Panipat News: धागा क्षेत्र में पानीपत ने स्थापित किया कीर्तिमान, इटली को पछाड़कर बना विश्व का सबसे बड़ा धागा हब
पानीपत ने धागे के क्षेत्र में विश्व रिकॉर्ड बनाया है। पानीपत इटली को पछाड़कर अब दुनिया का सबसे बड़ा धागा हब बन गया है। यहां से धागा पूरे विश्व में निर्यात हो रहा है। यहां के धागे से जुराब टी-शर्ट और पैंट बन रहे हैं। यहां एक माह में साढ़े 10 करोड़ किलोग्राम धागे का उत्पादन हो रहा है। पिछले दो साल में लगभग 10 लाख किलोग्राम तक बढ़ा है।

संदीप सिंह, पानीपत। टेक्सटाइल नगरी ने अब धागा क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। पानीपत विश्व का सबसे बड़ा धागा हब बन गया है। पानीपत रग्ज से धागा बनाकर पूरे विश्व में निर्यात कर रहा है। यहां के धागे से जुराब, टी शर्ट और पेंट तक बन रही है।
पानीपत ने धागा उत्पादन के क्षेत्र में इटली को पछाड़ दिया है। यहां की 200 धागा इकाइयों में प्रतिदिन 30-35 लाख किलोग्राम धागे का उत्पादन हो रहा है। एक माह में साढ़े 10 करोड़ किलोग्राम धागे का उत्पादन हो रहा है। यह उत्पादन पिछले दो साल में लगभग 10 लाख किलोग्राम तक बढ़ गया है।
पानीपत में धागे की 50 नई यूनिट भी लगी
इस समयकाल में पानीपत में धागे की 50 नई इकाइयां भी लगी है। इटली में प्रतिदिन 20-25 लाख किलोग्राम धागे का उत्पादन होता है। इस धागे की क्वालिटी भी दूसरे देशों के धागे से अच्छी है। अब धागा मिल जर्मनी में बनी अत्याधुनिक मशीन का इस्तेमाल कर रही हैं।
510 मशीनें इन मिलों में धागा उत्पादन कर रही हैं। इस मशीन ने धागा उद्योगों में क्रांति का संचार किया है। नई मशीनें पुरानी तीन मशीनों के बराबर हैं। इसकी क्वालिटी भी पहले की मशीनों से दोगुना अच्छी हैं। नई मशीन से पानीपत के उपयोग और प्रदूषण पर नियंत्रण हुआ है।
सरकार को री-साइकिलिंग के धागे को कर मुक्त करना चाहिए
नॉर्दर्न इंडिया रूटर संगठन के अध्यक्ष संजय गर्ग ने बताया कि सरकार को धागा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए बढ़े हुए बिजली के दाम वापस लेने चाहिए। सरकार को धागा उद्योगों को बढ़ावा देना चाहिए। वहीं, चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रदेश के चेयरमैन विनोद खंडेलवाल ने कहा कि पानीपत रग्ज का हब है।
यहां के उद्यमी रग्ज से धागा बनाते हैं। विदेशों में रिसाइकिलिंग का धागा कर मुक्त है। सरकार को री-साइकिलिंग के धागे को कर मुक्त करना चाहिए। क्योंकि जो वेस्ट कपड़ा पानीपत में आता है। उस पर टैक्स पहले ही वसूला जा चुका होता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी पानीपत की मन की बात कार्यक्रम में इसकी तारीफ की थी।
पानीपत री-साइकिलिंग का हब
पानीपत री-साइकिलिंग का हब है। पानीपत विश्व भर से वेस्ट उठाता है। री-साइकिलिंग का कारोबार छह हजार करोड़ रुपये सालाना है। यहां लगभग 80 देशों से वेस्ट आता है। इस वेस्ट से उद्यमी धागा बनाते हैं। इसे री-साइकिलिंग काटन यार्न भी कहा जाता है।
अब अमेरिका के टैरिफ में छूट मिलने के बाद उद्यमियों ने उत्पादन की रफ्तार भी दोगुना तक बढ़ा दी है। अब खतरे में आई धागा इंडस्ट्री सरकार ने उद्योगों में बिजली के दाम लगभग 56 प्रतिशत बढ़ाए हैं। इससे जिले की 200 धागे की इकाइयों पर असर पड़ेगा। पहले एक किलोवाट का दाम 165 था अब इसे बढ़ाकर 290 रुपये कर दिया है।
जिन उद्योगों में एक हजार किलोवाट के मीटर का बिल 1.65 लाख रुपये आता था। अब उनका बिल 2.90 लाख रुपये प्रति माह आएगा। उद्यमी एक किलोग्राम धागे पर दो रुपये ही मुनाफा कमाते हैं। अब बिजली दाम बढ़ने से एक किलोग्राम धागे का उत्पादन तीन रुपये तक महंगा होगा। ऐसे में धागा मिल घाटे में जाएंगे।
पंजाब का समाना भी धागा उत्पादन का हब है। वह पानीपत के लिए बड़ी चुनौती है। वहां बिजली के रेट कम हैं। अब समाना के उद्यमी पानीपत में सेंधमारी कर अपना धागा बेचेंगे।
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