तीन बार एंटी रेबीज टीका के फीस जेब में, चौथी बार मांगी रसीद
जागरण संवाददाता पानीपत शहर-गांव के गली-मुहल्लों में आवारा कुत्तों का आतंक जारी है। ि

जागरण संवाददाता, पानीपत : शहर-गांव के गली-मुहल्लों में आवारा कुत्तों का आतंक जारी है। सिविल अस्पताल में रोजाना 10 से अधिक नए घायल टीका लगवाने पहुंच रहे हैं। उधर, टीकाकरण कक्ष में चल रहे खेल की शिकायत पीएमओ तक पहुंची। दो घायलों का आरोप है कि तीन बार एंटी रेबीज इंजेक्शन का टीका लग चुका है,फार्मासिस्ट ने प्रत्येक बार 100 रुपये लिए और जेब में रख लिए। मंगलवार को चौथा टीका लगवाने पहुंचे तो पहले रसीद कटवाने के लिए बोल दिया।
भारत नगर के मुनव्वर और गांव गढ़ी बेसिक निवासी अमरीश ने प्रिसिपल मेडिकल आफिसर (पीएमओ) डा. संजीव ग्रोवर को पहले, इसके बाद लिखित शिकायत दी है। दोनों ने बताया कि कुत्ता काटने से घायल हैं। मुनव्वर को तीन और अमरीश को चार इंजेक्शन लग चुके हैं।
हर बार फार्मासिस्ट ने दोनों से 100-100 रुपये नगद लेकर जेब में रख लिए और टीका लगा दिया।मंगलवार को पुन: पहुंचे तो कह दिया कि पहले 100 रुपये की रसीद कटवाकर लाओ, तब टीका लगेगा। दोनों का आरोप है कि पहले तीन बार ली गई टीकाकरण की फीस सरकारी खाते में नहीं पहुंची। दोनों ने फार्मासिस्ट पर आरोप लगाते हुए बताया कि टीका लगवाने के लिए पहुंचे करीब 15 लोगों से नगद रकम ली गई थी। दो वायल में से पांच घायलों को टीका लगाया जाता है।
डा. ग्रोवर ने शिकायत मिलने की पुष्टि करते हुए बताया कि सेविग को ध्यान में रखते हुए पर्याप्त डोज लगाई जा रही है। कई बार घायल कतार में लगकर रसीद कटवाने से परहेज करता है। ऐसे में फार्मासिस्ट उससे 100 रुपये लेकर, बाद में रसीद कटवा देता है। मामले की जांच कराई जाएगी।
बीपीएल के लिए फ्री :
बीपीएल कार्ड धारकों के लिए सरकारी अस्पतालों में टीका फ्री लगाया जाता है। बाकी घायलों से 100 रुपये (सरकार द्वारा निर्धारित) शुल्क वसूला जाता है। इसके लिए पहले विडो पर जाकर रसीद कटवानी पड़ती है।
इंजेक्शन का चक्र :
स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन के अनुसार पहला इंजेक्शन घटना के 48 घंटे के भीतर, दूसरा तीन दिन बाद, तीसरा सात दिन बाद, चौथा 14 दिन बाद और पांचवा 28 दिन के बाद लग जाना चाहिए।
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