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    Summer Diseases: तापमान बढ़ने के साथ सताएंगी बीमारियां, टाइफाइड और चिकनपॉक्स का रहेगा ज्यादा खतरा; जानें बचाव और लक्षण

    Updated: Sun, 07 Apr 2024 02:22 PM (IST)

    अब गर्मी का मौसम आ चुका है। हालांकि अभी उतनी गर्मी नहीं पड़ रही है। लेकिन अगर अभी से ही ध्यान दिया जाए तो होने वाली कई गंभीर बीमारियों से बचा और परिवार को बचाया जा सकता है। तापमान बढ़ने के साथही अब कई बीमारियां सताएंगी। जिनमें हीट स्ट्रोक टाइफाइड इंफेक्शन फंगल इंफेक्शन और चिकनपॉक्स आदि शामिल हैं। ऐसे में जानिए इन बीमारियों से बचाव और लक्षण।

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    Summer Diseases: तापमान बढ़ने के साथ सताएंगी बीमारियां, बचाव ही पहला इलाज। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, पानीपत। तापमान दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। तेज धूप इशारा कर रही है कि आगामी दिनों में टाइफाइड, फंगल इंफेक्शन, फूड पाइजनिंग, चिकनपॉक्स, हेपेटाइटिस का खतरा रहेगा। महीने के अंत तक हीट स्ट्रोक भी सताने लगेगा। बच्चों व बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, इन्हें अधिक सतर्कता बरतनी होगी।

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    लापरवाही बरतने से जान को जोखिम संभव है। सिविल सर्जन डा. जयंत आहूजा ने बताया कि तेज धूप से बचाव करना ही पहला इलाज है। खूब पानी पिएंगे तो बीमारियों से बचा जा सकता है। कोई भी शारीरिक दिक्कत होने पर तुरंत डाक्टर से परामर्श लें।

    हीट स्ट्रोक (Heat stroke)

    लू चलने को हीट स्ट्रोक कहते हैं। चिकित्सीय भाषा में इसे हाइपरथर्मिया कहते हैं। प्यास लगना,सिर में तेज दर्द,बुखार, उल्टी, श्वास तेज चलना, चक्कर आना, कमजोरी महसूस होना, पेशाब कम आना, बेहोश हो जाना इसके लक्षण है। इस स्थिति से बचने के लिए खाली पेट न रहें। लू के सीधे थपेड़ों से बचें। खूब पानी-लस्सी पिएं।

    टाइफाइड (Typhoid)

    मेडिसिन ओपीडी में टाइफाइड बुखार के 12 आशंकित मरीज पहुंचे। डा. त्यागी ने बताया कि यह साल्मोनेला एन्टेरिका सेरोटाइप टाइफी बैक्टीरिया से होने वाला रोग है। तेज बुखार, भूख ना लगना, पेट में तेज दर्द होना, कमजोरी महसूस होना इसके लक्षण हैं। लक्षण दिखने पर तुरंत इलाज कराएं।

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    फंगल इंफेक्शन (Fungal Infection)

    नागरिक अस्पताल के त्वचा रोग विशेषज्ञ डा.राघवेंद्र सिंह ने बताया कि फंगल इंफेक्शन का कारण पसीना आना, व्यक्ति स्वच्छता पर ध्यान न देना है। रोजाना मरीज आ रहे हैं। किसी अच्छे एंटीबायोटिक साबुन से सुबह-शाम स्नान करें। स्कैबीज के दाने भी शरीर पर दिखने लगेंगे। मरीज एक-दूसरे से दूरी बनाएं।

    मीजल्स-रूबेला (Measles Rubella)

    मीजल्स-रूबेला भी गर्मी के मौसम में होने वाला रोग है। बच्चों को अधिक सताता है। तेज बुखार, खांसी के साथ कफ आना, गले में दर्द, आंखों में जलन और शरीर पर सफेद दाने निकलना, रोग के लक्षण हैं। बचाव के लिए एमएमआर का टीका लगवाएं। बच्चों को यह टीका सरकारी अस्पताल में निश्शुल्क लगता है।

    चिकनपॉक्स (Chicken Pox)

    यह बीमारी वैरिकाला जोस्टर वायरस के कारण होती है। यह वायरल संक्रमण है, शरीर पर लाल चकत्ते-दाने निकल आते हैं। यह संक्रामक रोग है, एक से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचता है। बेहतर होगा कि मरीज को अलग कमरे में रखें। इस रोग से बच्चों को बचाने के लिए सरकारी अस्पताल में टीका निश्शुल्क लगाया जाता है।

    हेपेटाइटिस (Hepatitis)

    हेपेटाइटिस यानि पीलिया रोग। यह दूषित खानपान के कारण होने वाली बीमारी है। आखों, नाखूनों, त्वचा और पेशाब का रंग पीला होना इसके लक्षण हैं। बीमारी से बचाव के लिए लीवर को स्वस्थ रखें। आसानी से पचने वाला भोजन जैसे खिचड़ी, दलिया का सेवन करें। सिविल अस्पताल में हेपेटाइटिस के मरीजों का इलाज निश्शुल्क है।

    बीमारियों से बचाव के लिए क्या करें, क्या न करें? (Prevention and Symptoms)

    -घर से बाहर निकलने के पहले भरपेट पानी अवश्य पिएं।

    -धूप में निकलते समय सिर पर कैप पहनें, छाता का उपयोग करें।

    -पानी, छाछ, ओआरएस घोल, लस्सी, नीबू पानी, आम का पानी पिएं।

    -सूती, ढीले एवं आरामदायक कपड़े पहने।

    -ज्यादा समय तक सीधी धूप में रहने से बचें।

    -बुखार आने पर माथे पर ठंडे पानी की पट्टियां रखें।

    -घर में बना ताजा भरपेट ताजा भोजन खाएं, खाली पेट न रहें।

    -तेज मिर्च मसाले युक्त एवं बासी भोजन न खाएं।

    -बाजार में बिक रहे कटे फल बिल्कुल न खाएं।

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