हरियाणा में पत्थर और रेत-बजरी होंगे सस्ते, नायब सरकार ने घटाया टैक्स; लोगों को मिली राहत
हरियाणा सरकार ने बाहरी राज्यों से आने वाले पत्थर और रेत-बजरी पर लगने वाले शुल्क को कम कर दिया है। अब 100 रुपये प्रति टन की जगह 80 रुपये प्रति टन शुल्क लगेगा। पत्थर और बोल्डर पर रायल्टी भी घटाई गई है। यह फैसला भवन निर्माण सामग्री की कीमतों में कमी लाने के उद्देश्य से किया गया है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में बाहर से आने वाले पत्थर और रेत-बजरी की आसमान छूती कीमतों से त्रस्त लोगों को सरकार ने थोड़ी राहत दी है। दूसरे प्रदेशों से आने वाले खनिज से भरे वाहनों पर अब 100 रुपये की बजाय 80 रुपये प्रति टन शुल्क लगेगा। पत्थर और बोल्डर पर रायल्टी को भी 100 रुपये से घटाकर 80 रुपये प्रति टन कर दिया गया है।
मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को अंतरराज्यीय पारगमन पास (आइएसटीपी) ढांचे के कार्यान्वयन हेतु खनिज खनन नियमों और रायल्टी दरों में संशोधन को स्वीकृति दे दी। विगत 26 जून को हुई मंत्रिमंडल बैठक में खनिजों के अंतरराज्यीय परिवहन के लिए 100 रुपये प्रति टन का शुल्क निर्धारित कर दिया गया था।
इसी तरह पत्थर की रायल्टी को 45 रुपये से बढ़ाकर 100 रुपये प्रति टन और रेत की रायल्टी को 40 रुपये से बढ़ाकर 80 रुपये प्रति टन कर दिया गया। मंत्रिमंडल का फैसला लागू होते ही भवन निर्माण सामग्री की कीमतों में भारी उछाल आ गया, जिसको लेकर विभिन्न वर्गों ने सरकार के समक्ष आपत्ति उठाई।
इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने अब दूसरे राज्यों से आने वाले खनिज से लदे वाहनों और राज्य के बाहर के स्थानों पर खनिजों का परिवहन करने वाले वाहनों पर 80 रुपये प्रति टन शुल्क लगाने का निर्णय लिया है।
पत्थर और बोल्डर पर रायल्टी की दर 80 रुपये प्रति टन होगी। खनन पट्टे के मामले में लघु खनिज के लिए रायल्टी की दर खनिज के लिए लागू दरों के अतिरिक्त 25 प्रतिशत होगी। हरियाणा में छह राज्यों से खनन सामग्री लाई जाती है।
खनन के परिवहन पर लगाए गए शुल्क से प्राप्त धनराशि का उपयोग बुनियादी ढांचे यथा चेक पोस्ट और गेट, निगरानी वाले कैमरे और एआइ-आधारित ट्रैकिंग, क्यूआर-कोड सक्षम ई-चालान प्रणाली, मुख्य सड़कों की निगरानी के लिए अन्य तकनीकें और खनन क्षेत्रों से खनन सामग्री के परिवहन की दक्षता बढ़ाने के लिए रसद सहायता में सुधार के लिए किया जाएगा।
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