्पताल में ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
ये लगाए आरोप
सेवानिवृत डीएसपी प्रदीप श्योकंद व एसआइ प्रताप शर्मा हाई कोर्ट में दायर केस वापस लेने को दबाव बना रहे थे।
इन पर आरोप
तत्कालीन डीएसपी, एसआइ, बैंक मैनेजर, फाइनेंसरों सहित 13 लोगों के खिलाफ केस दर्ज।
अजय की शिकायत पर धारा 306 के तहत 13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
-संदीप कुमार, प्रभारी, थाना चांदनी बाग
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