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हरियाणा सचिवालय से जुड़े सोनीपत शराब घोटाले के तार, आने लगा सियासी रंग

हरियाणा में शराब घोटाला मामले में सियासी रंग आने लगा है। मामला अब गृहमंत्री अनिल विज और उपमुख्‍यमंत्री दुष्‍यंत चौटाला के बीच झूल रहा है। घोटाले के तार सचिवालय से भी जुड़ रहे हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 10 May 2020 09:19 AM (IST)Updated: Sun, 10 May 2020 03:54 PM (IST)
हरियाणा सचिवालय से जुड़े सोनीपत शराब घोटाले के तार, आने लगा सियासी रंग
हरियाणा सचिवालय से जुड़े सोनीपत शराब घोटाले के तार, आने लगा सियासी रंग

चंडीगढ़/नई दिल्‍ली, जेएनएन। हरियाणा के सोनीपत जिले के खरखौदा स्थित गोदाम में हुए शराब घोटाला अब सियासी रंग लेता न‍जर आ रहा है। पूरा मामला हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज और राज्‍य के उपमुख्‍यमंत्री दुष्‍यंत चौटाला के बीच झूलता दिख रहा है। दुष्‍यंत के पास आबकारी विभाग का कार्यभर है। अब मामले में विपक्षी नेता भी कूद पड़े हैं। इनेलो नेता अभय चौटाला ने अनिल विज द्वारा उठाए गए कदमों का समर्थन किया है। दूसरी ओर, इस घोटाले के तार चंडीगढ़ स्‍थित हरियाणा के सिविल सचिवालय तक जुड़ गए हैैं।

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 इनेलाे नेता अभय चौटाला ने अनिल विज के कदमों का किया समर्थन

इस मामले में हरियाणा सरकार की एसआइटी गठित होने से पहले ही एडीजीपी संदीप खिरवार ने पहले ही एसआइटी का गठन कर दिया है। रोहतक के पुलिस अधीक्षक (एसपी) राहुल शर्मा के नेतृत्व में बनाई गई एसआइटी ने अपनी जांच शुरू कर दी है। दूसरी ओर सोनीपत पुलिस ने चंडीगढ़ पुलिस के साथ मिलकर बीती रात चंडीगढ़ में आरोपित भूपेंद्र सिंह की कोठी पर दबिश दी।

सरकार की एसआइटी से पहले ही रोहतक एसपी के नेतृत्व में बना दी गई एसआइटी

भूपेंद्र सिंह वह विवादित व्यक्ति है, जिसके गोदाम में पुलिस द्वारा जब्त की गई तथा आबकारी विभाग की शराब रखी गई थी, जिसे बाद में लाकडाउन के दौरान बेच दिया गया। पुलिस के पहुंचने से पहले ही भूपेंद्र सिंह यहां से बच निकलने में कामयाब रहा। उसे पुलिस के छापे की भनक पहले ही लग गई थी। पुलिस ने उसके घर से तीन मोबाइल फोन, 90 लाख रुपये नगद और ज्वैलरी बरामद की है।

हरियाणा पुलिस को लगता है कि मोबाइल फोन से उसे काफी सुराग मिल सकते हैं। अब पुलिस तीनों फोन का रिकार्ड खंगालेंगी। फोन में आए मैसेज के अलावा भेजे गए मैसेज और काल डिटेल जुटाई जाएगी। पुलिस मोबाइल फोन के जरिये यह भी पता लगाएगी कि शराब बिक्री के दौरान भूपेंद्र सिंह की किन-किन लोगों से बातचीत हुई।

हरियाणा व चंडीगढ़ पुलिस ने गोदाम के मालिक भूपेंद्र के आवास पर मारा छापा, बच निकला

 हरियाणा के गृह विभाग से जुड़े सूत्रों ने संकेत दिए कि भूपेंद्र सिंह की पुलिस के भी कई बड़े अफसरों से सीधी बातचीत होती थी। भूपेंद्र सिंह कई बार हरियाणा सिविल सचिवालय में भी देखा गया है। वह अधिकारियों से मिलने के लिए ही आया करता था। भूपेंद्र सिंह पर दो जिलों में पहले से ही 11 मुकदमे चल रहे हैं। गृह मंत्री अनिल विज ने डीजीपी मनोज यादव से भूपेंद्र सिंह के खिलाफ चल रहे सभी मामलों की जानकारी तलब की है। साथ ही यह भी पूछा है कि सोनीपत पुलिस ने आखिर भूपेंद्र सिंह के गोदाम में किसकी मंजूरी से पकड़ी गई शराब को रखा।

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उप मुख्यमंत्री दुष्‍यंत चौटाला ने विज के पाले में डाला सोनीपत शराब गोदाम से चोरी का मामला

पुलिस की तैनाती के बावजूद सील बंद गोदाम से शराब चोरी का मुद्दा अब सियासी रंग लेने लगा है। गृहमंत्री अनिल विज ने इस मामले में दोषियों को पकडऩे के लिए उच्चाधिकार प्राप्त एसआइटी गठित करने की पहल की तो दुष्यंत चौटाला ने साफ कहा है कि शराब चोरी गोदाम पर पुलिस गारद तैनात होने के बाद हुई है।  दुष्यंत ने दैनिक जागरण के वेबिनार कार्यक्रम में एक सवाल के जबाव में यह भी कहा कि गोदाम से चोरी हुई शराब से सरकार को राजस्व का नुकसान नहीं है। क्योंकि फैक्ट्री से शराब आबकारी कर भुगतान करने के बाद ही गोदाम तक पहुंचती है। दुष्यंत के इस कथन के बाद यह साफ हो गया है कि इस मुद्दे पर विज और दुष्यंत आमने-सामने हैं।

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अहम हो गई है सोनीपत शराब घोटाले के मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी

गृहमंत्री अनिल विज सोनीपत शराब घोटाले को लेकर काफी गंभीर है। उन्होंने पहले तो गोदाम पर तैनात पांच पुलिस कॢमयों पर कार्रवाई की, इसके बाद स्थानीय पुलिस की तरफ से एक शिकायत दी गई। जब मामला पुलिस की तरफ से आबकारी विभाग की ओर मुडने लगा तो आबकारी विभाग ने भी शराब चोरी की एक शिकायत पुलिस में दी। गोदाम के मालिक की गिरफ्तारी को लेकर गृहमंत्री अनिल विज के आदेश पर हरियाणा पुलिस चंडीगढ पुलिस का साथ लेकर चल रही है।

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घोटाले की जांच को एसआइटी गठन पर भी विवाद

गृहमंत्री अनिल विज ने शराब घोटाले की जांच को लेकर एसआइटी गठित करने के लिए तीन आइएएस अधिकारियों का पैनल भी दिया है। इसमें उन्होंने अपने पसंदीदा अधिकारी अशोक खेमका का भी नाम दिया। इस एसआइटी में एक आइएएस तो एक आइपीएस अधिकारी शामिल किया जाना है। तीसरा अधिकारी आबकारी विभाग से विजय कुमार को एसआइटी में शामिल किया गया है। पहले आबकारी विभाग से एसआइटी में शामिल करने के लिए अधिकारी का नाम ही नहीं दिया जा रहा था। हालांकि अब यह मामला मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पास है। उन्हेंं ही सियासी रंग में रंगे जा रहे इस मुद्दे पर अंतिम फैसला लेना है।

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काफी गहरी हो सकती हैैं शराब घोटाले की जड़ें : विज

'' यह बहुत बड़ा घोटाला है और इसकी जड़ें दूर तक हो सकती हैं। इसीलिए इसकी जांच के लिए एसआईटी बनाने का निर्णय लिया। पुलिस के बाद अब आबकारी विभाग ने भी खरखौदा के गोदाम से शराब गायब होने की शिकायत की है। इसे पुलिस की एफआइआर के साथ जोड़ा जाएगा। आरोपी भूपेंद्र सिंह को पकडऩे के लिए चंडीगढ़ में दबिश दी गई, लेकिन वह वहां से पहले ही निकल गया। पुलिस उसे जल्द गिरफ्तार करेगी।

                                                                                                 - अनिल विज, गृह मंत्री, हरियाणा।

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दूध का दूध और पानी का पानी अलग करें विज: अभय

'' गृह मंत्री अनिल विज का यह बयान कि लाॅकडाउन के समय पुलिस व आबकारी विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से शराब की तस्करी हुई है, बिल्कुल ठीक है। हमें गृह मंत्री की कार्यप्रणाली पर पूरा भरोसा है कि वह दूध का दूध पानी का पानी अलग कर देंगे। जांच में अगर कोई दोषी पाया गया तो वह कदाचि नहीं बख्शा जाना चाहिए, बेशक कोई कितने भी ऊंचे पद पर तैनात हो। भाजपा-जजपा सरकार द्वारा शराब के ठेकेदारों को तरह-तरह की छूट देने से लगता है कि सरकार के भागीदारों की ठेकेदारों के प्रति ठंडी नजर है।

                                                                                              - अभय सिंह चौटाला, विधायक, इनेलो।


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