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    हरियाणा में CM नायब समेत वीआईपी सिक्योरिटी में बदलाव, चुनाव हारे नेताओं की सुरक्षा घटाने की तैयारी

    हरियाणा सरकार ने वीआईपी नेताओं और अधिकारियों की सुरक्षा में बदलाव करने का फैसला किया है। विधानसभा और लोकसभा चुनाव हारने वाले नेताओं की सुरक्षा घटाने पर विचार किया जा रहा है जबकि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की कैबिनेट में शामिल नए मंत्रियों की सुरक्षा बढ़ाई जा सकती है। सरकार की योजना केवल जरूरी सुरक्षा देने की है। जिन्हें जरूरत नहीं है उनकी सुरक्षा घटाई जा सकती है।

    By Anurag Aggarwa Edited By: Sushil Kumar Updated: Sun, 23 Feb 2025 07:01 PM (IST)
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    हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी की सुरक्षा में होगा बदलाव। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में सीआईडी चीफ बदलने के बाद अब वीआईपी नेताओं व अधिकारियों की सिक्योरिटी में बदलाव किया जाएगा। विधानसभा और लोकसभा चुनाव हारे नेताओं की सिक्योरिटी जहां घटाई जा सकती है, वहीं मुख्यमंत्री नायब सिंह की कैबिनेट में शामिल नये मंत्रियों की उनके राजनीतिक कद के हिसाब से सिक्योरिटी बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।

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    अधिकतर पूर्व मंत्रियों की सिक्योरिटी कम करने की तैयारी है, जबकि कई विधायक ऐसे हैं, जिनके बाद दो से चार सुरक्षाकर्मी हैं। ऐसे नेताओं को चिन्हित कर उनकी सिक्योरिटी की जरूरत की समीक्षा की जा रही है।

    सिक्योरिटी को लेकर लिस्ट तैयार

    हरियाणा सरकार ने पिछले दिनों आलोक कुमार मित्तल के स्थान पर सौरभ सिंह को नया सीआईडी चीफ बनाया है। राज्य में लंबे समय से वीआईपी की सिक्योरिटी की समीक्षा नहीं हो पाई है। नये सीआईडी चीफ सौरभ सिंह ने वीआईपी की सिक्योरिटी की समीक्षा की कार्ययोजना बनाई है।

    सभी जिलों से इनपुट प्राप्त किए जा चुके हैं। ऐसे नेताओं को चिन्हित किया जा रहा है, जिन्हें वास्तव में सुरक्षा की जरूरत है। ऐसे नेताओं की भी अलग से लिस्ट तैयार की जा रही है, जो सिर्फ स्टेटस सिंबल के लिए सिक्योरिटी रखे हुए हैं।

    सरकारी खजाने पर बढ़ रहा बोझ

    पिछले दिनों पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को दी जाने वाली सिक्योरिटी पर सवाल उठाए थे। हाई कोर्ट ने इन अधिकारियों को सिक्योरिटी दिए जाने का कारण पूछा था। सरकार की ओर से तब जवाब दिया गया था कि सीधे पब्लिक डीलिंग से जुड़े अधिकारियों की ही सिक्योरिटी दी गई है, जबकि इसके विपरीत कोई अधिकारी ऐसा नहीं है, जिसके पास सिक्योरिटी ना हो।

    इससे लाखों रुपये का खर्च सरकारी खजाने पर बढ़ रहा है। सरकार की योजना सिर्फ जरूरी सिक्योरिटी देने की है। विधानसभा व लोकसभा चुनाव हार चुके नेताओं व पूर्व मंत्रियों की सिक्योरिटी घटाने पर विचार चल रहा है।

    बढ़ाई जा सकती है सिक्योरिटी

    सभी जिलों से ऐसे इनपुट भी मंगा लिए गए हैं, जिन्होंने फर्जी शिकायतें देकर सिक्योरिटी हासिल कर रखी है। जिन्हें वास्तव में सिक्योरिटी की जरूरत है, उनकी सिक्योरिटी बढ़ाई भी जा सकती है। इसको लेकर सिक्योरिटी असेसमेंट कमेटी (एसएसी) ने सीआईडी के साथ समन्वय बढ़ा दिया है।

    पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा सरकार के आठ मंत्री चुनाव हार गए थे। इनमें कंवरपाल गुर्जर (जगाधरी), रणजीत चौटाला (रानियां), डा. कमल गुप्ता (हिसार), सुभाष सुधा (थानेसर), संजय सिंह (नूंह), अभय यादव (नांगल चौधरी), जयप्रकाश दलाल (लोहारू) और असीम गोयल (अंबाला सिटी) शामिल हैं।

    नायब सैनी, मनोहर लाल और बंडारु दत्तात्रेय को जेड प्लस सिक्योरिटी

    हरियाणा में तीन वीआईपी ऐसे हैं, जिन्हें जेड प्लस सिक्योरिटी मिली हुई है। इनमें मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के अलावा केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल, हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय का नाम शामिल है। प्रदेश के ऊर्जा एवं परिवहन मंत्री अनिल विज एकमात्र ऐसे नेता हैं, जिन्हें जेड श्रेणी की सिक्योरिटी मिली हुई है।

    इससे पहले भी सरकार में अनिल विज को जेड सिक्योरिटी मिली हुई थी। विज के अलावा डेरा सच्चा सौदा सिरसा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सजा सुनाने वाले सीबीआई जज जगदीप सिंह व उनके परिवार को पिछली रिव्यू मीटिंग में सिक्योरिटी कवर पहले की तरह जारी रखने पर सहमति बनी थी।

    उन्हें सरकार की ओर से जेड श्रेणी की सुरक्षा दी जा रही है। इनेलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला को वाई प्लस श्रेणी की सिक्योरिटी मिली हुई है। सिख नेता बलजीत सिंह दादूवाल को भी आतंकी इनपुट के बाद सरकार की ओर से यही सुरक्षा दी गई है।

    भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सिक्योरिटी कैटेगरी पर उठ चुके सवाल

    पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को वाई श्रेणी की सिक्योरिटी दी गई है। हरियाणा कांग्रेस के तत्कालीन कार्यकारी प्रधान जितेंद्र भारद्वाज को भी जान का खतरा है, लेकिन उन्हें सिक्योरिटी नहीं दी गई है। हुड्डा की सिक्योरिटी की श्रेणी पर जितेंद्र भारद्वाज का कहना है कि हुड्डा राष्ट्रीय स्तर के नेता हैं, उन्हें पार्टी के कामों से पूरे देश में जाना पड़ता है।

    उन्हें जेड प्लस श्रेणी की सिक्योरिटी दी जानी चाहिए। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के अलावा सीएम सैनी के सभी कैबिनेट मंत्रियों और पूर्व मंत्री रणदीप सिंह सुरजेवाला, पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई, केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर और राव इंद्रजीत को गृह मंत्रालय के निर्देश पर वाई कैटेगरी की सिक्योरिटी दी गई है।

    सेवानिवृत आइपीएस अनिल कुमार राव, हरियाणा के पूर्व डीजीपी बीएस संधू, हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष बाबा कर्मजीत सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद कुमारी सैलजा, पूर्व एडीजीपी शरद कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल की पत्नी जसमा देवी, सिख नेता रमणीक सिंह मान समेत कई नेताओं को एक्स श्रेणी की सिक्योरिटी मिली हुई है।

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