'हरियाणा में शिक्षकों से कुत्तों की निगरानी...', अनुराग ढांडा ने हरियाणा सरकार पर जमकर बोला हमला
AAP के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा ने हरियाणा सरकार पर शिक्षकों को कुत्तों की निगरानी में लगाने के लिए निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 30 हजार ...और पढ़ें
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शिक्षकों से कुत्तों की निगरानी कराने पर आप ने साधा सरकार पर निशाना।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हरियाणा में शिक्षकों के 30 हजार से अधिक पद खाली हैं, लेकिन इसके बाद भी सरकार शिक्षकों से पढ़ाई छुड़वाकर कुत्तों की गिनती करा रही है।
दिल्ली के बाद हरियाणा में भी कुत्तों की निगरानी के लिए शिक्षकों की ड्यूटी लगा दी गई है। भाजपा सरकारों के इस फैसले ने भाजपा का शिक्षा विरोधी चेहरा बेनकाब कर दिया है। अनुराग ढांडा ने कहा कि शिक्षकों की नियुक्तियां स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए हुई हैं, लेकिन भाजपा सरकार उनसे कुत्तों की गिनती करवा रही है।
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी ने सुझाव दिया कि जानवरों की निगरानी व गिनती के लिए सरकारी स्कूलों में पालियों की भर्ती निकाली जानी चाहिए। शिक्षकों से यह काम लेना किसी सूरत में उचित नहीं ठहराया जा सकता।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के इस फैसले के खिलाफ कैथल में शिक्षक धरने पर बैठ गए हैं और खुलकर कह रहे हैं कि वे बच्चों को पढ़ाने के लिए नियुक्त हुए हैं, न कि कुत्तों और जानवरों की निगरानी के लिए। स्कूलों से लेकर यूनिवर्सिटी तक अध्यापकों पर यह जिम्मेदारी डालना सरकार की शिक्षा विरोधी सोच को उजागर करता है।
अनुराग ढांडा ने कहा कि ऐसे फैसले यह दिखाते हैं कि भाजपा को न तो शिक्षा की चिंता है और न ही अध्यापकों के सम्मान की फिक्र है। हरियाणा में पहले से ही शिक्षा व्यवस्था बदहाल है, लेकिन सरकार उसकी जिम्मेदारी सुधारने के बजाय शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कामों में झोंक रही है।
सरकारी आंकड़े खुद सच्चाई बयान करते हैं। हरियाणा में करीब 14 हजार सरकारी स्कूल हैं, जबकि राज्य में 30 हजार से ज्यादा शिक्षक पद खाली पड़े हैं। लगभग 85 से 90 प्रतिशत स्कूल बिना स्थायी हेडमास्टर के चल रहे हैं।
कैथल के जिला शिक्षा अधिकारी के 24 दिसंबर 2025 के आदेश में हर स्कूल में आवारा कुत्तों की निगरानी के लिए नोडल अधिकारी बना दिया गया। मामला केवल स्कूलों तक सीमित नहीं है। रोहतक एमडीयू यूनिवर्सिटी में भी 24 दिसंबर 2025 को आदेश जारी कर प्रोफेसरों को परिसर में आवारा कुत्तों की निगरानी की जिम्मेदारी दे दी गई।

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