हरियाली तीज के लोकगीतों में झलकी हरियाणवी संस्कृति की झलक
जागरण संवाददाता पानीपत आजादी का अमृत महोत्सव के तहत श्री रामेश्वरम साईं कला साधना मंच की

जागरण संवाददाता, पानीपत : आजादी का अमृत महोत्सव के तहत श्री रामेश्वरम साईं कला साधना मंच की ओर से बाल भवन में हरियाली तीज का आयोजन हुआ। कलाकारों ने तीज से जुड़े लोकगीत, रागनी, भजनों पर प्रस्तुति दी। इनमें हरियाणवी संस्कृति, यहां के त्योहरों को मनाने का ढंग, सभ्यता की झलक दिखी।
मुख्य अतिथि वीना हुड्डा ने कहा कि अपनी संस्कृति और त्योहारों को सहेजने के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे। हम सब सदा से ही अपने त्यौहारों को वैज्ञानिक ²ष्टिकोण के साथ मनाते आए हैं।प्रासंगिकता का यही कारण है। सबसे बड़ी बात कि त्योहार परिवार-समाज को जोड़ने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि भौतिकवाद, एकल परिवारों के चलन के कारण संस्कृति से अलग होते जा रहे हैं। हरियाली तीज के दिन महिलाएं पेड़ों पर झूला झूलती थी,आज वृक्षों की कमी के कारण ऐसा नहीं हो रहा है। हमें पौधारोपण पर भी फोकस करना होगा। एडीसी ने कहा कि महिलाओं के लिए रक्षाबंधन के दिन बसों में आवागमन फ्री किया है ताकि वे भाइयों को राखी बांधने जा सकें।
कार्यक्रम को कला साधना मंच की प्रधान अरुणा शर्मा, डीआइपीआरओ कुलदीप बांगड ने भी संबोधित किया। इब पहले आली तीज कोन्या : बूढ़ी बैठी घर के बारणे, छोरी पतासे बाटण आई, करले दादी मुंह नै मीठा, मेरी मां की कोथली आई। बूढ़ी बोली के खाऊं लाडो घर की बणी या चीज कोन्या, सारे त्यौहार बाजारू होगे इब पहले आली तीज कोन्या। एआइपीआरओ दीपक पाराशर की इस हरियाणवी कविता पर खूब तालियां बजी।अनिल मस्ताना ने भी हरियाणवी गीत प्रस्तुत किए। ये रहे मौजूद :
भाजपा कला संस्कृति प्रकोष्ठ के जिला संयोजक दयाननंद खुंगर, श्रीपाल सैनी, सुदेश ग्रोवर, निधि ग्रोवर, कविता, दिलबाग, प्रेमलता, धर्मबीर, प्रमोद शर्मा, रोहित शर्मा, अमित गर्ग, राहुल शर्मा, श्वेता तुली, पंकज शर्मा, नरेंद्र गर्ग।
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