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    World Cancer Day 2025: हरियाणा में हर 2 घंटे में कैंसर से एक की मौत, कैसे पहचानें लक्षण; कहां मिलता है फ्री इलाज?

    Updated: Mon, 03 Feb 2025 11:30 PM (IST)

    हरियाणा में कैंसर के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। हर दो घंटे में एक व्यक्ति की कैंसर से मौत हो रही है। हर साल औसतन पांच हजार कैंसर रोगी दम तोड़ रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार जीवनशैली और खान-पान की आदतें बदलें तो काफी हद तक कैंसर से बचा जा सकता है। लक्षण पता चलते ही तुरंत इलाज शुरू कर दें।

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    World Cancer Day 2025: हरियाणा में कैंसर का कहर।

    सुधीर तंवर, चंडीगढ़। हरियाणा में कैंसर भयावह होता जा रहा है। स्थिति यह है कि प्रत्येक दो घंटे में कैंसर से एक व्यक्ति की मौत हो रही है। हर साल औसतन पांच हजार कैंसर रोगी दम तोड़ रहे हैं। इतना ही नहीं, हर साल नए मरीजों का ग्राफ भी तेजी से बढ़ रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, जीवनशैली और खान-पान की आदतें बदलें तो काफी हद तक कैंसर से बचा जा सकता है।

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    प्रदेश में 30 साल से अधिक आयु वर्ग की आबादी में एक लाख लोगों की जांच में 102 लोगों में कैंसर के लक्षण मिल रहे हैं। पुरुषों में मुंह और महिलाओं में गर्भाशय ग्रीवा तथा स्तन कैंसर के मामले अधिक हैं।

    विशेषकर यमुना नदी बेल्ट के फरीदाबाद और घग्गर नदी बेल्ट के सिरसा, फतेहाबाद, कैथल और अंबाला जिलों में यह बीमारी तेजी से फैल रही है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर गठित टास्क फोर्स द्वारा यमुना और घग्गर नदी में जगह-जगह लिए सैंपल में भी नदी में जहरीले तत्व पाए गए हैं, जो इंसानी सेहत के लिए बेहद खतरनाक हैं।

    पांच में से एक पुरुष को कैंसर का खतरा

    अव्यवस्थित जीवनशैली, पर्यावरण की समस्याएं और जागरूकता की कमी के कारण पांच में से एक पुरुष और आठ में से एक महिला को कैंसर का खतरा है। तंबाकू का सेवन (धूम्रपान या गुटखा) कैंसर का सबसे प्रमुख कारण है, जो लगभग 40 प्रतिशत मामलों के लिए जिम्मेदार है।

    तंबाकू उत्पादों से दूरी बना ली जाए तो करीब 10 प्रकार के कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है। करनाल के प्रमुख चिकित्सक डॉ. नेत्रपाल रावल के अनुसार, प्रथम और द्वितीय स्टेज के कैंसर का सफल इलाज है। इसके लिए जरूरी है कि समय-समय पर जांच कराएं।

    यहां हो रहा है मुफ्त इलाज

    हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव के मुताबिक, अटल केयर केंद्र अंबाला, नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट झज्जर और पीजीआई रोहतक में कैंसर का न केवल मुफ्त इलाज किया जाता है, बल्कि दवाइयां भी निशुल्क दी जाती हैं।

    मरीजों को मुफ्त यात्रा, हर महीने पेंशन

    कैंसर की स्टेज तीन और चार से जूझ रहे मरीजों के लिए प्रदेश सरकार ने हर महीने तीन हजार रुपये पेंशन (सहायता राशि) शुरू की है। तीन लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवारों के मरीजों को पेंशन के साथ सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत पहले से मिल रहे आर्थिक लाभ भी जारी रहेंगे।

    चूंकि कैंसर के तीसरे एवं चौथे चरण में करीब 64 प्रतिशत मरीज गरीब पृष्ठभूमि से आते हैं, ऐसे में इस पेंशन का गरीब परिवारों को काफी फायदा हुआ है। इसके अलावा मुफ्त बस पास की भी सुविधा है। कैंसर मरीज जहां भी उपचार ले रहा है, वहां के दस्तावेज के साथ स्वास्थ्य विभाग में संपर्क कर अस्पताल से जारी ट्रीटमेंट का कार्ड दिखाना होता है।

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