पानीपत निकाय चुनाव: 52% मतदान, पॉश एरिया में कम वोटिंग; 12 बूथों पर EVM में खराबी, नतीजे 12 को
पानीपत नगर निगम चुनाव के दूसरे चरण में रविवार को शाम 7 बजे तक 52.2 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया। यह पिछली बार से 9.80 प्रतिशत कम रहा। इस बार मेयर पद के चार 26 वार्डों के 103 पार्षद प्रत्याशियों के लिए मतदान हुआ। 12 बूथों पर ईवीएम में खराबी के कारण कुछ देरी से मतदान शुरू हुआ। मतगणना 12 मार्च को होगी।

जागरण संवाददाता, पानीपत। निकाय चुनाव के दूसरे चरण में रविवार को छिटपुट बहसबाजी के बीच पानीपत में शाम सात बजे तक 52.2 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया। यह पिछली से 9.80 प्रतिशत कम रहा। इस बार मेयर पद के चार, 26 वार्डों के 103 पार्षद प्रत्याशियों के लिए मतदान हुआ।
12 बूथों पर ईवीएम में खराबी के कारण कुछ देरी से मतदान शुरू हुआ। ईवीएम में दिक्कत आने पर वार्ड-4 और वार्ड-24 में मतदाताओं ने नाराजगी भी जताई। पुराने बस स्टैंड के पास बनाए बूथ में विस डिप्टी स्पीकर कृष्ण मिढा के बेटे रुद्राक्ष मिढा के अंदर जाने पर विवाद हो गया। मतगणना 12 मार्च को होगी।
दूसरी मशीन आने तक मतदान रोकना पड़ा
पानीपत में मेयर पद के लिए भाजपा की कोमल सैनी, कांग्रेस की सविता गर्ग, आम आदमी पार्टी के प्रीतपाल खेड़ा, निर्दलीय केवल सिंह चुनाव लड़ रहे थे। कुल 4,11,038 मतदाताओं में से 2,10,410 महिला मतदाता हैं। निर्धारित समय सुबह आठ बजे सभी 365 बूथों पर मतदान शुरू हुआ।
इसी के साथ ईवीएम में खराबी की सूचनाएं भी आने लगी। वोटिंग से पहले माक पोल किया तो वार्ड-4 में मशीन में खराबी आ गई। दूसरी मशीन मंगानी पड़ी। वार्ड 14 में ईवीएम में खराबी आ गई, यहां दूसरी मशीन आने तक मतदान रोकना पड़ा।
इसके अलावा 256 नंबर बूथ पर मेयर की वोटिंग वाली ईवीएम खराब हो गई, वोटिंग बाधित हुई। ईवीएम इंस्टालेशन में दिक्कत आने के कारण वार्ड 21 के दो बूथों पर भी देरी से मतदान शुरू हुआ। वार्ड 24 के जेके स्कूल में बने बूथ पर एक युवक बोगस वोट डालता पकड़ा गया।
पुराने बस स्टैंड के पास बनाए बूथ पर विधानसभा के डिप्टी स्पीकर कृष्ण मिढा के बेटे रुद्राक्ष मिढा की एंट्री को लेकर विवाद हो गया। वार्ड-4 की पार्षद पद के लिए निर्दलीय उम्मीदवार अंजलि शर्मा के समर्थकों ने रुद्राक्ष से पहचान पत्र दिखाने को कहा।
वह कोई प्रमाण न दिखा सके। भाजपा के पुष्पराज पंकज और अंजलि शर्मा के समर्थक उलझ गए। पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। सभी बूथों पर एक-एक वोट डाले जाने तक प्रत्याशियों के समर्थक बस्तों पर डटे रहे।
इन निगमों से ज्यादा और कम मत प्रतिशत रहा
पानीपत में हुए मतदान को दूसरे निगमों की तुलना में संतोषजनक ही कहा जाएगा। करनाल और सोनीपत से तो कहीं बेहतर रहा। 47.8 प्रतिशत मतदाता ऐसे रहे, जो घरों से बाहर ही नहीं निकले। पानीपत के 365 बूथों पर शुरुआती दो घंटों में मात्र 8.7 प्रतिशत मतदान हुआ था।
भारत-न्यूजीलैंड के बीच चैंपियन ट्राफी के फाइनल मुकाबले का असर भी मतदान पर पड़ा। दोपहर बाद बूथों पर मतदाताओं की कतारें लगनी शुरू हो गई। दो मार्च को हुए चुनाव में पांच नगर निगमों में पानीपत से भी कम मतदान हुआ था।
अंबाला में 43 प्रतिशत, फरीदाबाद में 40.1 प्रतिशत, गुरुग्राम में 45 प्रतिशत, करनाल 48 प्रतिशत व सोनीपत में मात्र 31 प्रतिशत मतदान हुआ था। हिसार 53.8 प्रतिशत, रोहतक 54.7 प्रतिशत, यमुनानगर 54.4 प्रतिशत के सााथ पानीपत से आगे रहे थे।
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