हरियाणा में बाढ़ की आशंका, यमुना में उफान से दिल्ली पर भी खतरा
हिमाचल के पहाड़ों और हरियाणा में बारिश्ा से यमुना और अन्य नदियां उफान पर हैं। इससे हरियाणा के संग दिल्ली में भी बाढ़ का खतरा है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हिमाचल प्रदेश के पहाड़ों और हरियाणा में कई दिनों से हो रही बारिश से यमुना नदी सहित कई नदियां उफान पर हैं। इससे हरियाणा में बाढ़ की आशंका के संग दिल्ली के लिए भी खतरा पैदा हो गया है। बुधवार को भी सुबह से कई क्षेत्रों में बारिश हो रही है। इससे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जलभराव की समस्या से लाेग परेशान हैं और कई जगहों पर बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं1
मौसम विभाग के अनुसार, अगले चार-पांच दिनों तक अभी बारिश जारी रह सकती है। भारी बारिश से निचले इलाकों के डूबने की आशंका है। राज्य सरकार ने सभी मंडलों के आयुक्त और जिला उपायुक्तों को स्थिति पर पैनी नजर रखने के निर्देश देते हुए प्रतिकूल परिस्थितियों में तुरंत मुख्यालय रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है।
यह भी पढ़ें: छात्र को घर बुलाकर जबरन संबंध बनाती थी महिला प्रिंसिपल, जांच शुरू होते ही गायब हुई
बाढ़ एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने भारतीय मौसम विभाग से मिली चेतावनी के आधार पर पूरी मशीनरी को अलर्ट पर रखा है। रिपोर्ट के मुताबिक पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, चंडीगढ़ और दिल्ली के साथ ही हरियाणा में अगले चार-पांच दिनों तक भारी बारिश की संभावना है। पहाड़ी इलाकों में बारिश से यमुना और सतलुज में पानी का स्तर खतरे के पार होने से आसपास के इलाके बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं। ऐसी स्थिति में राहत एवं बचाव कार्य के लिए पूरी मशीनरी को अलर्ट पर रखा जाए।
यमुना में उफान
यमुना नदी के जलस्तर में हालांकि मंगलवार को कुछ गिरावट आई है, लेकिन इसके बावजूद नदी पूरे उफान पर है। बुधवार सुबह से हो रही बारिश से नदी के जलस्तर में वृद्धि की संभावना है। मंगलवार को हथनीकुंड बैराज पर नदी में 46,496 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया।
यह भी पढ़ें: एक ब्याह कर लाता है और फिर बन जाती है सभी भाइयों की पत्नी
सिंचाई विभाग के अधिकारियों के मुताबिक नदियों का जलस्तर पहाड़ी क्षेत्रों व केचमेंट एरिया में होने वाली बारिश पर निर्भर करता है। मंगलवार को बारिश कम हुई जिसके कारण नदी में पानी की मात्रा भी घटी। इस दौरान यमुना नदी में 24992 क्यूसेक व पश्चिमी यमुना नहर में 18002 क्यूसेक पानी का बहाव रहा। बुधवार को पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश होने से इसमें बढ़ोतरी होगी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।