Haryana: कभी सागर के कमजोर शरीर पर तंज कसते थे लोग, अब विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में जीता सिल्वर
सागर के कोच अश्वनी दहिया बताते हैं कि सागर फितले दांव को हर रोज 200 बार अभ्यास करता है। अगर इस दांव में विरोध पहलवान फंस जाता है तो सागर उसे हराकर ही दम लेता है। फितले दांव की वजह से सागर को कई बड़ी प्रतियोगिताओं में सफलता मिली है। सागर ने कड़ा अभ्यास किया और ये सफलता हासिल की।
जागरण संवाददाता, पानीपत: राज नगर के पहलवान सागर जागलान के कमजोर शरीर पर कभी लोग तंज कसते थे। उन्होंने पलट कर किसी को जवाब नहीं दिया। लक्ष्य जीत का था। इसलिए कड़ा अभ्याय किया। अब उन्होंने अंडर-20 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में रजत पदक जीता है।
यह प्रतियोगिता अम्मान (जार्डन) में हुई। 18 वर्षीय सागर ने 79 किलोग्राम भार वर्ग में बुल्गारिया के पहलवान को 15-4, जार्डन के पहलवान को 11-0, अमेरिका के पहलवान को 16-6 को हराकर फाइनल में प्रवेश किया। वे फाइनल मुकाबले में रसिया के पहलवान से 17-6 से हार गए और रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
सागर के पिता मुकेश जागलान ने बताया कि सागर बचपन में शारीरिक रूप से कमजोर था। दोस्त कमजोर शरीर पर तंज कसते थे। उसने लक्ष्य बना लिया था कि बेटे को न सिर्फ शारीरिक रूप से मजबूत बल्कि नामचीन पहलवान भी बनाऊंगा।
सागर को खरखौदा में कुश्ती कोच अश्वनी दहिया के पास अभ्यास के लिए भेजा। बेटे ने कड़ा अभ्यास किया और सफलता हासिल की। जो बच्चे बेटे का मजाक उड़ाते थे। अब उनकी सफलता पर तालियां बजाते हैं। सागर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिताओं में 20 से ज्यादा पदक जीत चुका है। उनके नाम दो बार भारत कुमार और तीन बार हरियाणा कुमार के खिताब हैं।
विश्व कुश्ती चैंपियन की तैयारी में जुटेगा
मुकेश कुमार ने बताया कि 25 अगस्त को पंजाब के पटियाला में सीनियर विश्व कुश्ती चैंपियनशिप के लिए ट्रायल है। इसकी तैयारी में सागर जुटेगा। सागर का लक्ष्य न सिर्फ विश्व चैंपियन बनना है बल्कि ओलिंपिक में भी पदक जीतना है। सागर पहले भी देश के नामचीन सीनियर पहलवानों को हरा चुका है।
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फितले दांव लगाने में है माहिर
सागर के कोच अश्वनी दहिया बताते हैं कि सागर फितले दांव को हर रोज 200 बार अभ्यास करता है। अगर इस दांव में विरोध पहलवान फंस जाता है तो सागर उसे हराकर ही दम लेता है। फितले दांव की वजह से सागर को कई बड़ी प्रतियोगिताओं में सफलता मिली है।
चोट लगने की वजह से वजन बढ़ गया
सागर पहले 74 किलोग्राम भार वर्ग में खेलता था। कई महीने पहले उसके कंधे में चोट लग गई थी। अभ्यास छूट गया था। वजन बढ़कर 79 किलोग्राम हो गया था। इसी कारण से सागर ने 74 की बजाय 79 किलोग्राम में प्रतियोगिता में भागीदारी की है।
सागर की सफलता
- 2021 में सब जूनियर विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक।
- 2019 में एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण।
- 2023 में अंडर-23 एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण।
- 2023 में अंडर-20 एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण।
- 2023 में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी में स्वर्ण।
- 2021 में खेलो इंडिया में स्वर्ण।
- 2022 में आल इंडिया यूनिवर्सिटी में स्वर्ण।
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