चारपाई पर सोने के लेकर हुआ बहनों में झगड़ा, पांचवीं की छात्रा ने निगल लिया जहर
पानीपत में भावना चौक निवासी दो बहनों में चारपाई पर सोने को लेकर झगड़ा हुआ। पिता के डांटने पर छोटी बेटी ने जहरीला पदार्थ खा लिया। उसे अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के बाद उसकी हालत में सुधार हुआ। डॉक्टरों ने उसकी काउंसिलिंग की और भविष्य में ऐसा न करने की सलाह दी। मनोरोग विशेषज्ञ ने बच्चों में घटती सहनशीलता पर चिंता जताई।

जागरण संवाददाता, पानीपत। भावना चौक निवासी दो बहनों में शनिवार रात को चारपाई पर सोने को लेकर झगड़ा हो गया। इस पर पिता ने छोटी बेटी को डांट दिया। पिता की डांट व बहन से हुए झगड़े से परेशान होकर छोटी बहन ने जहरीला पदार्थ निगल लिया। उसके पिता उसे जिला नागरिक अस्पताल में लेकर पहुंचे। यहां डॉक्टरों की टीम ने उसका इलाज किया। हालत में सुधार होने पर डॉक्टरों ने बच्ची की काउंसिलिंग की और भविष्य में इस प्रकार का कोई कदम न उठाने के बारे में समझाया। रविवार को बच्ची को छुट्टी दे दी है।
भावना चौक निवासी किशोरी ने बताया कि उसकी उम्र 17 साल है। वह तीन बहनें हैं। वह मंझली बहन है। उसकी छोटी बहन 14 वर्षीय है व कक्षा पांचवीं की छात्रा है। कुछ दिन पहले उसकी छोटी बहन से लड़ाई हो गई थी। इसलिए वह नाराज रहती थी।
शनिवार रात को वह आंगन में चारपाई पर लेटी थी। वह भी उसके पास जाकर लेट गई और उससे बात करने लगी, लेकिन वह नाराज थी, इसलिए बात नहीं कर रही थी। उसने बात करने का दबाव डाला तो वह गुस्सा हो गई। फिर उन दोनों के बीच झगड़ा हुआ।
बड़ी बहन ने उन दोनों को समझाया लेकिन उनका झगड़ा जारी रहा। शोर सुनकर उसके पिता की आंख खुल गई। उसके पिता ने छोटी बहन को डांट दिया। इसके बाद वह कमरे में गई और उसने जहरीला पदार्थ निगल लिया और बेड पर जाकर लेट गई। जब काफी देर तक अंदर से किसी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं आई तो उन्होंने कमरे में जाकर देखा तो उसकी छोटी बहन की हालत काफी बिगड़ गई थी। उसने इस बारे में अपने पिता को बताया और वह उसे लेकर अस्पताल में गए।
बच्चों में सहनशीलता घट रही है। छोटी-छोटी बातों पर बच्चे आत्महत्या जैसे कदम उठा लेते हैं। बच्चों को यह लगता है कि परिवार को उनकी जरूरत नहीं है। वह खुद को परिवार पर बोझ मान लेते हैं। स्वजन से अपील है कि वह बच्चों से तालमेल बनाएं व उन्हें अच्छे बुरे के बारे में बताएं। आए दिन बच्चों की ओर से आत्महत्या करने के मामले बढ़ रहे हैं।
डॉ. मोना नागपाल, मनोरोग विशेषज्ञ, जिला नागरिक अस्पताल।
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