पानीपत में शक के चलते तबाह हो गया हंसता-खेलता परिवार, 26 साल बाद टूटा पति-पत्नी का रिश्ता
पानीपत के समालखा में 26 साल बाद एक दंपति का रिश्ता टूट गया। तलाक का मुख्य कारण पति का शक था जो पत्नी की खूबसूरती को लेकर था। पत्नी के काम पर जाने पर वह उसका पीछा करता था। आठ साल से अलग रह रही पत्नी को कोर्ट से तलाक की जानकारी मिली।

जागरण संवाददाता, पानीपत। समालखा पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक गांव में 26 साल बाद पति-पत्नी का रिश्ता टूट गया। तलाक का कारण शक रहा। पत्नी खूबसूरत है और इसे लेकर पति हमेशा असहज महसूस करता था। पत्नी काम पर जाती थी तो वह पीछा करता था। इस बात से दोनों के बीच झगड़ा शुरू हो गया। आठ साल वह अलग रह रही है। अब पति ने 55 साल की आयु में पत्नी से तलाक लिया है।
पति को पत्नी को पंचायती तौर पर हुए समझौते के तहत भरण-पोषण के लिए डेढ़ लाख रुपये भी देने थे, अब उसने पैसे देने से इनकार कर दिया। यह मामला अब महिला, बाल संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता के पास पहुंचा है। समालखा क्षेत्र के एक गांव निवासी 50 वर्षीय महिला ने बताया कि उसकी 1999 में शादी हुई थी। उसका पति मजदूर था।
शादी के बाद वह एक बेटी व दो बेटों की मां बनी। शादी के बाद से ही उसका पति उस पर शक करता था। वह फैक्टरी में काम पर जाती तो उसका पीछा करता था। उसने इसका विरोध किया तो घर में झगड़ा शुरू हो गया। पति कहता था कि तेरा कोई पुरुष दोस्त न हो ऐसा हो ही नहीं सकता। वह उसे यकीन दिलाती रही लेकिन वह नहीं माना। फिर उसने उसे खर्च देना बंद कर दिया।
वह खुद कमाकर लाती थी और घर चलाती थी। पति के इन हालात को देखकर उसने आठ साल पहले उससे दूर रहने का फैसला किया और वह अलग कमरा लेकर रहने लगी। अब उसे कोर्ट के माध्यम से पता चला कि उसके पति ने उससे तलाक ले लिया। दोनों जवान बेटों को उसके पति ने अपने पास रख लिया और बेटी को उसे दे दिया, ताकि बेटी की शादी उसे करनी पड़े।
पति ने कोर्ट में केस डाला था। कोर्ट की ओर से उसकी पत्नी को समन गए थे, उसने समन रिसीव नहीं किए। इसलिए कोर्ट ने पति की याचिका पर एक तलाक का फैसला सुना दिया। पंचायती तौर पर समझौता हुआ था कि पति अपनी पत्नी को डेढ़ लाख रुपये भरण पोषण के लिए देगा। अब वह देने में आनाकानी कर रहा है।
इनका रिश्ता टूटने का बड़ा कारण शक व पति का काम न करना रहा है। वह दोनों पक्षों से पूछताछ भी कर रही है।- रजनी गुप्ता, महिला, बाल सरंक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी
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