Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चैत्र नवरात्र की शुरुआत, अंबाला में 1870 में हुई थी काली बाड़ी मंदिर की स्थापना

    By Naveen DalalEdited By:
    Updated: Sat, 02 Apr 2022 08:00 AM (IST)

    अंबाला के काली बाड़ी मंदिर में आने वाले भक्त व्रत उपासना के बीच मुरादें मांगते हुए अपने अपने संकल्प लेते हैं। इन संकल्पों को नवरात्र के विशेष 9 दिनों के अतिरिक्त चौदस तक भी निपटा सकते हैं। मंदिर के जिस स्थान पर देवी काली की मूर्ति स्थापित है।

    Hero Image
    मंदिर में चटर्जी परिवार की चौथी पीढ़ी मंदिर में कर रही सेवा।

    अंबाला, जागरण संवाददाता। अंबाला कैंट के हिल रोड स्थित प्राचीन कालीबाड़ी मंदिर गौरवमयी विरासत सजोए हुए है। मंदिर की स्थापना वर्ष 1870 में फुटबाल खिलाड़ी एसडी चटर्जी के पिता उषा नाथ चटर्जी ने किया था। मंदिर में अब चटर्जी परिवार की चौथी पीढ़ी मंदिर में पूजा अर्चना की व्यवस्था संभाल रखा है। मंदिर के ढांचागत निर्माण में कोई बदलाव नहीं किया गया है। मंदिर के पुजारी सिद्धार्थनाथ चटर्जी बताते हैं कि भक्तों की अपनी अपनी मान्यताएं हैं। जो मंदिर में आकर नियम पूर्वक पूजा करता है उनकी इच्छाएं हरहाल में पूरी होती हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    समय के साथ मंदिर की मान्यता बढ़ी

    मंदिर में आने वाले भक्त व्रत, उपासना के बीच मुरादें मांगते हुए अपने अपने संकल्प लेते हैं। इन संकल्पों को नवरात्र के विशेष 9 दिनों के अतिरिक्त चौदस तक भी निपटा सकते हैं। मंदिर के जिस स्थान पर देवी काली की मूर्ति स्थापितहै, उसे शुरू में देवालय भी कहा जाता था। समय के साथ मंदिर की मान्यता बढ़ती गई। 

    श्रद्धालु घोड़ों की बग्घियों में बैठ कर आते थे मंदिर

    मंदिर परिसर में प्रसाद बेचने वालों ने बताया कि उनके पिता के समय से वह मंदिर में प्रसाद बेचने का कार्य कर रहे हैं। एक समय ऐसा भी देखा गया है कि जब लोगों के पास गाड़ियां नहीं होती थीं। दूर दराज से श्रद्धालु घोड़ों की बग्घियों में बैठ कर मंदिर में दर्शन के लिए आते थे। उस समय मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ कम ही देखने को मिलती थी। समय के साथ मंदिर की मान्यता भी बढ़ी और श्रद्धालुओं की भीड़ भी बढ़ी है।

    हर समय मंदिर के बाहर सजी रहती है पूजा सामाग्री की दुकानें

    छावनी के काली बाड़ी मंदिर के बाहर और आसपास पूजा सामाग्री की छह से अधिक दुकानें हर समय सजी रहती है। इन दुकानों में नवरात्र पर तो खास बिक्री होती है, इसके अलावा अगर अंबाला छावनी में पूजन के लिए कोई भी पूजा सामाग्री खरीदनी होती है तो वह काली बाड़ी मंदिर के पास पहुंचता है।