हरियाणा में कब लागू होंगे 3 नए आपराधिक कानून? CM सैनी ने किया खुलासा
हरियाणा में 28 फरवरी तक तीन नए आपराधिक कानून लागू कर दिए जाएंगे। इनमें भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) 2023 शामिल हैं। ये कानून न्याय प्रक्रिया को आसान बनाने और त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए लागू किए जा रहे हैं। सीएम सैनी ने हाल ही में एलान किया था।
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। हरियाणा में तीन नए आपराधिक कानूनों को लागू करने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने एलान किया है कि 28 फरवरी तक प्रदेश में तीनों नए कानून लागू कर दिए जाएंगे। आखिर क्या है ये तीन नए कानून और इनके लागू होने से प्रदेश में क्या कुछ बदल जाएगा आइए जानते हैं।
28 फरवरी को लागू हो जाएंगे तीन नए कानून
बीते 10 जनवरी को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पंचकूला स्थित पुलिस लाइन में पुलिस अधीक्षकों समेत कई बड़े अधिकारियों के साथ बैठक में हिस्सा लिया था। इस दौरान प्रदेश के कानून व्यवस्था समेत कई मुद्दों पर सीएम ने बातचीत की थी।
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बैठक के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा था कि भारत पीनल कोड के तीनों नए कानून प्रदेश में तय सीमा से पहले ही लागू कर दिए जांएगे। सीएम सैनी ने कहा था कि हरियाणा पहला राज्य बनेगा, जो तीनों नए कानूनों को 31 मार्च के लक्ष्य के विपरीत 28 फरवरी तक ही लागू कर देगा। हरियाणा में नए कानूनों को लागू करने में गृह विभाग, पुलिस, कोर्ट, प्रॉसिक्यूशन (अभियोजन) तथा जेल विभाग में समन्वय अहम होगा।
क्या हैं तीन नए कानून?
तीन नए कानूनों में भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) 2023 शामिल हैं। ये तीनों नए कानूनों को 1 जुलाई, 2024 को भारतीय दंड संहिता 1860, दंड प्रक्रिया संहिता 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की जगह लागू किया गया था। केंद्र सरकार की ओर से त्वरित न्याय और न्यायिक प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए तीन नए आपराधिक कानून लागू किए गए हैं।
क्या है तीन नए आपराधिक कानूनों खासियत?
न्याय की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए लागू किए गए तीन नए आपराधिक कानूनों की कई खास बातें हैं। नए कानूनों में पहली बार मॉब लिंचिंग को परिभाषित किया गया है।
इस कानून में सभी प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए टाइमलाइन भी निर्धारित की गई है। इस कानून के लागू होने के बाद एफआईआर दर्ज होने से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक 3 साल में न्याय मिलेगा। इतना ही नहीं, तीन नए कानूनों में 7 साल या उससे अधिक की सजा पाने वाले अपराधों में फॉरेंसिक जांच को अनिवार्य कर दिया गया है।
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