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    दिल्ली पुलिस भर्ती धांधली का सरगना पानीपत से गिरफ्तार, अंडरग्राउंड केबल बिछाकर किए थे कंप्यूटर हैक

    Updated: Thu, 25 Dec 2025 09:37 AM (IST)

    दिल्ली पुलिस में चालक भर्ती के फर्जीवाड़े में पुलिस ने गिरोह के सरगना सतीश कुमार को पानीपत, हरियाणा से गिरफ्तार किया। सतीश की कंपनी पर परीक्षा संचालन ...और पढ़ें

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    दिल्ली पुलिस भर्ती धांधली का सरगना पानीपत से गिरफ्तार (File Photo)


    संवाद सहयोगी,पानीपत। दिल्ली पुलिस में चालक भर्ती के फर्जीवाड़े में पुलिस ने गिरोह के सरगना सतीश कुमार को हरियाणा से गिरफ्तार कर लिया है। पानीपत निवासी सतीश कुमार की कंपनी एडुक्यूटी पर ही भर्ती परीक्षा संचालन का जिम्मा था और उसने ही इस सुनसान क्षेत्र में परीक्षा केंद्र चुना था। उन्होंने इस केंद्र को किराये पर लिया था। कंप्यूटर की व्यवस्था और नेटवर्किंग की जिम्मेवारी उसकी ही कंपनी की थी।

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    पुलिस सतीश कुमार को ही मुख्य आरोपित बता रही है और उम्मीद जताई है कि जल्द ही गिरोह से जुड़ी अहम कड़ियां उसके हाथ लगेंगी। पुलिस अधिकारी के अनुसार सतीश ही इस पूरे फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड था।

    सांबा जिले के घगवाल स्थित एक स्कूल के खाली भवन में दिल्ली पुलिस में चालक की भर्ती का परीक्षा केंद्र बनाया गया था। साल्वर गैंग ने दो माह पहले ही परीक्षा केंद्र के पास एक कमरा किराये पर लिया और 100 फीट तक अंडरग्राउंड केबल बिछाकर परीक्षा के कंप्यूटर को हैक कर लिया। 17 दिसंबर को परीक्षा के दौरान वहां तैनात पुलिसकर्मियों को इस कमरे से आ रही आवाजों से कुछ संदेह हुआ और वे जांच करने जा पहुंचे। पुलिस को द्वार पर देख साल्वर गैंग के सदस्य पिछले दरवाजे से फरार हो गए।

    भीतर बनाए गए कंट्रोल रूम में लगाए सभी इलेक्ट्रानिक उपकरण जब्त किए गए और भवन के मालिकों से पूछताछ की तो संदेह की सुई सतीश कुमार पर जा पहुंची। उसकी कंपनी ने ही भवन को 85 हजार रुपये प्रतिमाह के किराये पर लिया हुआ था। पुलिस जांच कर रही है कि इसमें कितना लेन-देन हुआ और उसने कितने मुन्नाभाई को परीक्षा पास करने में मदद की। आरोपित को कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया गया है।

    अन्य राज्यों के थे अभ्यर्थी

    परीक्षा सांबा के सुनसान क्षेत्र में कराने से स्पष्ट तौर पर परीक्षा संचालकों और साल्वर गैंग की मिलीभगत की आशंका जताई गई। परीक्षा में ज्यादातर अभ्यर्थी अन्य राज्यों से आए थे। साल्वर गैंग ने स्कूल से कुछ दूर कमरा भी पहले से किराये पर ले लिया और स्कूल तक अंडरग्राउंड केबल भी बिछा ली। बीच में आ रही सड़क को खोदकर यह केबल बिछाई गई और उसके बाद सड़क की मरम्मत भी कर दी। क अन्य कंपनी पर मिनक्वीक पर परीक्षा केंद्र में एग्जामिनर की नियुक्ति करने की जिम्मेवारी थी।

    साल्वर गैंग था कमीशन एजेंटों का नेटवर्क, अभ्यर्थी लाने पर देते थे मोटा कमीशन

    गोहाना सीआइआर यूजीसी नेट का पेपर लीक कराने का झांसा दे अभ्यर्थियों को ठगने वाले पेपर साल्वर गैंग ने बड़े स्तर पर कमीशन एजेंट का नेटवर्क खड़ा कर रखा था। एजेंट हरियाणा के अलावा दूसरे प्रदेशों से भी अभ्यर्थी ढूंढकर लाए थे। साल्वर गैंग ने एजेंटों को प्रत्येक अभ्यर्थी के हिसाब से मोटा कमीशन देने का सौदा तय किया था। गांव चिड़ाना में बंद इंस्टीट्यूट में परीक्षा पास कराने का झांसा देकर जो अभ्यर्थी बुलाए गए थे उनमें हरियाणा के अलावा जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड व राजस्थान के भी थे।

    गैंग का नेटवर्क इन चार राज्यों के अलावा और कहां फैला हुआ है, इसका भेद गैंग का सरगना रोहतक के गांव करौंथा के धीरज की गिरफ्तारी के बाद खुलेगा। धीरज रोहतक के एक निजी संस्थान से जुड़ा हुआ था। उसने अपने गैंग में कुछ ऐसे लोग शामिल कर रखे थे जो विभिन्न शिक्षण संस्थाओं के विद्यार्थियों के संपर्क में रहते हैं। फरार आरोपित पवन भारद्वाज की पूर्व में रोहतक के एक शिक्षण संस्थान से जुड़े होने की चर्चा है। आरोपित गांव मुंडलाना का आशीष भी फरार है, जिसकी पृष्ठभूमि अभी तक सामने नहीं आई है।