गजब! बिना पद के 715 लोग ले रहे थे 75 से 90 हजार रुपये की सैलरी, हरियाणा की पैक्स में बड़े फर्जीवाड़ा का खुलासा
हरियाणा की प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) में बड़ा घोटाला सामने आया है। सैकड़ों कर्मचारी बिना किसी पद के मनमाना वेतन पा रहे हैं। सहायक रजिस्ट्रार और पैक्स संचालकों की मिलीभगत से 715 कर्मचारी बिना स्वीकृति के रखे गए हैं। इनमें से अधिकांश कर्मचारी 75 हजार से 90 हजार रुपये मासिक वेतन ले रहे हैं। सहकारिता विभाग ने जांच के आदेश दिए हैं।
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा की प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (पैक्स) में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। इन पैक्स के सैकड़ों कर्मचारी मनमाने तरीके से वेतन हासिल कर रहे हैं। पैक्स समितियां स्वायत्त संस्थाओं (अटोनोमस बाडी) के रूप में काम करती हैं, जिसका संचालन सहायक रजिस्ट्रार के पास होता है।
75 से 90 हजार तक दिया जा रहा मनमर्जी वेतन
सहायक रजिस्ट्रार कार्यालय के अधिकारियों व पैक्स के संचालकों की मिलीभगत से हर जिले में सैकड़ों ऐसे कर्मचारी नौकरियों पर रखे जा चुके हैं, जिनकी जरूरत ही नहीं है। इससे भी आश्चर्यजनक बात यह है कि इन कर्मचारियों को मनमर्जी का वेतन प्रदान किया जा रहा है।
अधिकतर कर्मचारी 75 हजार से 90 हजार रुपये मासिक का वेतन इन पैक्स समितियों से प्राप्त कर रहे हैं। यह स्थिति तब है, जब 19 जिलों में पैक्स समितियां भारी घाटे में चल रही हैं और उनका ऋण वसूली प्रतिशत मात्र 45 से 52 है।
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715 कर्मचारी बिना स्वीकृत के लगाए गए पदों पर
हरियाणा के सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अंकुर गुप्ता के संज्ञान में मामला आने के बाद उन्होंने सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार और सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक को पत्र लिखे, जिसमें राज्य की सभी सहकारी समितियों में कर्मचारियों द्वारा प्राप्त की जाने वाली तनख्वाह का विवरण मांगा गया है।
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इन प्राथमिक ऋण समितियों (पैक्स) में 715 कर्मचारी ऐसे हैं, जो बिना स्वीकृत पदों के लगाए गए हैं और उनकी पैक्स में जरूरत नहीं है। यह कर्मचारी अपने राजनीतिक जुगाड़ और सहायक रजिस्ट्रारों की मिलीभगत से चांदी कूट रहे हैं।
इन जिलों के कर्मचारी प्राप्त कर रहे सबसे अधिक वेतन
हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा और दी हरियाणा स्टेट को-आपरेटिव अपैक्स बैंक (हरको) के चेयरमैन हुकम सिंह भाटी के पास जो रिपोर्ट पहुंची, उसके मुताबिक अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल और कैथल जिलों की पैक्स समितियों में कर्मचारियों द्वारा सबसे अधिक वेतन प्राप्त किया जा रहा है, जबकि वे इसके पात्र भी नहीं हैं।
हरको बैंक के एमडी प्रफुल्ल रंजन की सख्ती के बाद करनाल जिले की 98 पैक्स के 235 कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। दस दिन की हड़ताल के बाद हरको के चेयरमैन हुकम सिंह भाटी ने इस भरोसे के साथ इन आंदोलन को खत्म कराया कि भविष्य में पूरे प्रदेश के लिए समान नीति और योजना बनाई जाएगी।
करनाल जिले के इन कर्मचारियों को दिक्कत थी कि जीएम का व्यवहार सही नहीं है, जिसे सरकार ने बदल दिया है और अधिक वेतन वसूली के आदेश सिर्फ करनाल जिले में ही क्यों लागू किए गए, जबकि फर्जीवाड़ा पूरे प्रदेश की पैक्स समितियों में हो रहा है।
हरियाणा की पैक्स समितियों में हैं 750 कर्मचारी
हरियाणा की पैक्स समितियों में करीब 750 कर्मचारी हैं, जिनमें से 658 कर्मचारियों का काम वित्तीय लेनदेन से जुड़ा है। इनमें से काफी कर्मचारी सरकार और बैंक का पैसा पैक्स समितियों के माध्यम से बटोरने में लगे हैं। हरको बैंक के चेयरमैन हुकम सिंह भाटी ने कहा है कि फिलहाल करनाल के कर्मचारियों की हड़ताल को खत्म करा दिया गया है, लेकिन पूरे प्रदेश में गलत तरीके से लगे एक्सेस कर्मचारियों को हटाने के साथ ही सभी वेतन विसंगतियों को दूर किया जाएगा।
इसके लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा से मिलकर एकसमान नीति बनाने की दिशा में आगे बढ़ा जाएगा। हुकम सिंह भाटी के अनुसार पैक्स समितियों का संचालन बैंक के अधीन करने की दिशा में भी बातचीत चल रही है।
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