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हरियाणा में एक कॉल पर पहुंचेगा किसान के खेत में पानी

हरियाणा में एक कॉल पर किसान के खेत में पानी पहुंचाने के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। प्रदेश में 15 स्थानों पर इस पायलट प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 31 Jul 2017 06:52 PM (IST)Updated: Mon, 31 Jul 2017 06:53 PM (IST)
हरियाणा में एक कॉल पर पहुंचेगा किसान के खेत में पानी
हरियाणा में एक कॉल पर पहुंचेगा किसान के खेत में पानी

जेएनएन, चंडीगढ़। किसानों को खेत में अब न ट्यूबवेल लगाने की चिंता होगी और न ही नहरी पानी के लिए समय लेने की। न डीजल इंजन की जरूरत रहेगी और न ट्रांसफार्मर लगवाने या इसके खराब होने की चिंता। बस एक फोन कॉल से पानी खेत में पहुंच जाएगा।

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यह सब होगा सूक्ष्म सिंचाई से जिसकी नींव रखी जा चुकी है। पहले चरण में प्रदेश के 36 डार्क जोन के 15 गांवों में इस पायलट प्रोजक्ट पर तेजी से काम चल रहा है। कुरुक्षेत्र के पिहोवा में यह प्रयोग सफल रहा। योजना के तहत विभिन्न विभाग 150 एकड़ जमीन के पैच बनाकर इनके लिए पानी की व्यवस्था करेंंगे। प्रत्येक चार एकड़ पर एक ग्रिड होगा। नहरी पानी को एक स्थान पर एकत्रित कर ग्रिड के माध्यम से ओवरहेड टैंक पर ले जाया जाएगा। फिर किसान के खेत के सिस्टम के अनुसार उसकी एक कॉल पर पानी की सप्लाई दी जाएगी।

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यह देश की पहली योजना है जिसमें सौर ऊर्जा और ग्रिड के माध्यम से उर्जा का आदान-प्रदान होगा। हॉट लाइन के जरिये विद्युत ग्रिड सेंटर नजदीकी 11 केवी लाइन से जुड़े रहेंगे। इससे निर्बाध बिजली सप्लाई सुनिश्चित होगी। पहले चरण में अंबाला, करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, हिसार, झज्जर, भिवानी, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, सिरसा, सोनीपत, पानीपत, जींद को इस योजना का लाभ मिलेगा। कुल सिंचित नहरी क्षेत्र का 1972 हेक्टेयर इसके दायरे में है। करीब साढ़े पांच लाख फीट एचडीपीआइ पाइप लाइन बिछाई जाएगी जिसका डिस्चार्ज 1586 क्यूसिक होगा।

नहरी पानी होगा सरप्लस, बचेंगे 7800 करोड़

कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ का कहना है कि सिंचाई से वंचित इलाकों में हर खेत में पानी पहुंचाने के लिए नया सिस्टम डेवलप कर रहे हैं। इससे जहां नहरी पानी सरप्लस होगा, वहीं 7800 करोड़ रुपये की सब्सिडी भी बचेगी। डॉर्क जोन में किसानों को सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं पर 85 फीसद तक सब्सिडी देंगे। हर 150 एकड़ जमीन पर पानी सप्लाई के लिए कंट्रोल रूम होगा जिसमें कंप्यूटरीकृत सिस्टम के जरिये एक फोन कॉल पर ऑपरेटर किसान को पानी देगा। एक प्रोजेक्ट पर करीब 25 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

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