भाजपा सांसद ने राहुल गांधी पर की आपत्तिजनक टिप्पणी, बोले-लोगों को गुमराह कर रहा विपक्ष
कुरुक्षेत्र से सांसद नायब सिंह सैनी कैथल में खुले दरबार में पहुंचे थे। यहां पत्रकारों से बातचीत के दौरान विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने राहुल गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की।
पानीपत/कैथल, जेएनएन। कुरुक्षेत्र से लोकसभा सांसद नायब सिंह सैनी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पारित किया गया नागरिकता संशोधन कानून धार्मिक रूप से प्रताडि़त अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का कानून है। इसके तहत किसी भी व्यक्ति की नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है। विपक्षी नेता विशेष वर्ग के लोगों को गुमराह कर विश्व में देश की छवि को धूमिल कर रहे हैं। इनमें सबसे बड़े मूर्ख राहुल गांधी हैं, क्योंकि उन्हें यही नहीं पता कि सीएए है क्या। नायब सैनी सोमवार को पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में लोगों की शिकायतें सुन रहे थे।
पत्रकारों से बातचीत में सांसद सैनी ने नागरिकता संशोधन कानून एवं राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के संदर्भ में स्पष्ट करते हुए कहा कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर का नागरिकता संशोधन कानून से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने विपक्षी पार्टियों पर प्रहार करते हुए कहा कि कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है और राहुल गांधी को यह पता ही नहीं है कि वे किस बात का विरोध कर रहे हैं। इस अवसर पर स्थानीय विधायक लीला राम, भाजपा के जिलाध्यक्ष अशोक गुर्जर, गुहला से प्रत्याशी रहे रवि तारांवाली, जिला महामंत्री रामपाल राणा आदि मौजूद रहे।
विपक्षी दल बरपा रहा हंगामा
वहीं करनाल के सांसद सांसद संजय भाटिया ने प्रेसवार्ता करते हुए कहा कि सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) पर विपक्षी दलों ने हंगामा बरपा रखा है। विद्यार्थियों, अल्पसंख्यकों को बरगलाया और भड़काया जा रहा है। 10 से अधिक राज्यों में सीएए के विरोध में हिंसा को सांसद ने अर्बन नक्सलवाद कहा। उन्होंने कहा कि शिक्षित लोग जिन्हें सीएए को अच्छे से पढऩा चाहिए, वे बिना पढ़े सड़कों पर हिंसा में शामिल हैं।
विरोध की राजनीति सही नहीं
सांसद ने कहा कि विपक्षी दल विरोध की राजनीति के कारण सीएए को एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन) से जोड़ रहे हैं। उन्होंने सीएए पर कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश स्वयं को इस्लामिक स्टेट कहते हैं। पाकिस्तान में 28 में से मात्र तीन फीसद, बांग्लादेश में 23 में से आठ फीसद और अफगानिस्तान में मात्र 500 सिख परिवार रह गए हैं। नागरिकता देना भारत के संविधान में है। इन तीनों देशों में धार्मिक स्तर पर हुए उत्पीडऩ से तंग आकर जिन परिवारों ने 31 दिसंबर 2014 तक शरण ली उन्हें नागरिकता दी जानी है। देश के मूल निवासियों का सीएए से कोई लेना-देना नहीं है। सांसद ने कहा कि उनके संसदीय क्षेत्र में पांच परिवार हैं जो इस दायरे में आएंगे, इनमें दो परिवार पानीपत में रह रहे हैं।