मुरथल गैंगरेपः एसआइटी ने कहा- जांच में कुछ नहीं मिला, एमिकस क्यूरी ने उठाए सवाल
फरवरी 2016 में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान मुरथल में हुए कथित दुष्कर्म प्रकरण पर एसआइटी ने हाई कोर्ट में कहा कि जांच में कुछ नहीं मिला है।
जेएनएन, चंडीगढ़। मुरथल गैंगरेप मामले में एसआइटी चीफ ने हाई कोर्ट में कहा कि उनको जांच में कुछ नहीं मिला, जिससे यह साबित हो कि जाट आंदोलन के चलते मुरथल में गैंग रेप हुआ हो। एसआइटी के जवाब पर इस मामले में नियुक्त एमिकस क्यूरी ने कहा कि एसआइटी मामले की सही जांच नहीं कर रही है। एमिकस क्यूरी ने एसआइटी की जांच प्रणाली पर भी सवाल उठाते हुए मामले को जांच के लिए सीबीआइ को देने की मांग की।
बता दें, फरवरी 2016 में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान मुरथल में हुए कथित दुष्कर्म प्रकरण की जांच पर पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट ने नाराजगी जताई थी। हाई कोर्ट ने मामले की जांच कर रही विशेष जांच टीम (एसआइटी) को फटकार लगाई। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआइ को सौंपने के संकेत दिए थे।
उल्लेखनीय है कि आंदोलन के दौरान जीटी रोड पर सोनीपत के मुरथल में वाहनों को रोककर महिला यात्रियों को गाडियों से खींचकर खेतों में ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म की बात सामने आई थी और इस संबंध में समाचार पत्रों में खबरें छपी थीं। इस पर हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया और हरियाणा सरकार से जवाब तलब किया। खबरों के मुताबिक आंदोलन के दौरान हाईवे पर महिलाओं को अराजक तत्वों ने खेतों मेंं घसीटा था और उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया।
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इसके बाद हरियाणा सरकार को हाईकोर्ट ने इसकी जांच के लिए एसआइटी गठित करने के आदेश दिए। अभी तक की जांच में एसआइटी को न तो कोई पीडि़त मिला है न कोई अारोपी। उसके पास जांच के लिए कुछ अंत:वस्त्र (इनर वियर) हैं, जिनपर मिले दागों के सहारे एसआइटी को जांच करनी है।
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हाई कोर्ट में गत माह 14 जुलाई को एसआइटी ने अपनी स्टेटस रिपोर्ट की एक और कड़ी दाखिल की थी। इसे देखने के बाद एमिक्स क्यूरी ( कोर्ट मित्र) अनुपम गुप्ता ने इस रिपोर्ट को शून्य करार देते हुए कहा कि इसमें कुछ भी नया नहीं है। केवल खानापूर्ति है। इसके बाद हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया था।
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गौरतलब है कि हरियाणा सरकार और एसआइटी का लगातार यह कहना रहा है कि मुरथल में सामूहिक दुष्कर्म नहीं हुआ, बस छेड़छाड़ हुई थी। एसआइटी की तरफ से दो प्रत्यक्षदर्शी गवाहों टूर ऑपरेटर बॉबी जोशी और टैक्सी ड्राइवर राजकुमार के बयान रिकॉर्ड किए गए थे। दोनों ने अपने बयान में कहा है कि आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में मुरथल के पास उपद्रवी महिलाओं को जबरन खींचकर झाड़ियों और खेतों की तरफ ले जा रहे थे। हाइवे पर मिले फटे कपड़ों और उन पर मौजूद निशानों से यह लगता है कि दुष्कर्म हुआ था।
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जाट आंदोलन में दर्ज मामलों की जांच के लिए एसआइटी गठित करने के आदेश
सरकार को जाट आंदोलन के चलते दर्ज सभी मामले (मुरथल रेप केस को छोड़कर) की जांच के लिए एसआइटी गठित करने के आदेश दिए हैं। हिसार के आइजी अमिताभ ढिल्लों एसआइटी प्रमुख हो सकते हैं। सरकार ने कोर्ट में उनका नाम दिया था। कोर्ट मित्र ने भी इस पर सहमति जताई है।
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