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    हरियाणा की मंडियों में पहुंचा 43 लाख टन गेहूं, खरीद और उठान की रफ्तार धीमी; भुगतान में देरी से किसान परेशान

    Updated: Thu, 17 Apr 2025 05:29 PM (IST)

    हरियाणा की मंडियों में पिछले साल से दोगुना गेहूं आने के बावजूद खरीद धीमी है। लगभग 10 लाख टन गेहूं बिना बिकी मंडियों में पड़ा है जिससे किसानों को भुगतान में देरी हो रही है। सरकार के 48 घंटे में भुगतान के दावे के बावजूद एजेंसियों की सुस्ती से किसान परेशान हैं। नमी के कारण खरीद में दिक्कत आ रही है और उठे हुए गेहूं का उठान भी धीमा है।

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    हरियाणा की मंडियों में पहुंचा 43 लाख टन गेहूं। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा की मंडियों में पिछले साल की अपेक्षा इस बार गेहूं की आवक दोगुनी से भी ज्यादा है। इसके बावजूद सरकारी एजेंसियां मंडियों में पहुंच चुके गेहूं की खरीद नहीं कर पा रही हैं। राज्य की मंडियों में करीब 10 लाख टन गेहूं बिना खरीद के बाकी है।

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    खरीद एजेंसियों ने अभी तक जितना गेहूं खरीदा है, उस सारे गेहूं का उठान भी नहीं हो पाया है। जब तक उठाने के बाद गेहूं गोदामों में नहीं पहुंचता, तब तक किसानों को उनकी फसल का पैसा नहीं मिलता। सरकार के 48 घंटे में किसानों की फसल के भुगतान के दावों को खरीद एजेंसियां झूठलाने में लगी हैं।

    करीब 85 लाख टन गेहूं उत्पादन की संभावना

    हरियाणा में गेहूं की सरकारी खरीद एक अप्रैल से हुई थी। इस बार राज्य में करीब 85 लाख टन गेहूं का उत्पादन होने की संभावना है, जिसमें से करीब 60 से 65 लाख टन गेहूं बिक्री के लिए मंडियों में पहुंचेगी।

    बृहस्पतिवार तक राज्य की मंडियों में 43.15 लाख टन गेहूं पहुंच चुका था, जिसमें से 37.80 टन गेहूं की सरकारी खरीद हो पाई है। पिछले साल इस अवधि तक मंडियों में सिर्फ 19 लाख टन गेहूं पहुंचा था।

    अकेले बृहस्पतिवार को साढ़े 6 लाख टन गेहूं राज्य की मंडियों में पहुंचा है। मंडियों में पहुंच चुके गेहूं में से 31.12 लाख टन गेहूं का जे-फार्म कटा है। जे-फार्म कटने के बाद ही किसान को उसके खाते में फसल का भुगतान दिया जाता है।

    सरकार को भी हो रहा नुकसान

    राज्य के करीब 2 लाख किसानों के खातों में अभी तक 1400 करोड़ रुपये का भुगतान करने का दावा सरकार ने किया है। किसान इस बात से परेशान हैं कि मंडियों में गेहूं लाने के बाद उसकी बिक्री नहीं हो रही है। खरीद एजेंसियां गेहूं में नमी बताकर उसे खरीदने से मना कर रही हैं।

    राज्य की खरीद एजेंसियों ने अभी तक जितना गेहूं खरीदा है, उसका भी पूरा उठान मंडियों से नहीं हो पाया है। अभी तक 9 लाख टन गेहूं ही मंडियों से उठ पाया है। बुधवार की रात भी मौसम काफी खराब रहा।

    मौसम विभाग ने आने वाले तीन दिनों तक मौसम खराब रहने की आशंका जताई है। ऐसे में मंडियों में पहुंच चुके गेहूं की समय से बिक्री और उठान नहीं होने से किसान तथा सरकार दोनों को नुकसान है।

    15 मार्च से सरसों की खरीद शुरू

    हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गेहूं खराब होने पर मार्केटिंग बोर्ड के अधिकारियों की जवाबदेही तय की है, लेकिन इस जवाबदेही का कोई असर सामने आया है, अभी तक ऐसा नहीं लग रहा है। राज्य की मंडियों में सरसों की खरीद की भी लगभग ऐसी ही स्थिति है।

    अभी तक 6.8 लाख टन सरसों मंडियों में पहुंच चुकी है, जिसमें से 5.3 लाख टन सरसों खरीदी जा चुकी है और 4.39 लाख टन सरसों का जे फार्म कट चुका है। राज्य में 15 मार्च से सरसों की खरीद शुरू हो चुकी थी। राज्य में दो खरीद एजेंसियां हैफेड और हरियाणा वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन द्वारा सरसों की खरीद की जा रही है।

    फसल बेचने में किसी तरह की नहीं आनी चाहिए परेशानी

    अब तक 1.71 लाख किसानों से सरसों की खरीद की गई है। इसके लिए 1843 करोड़ रुपये की राशि किसानों के बैंक खाते में स्थानांतरित की जा चुकी है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने खरीद एजेंसियों को आदेश दिए हैं कि किसानों को मंडियों में अपनी फसल बेचने में किसी तरह की परेशानी नहीं आनी चाहिए।

    यदि मंडियों में गेहूं अथवा सरसों भीगता है तो इसकी जवाबदेही मार्केटिंग बोर्ड के अधिकारियों की होगी, क्योंकि उन्हें पहले ही इससे बचाव के इंतजाम करने थे।

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