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    हरियाणा में जल संकट गहराया, हिसार सहित आठ शहरों में हालत गंभीर

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Sun, 16 Apr 2017 05:14 PM (IST)

    हरियाणा में एक तो गर्मी की मार और उस पर से भीषण जल संकट ने लोगों को बेदम कर दिया है। जिले के आठ शहरों पानी के लिए लोग तरस रहे हैं। हिसार में हालत सबसे अधिक गंभीर है।

    हरियाणा में जल संकट गहराया, हिसार सहित आठ शहरों में हालत गंभीर

    जेएनएन, चंडीगढ़। गर्मियां शुरू होते ही हरियाणा में जल संकट गहराने लगा है। प्रदेश के आठ जिले के लाेग गंभीर जलसंकट से जूझ रहे हैं। यमुना और भाखड़ा डैम में पानी का स्तर कम होने से घरों में नहरी पानी की सप्लाई भी कम हो रही है, जिससे ट्यूबवेलों पर निर्भरता बढ़ गई है। हिसार सहित कई जगहों पर पिछले करीब 10 दिनों से नहरी पानी की सप्‍लाई से हालात बदतर है। ग्रामीण इलाकों में भी पानी की सप्लाई दुरुस्त नहीं होने से मारामारी की स्थिति पैदा हो जा रही है।

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    यमुना और भाखड़ा डैम में पानी का स्तर घटने से नहरी पानी की सप्लाई बाधित

    प्रदेश में इस समय रोजाना करीब 2111 मिलियन लीटर प्रतिदिन (एमएलडी) पानी की मांग है। शहरी क्षेत्रों में 1081 एमएलडी और ग्रामीण क्षेत्रों में 1030 एमएलडी पानी चाहिए। इसके मुकाबले वर्तमान में 1136 एमएलडी पानी की ही सप्लाई हो रही है। इसमें से 572 एमएलडी पानी नहरों और 564 एमएलडी की सप्लाई नलकूपों द्वारा की जा रही है।

    हिसार सहित कई शहरों में लोग निजी टैंकर मंगवाकर पानी लेने को हो रहे हैं मजबूर।

    हरियाणा में 58 फीसद भूमिगत जल पीने योग्य नहीं। ऐसे में नहरी पानी पर निर्भरता अधिक है। खासकर हिसार, सिरसा, भिवानी, जींद, झज्‍जर, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ व सोनीपत जिलों में पेयजल संकट गंभीर हो गया है। इन क्षेत्रों में भूमिगत जल का स्तर भकाफी नीचे पहुंच चुका और लवणता अधिक होने के कारण यह पीने योग्य नहीं है।

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    वर्तमान में प्रदेश को करीब 200 लाख एकड़ फीट पानी की जरूरत है। यमुना और भाखड़ा से करीब 23 लाख एकड़ फीट पानी मिल पाता है जबकि 120 लाख एकड़ फीट पानी की आपूर्ति आठ लाख ट्यूबवेलों पर टिकी है। इस तरह फिलहाल 57 लाख एकड़ फीट पानी की कमी है।

    वहीं, 6804 गांवों में से 4189 गांवों में प्रति व्यक्ति निर्धारित 70 लीटर पानी भी नहीं मिल पा रहा है। इसी तरह 78 शहरी क्षेत्रों में से 47 में निर्धारित प्रति व्यक्ति 135 लीटर पानी उपलब्ध नहीं है। इनमें कहीं 70 तो कहीं 110 लीटर पानी प्रति व्यक्ति सप्लाई हो रहा है।

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    हिसार में सूखी पड़ी नहर।

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    हिसार में हालत बेहद गंभीर

    यहां सिर्फ तीन दिन का पानी शेष है। बताया जाता है कि यहां 16 अप्रैल के बाद नहर में पानी आएगा। इसके दो दिन बाद यानि 18 अप्रैल के बाद स्थिति सुधरने की आस है। शहर के कई जलघर सूख चुके हैं। इस कारण लोगों को जबरदस्त पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को निजी टैंकरों का सहारा ले रहे हैं। निजी टैंकर वाले हालात का जमकर फायदा उठा रहे हैं और लोगों से मनमाना रेट वसूल रहे हैं। शहर के सेक्‍टर 13, 14 व 15 और पीएलए कालोनी सहित अधिकतर प्रमुख रिहायशी क्षेत्रों में पानी की सप्‍लाई नहीं के बराबर हो रही है।

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    भिवानी में भी स्थिति गंभीर होने की अाशंका

    भिवानी शहर में भी हालत गंभीर हाेे सकती है। यहां 22 दिन का पानी शेष बचा है। शहर में हर रोज 60 एमएलडी पानी की आवश्यकता होती है। जनस्वास्थ्य विभाग ने 8 अप्रैल तक 30 दिन का पानी स्टोर किया था। अाठ दिन बीत चुके हैं और 22 दिन का पानी ही शेष है। यदि समय पर नहर में पानी नहीं आया तो पेयजल संकट पैदा हो सकता है।

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    झज्‍जर में भी बिगड़ सकती है हालत

    लोगों को करीब तीन करोड़ 15 लाख लीटर पानी की आवश्यकता है। शहरी क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति की स्थिति बेरी को छोड़ कर व बहादुरगढ़ में कुछ हद तक ठीक है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को पीने के पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है। शहरी क्षेत्र को करीब दो करोड़ 70 लाख लीटर व ग्रामीण क्षेत्र को करीब 45 लाख लीटर पानी की आपूर्ति चाहिए, यानि कुल 115 लाख लीटर पानी की आवश्‍यकता होती है। लेकिन, करीब 70 लाख लीटर पानी की कमी अक्सर रहती है।

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    रोहतक में जरूरत से आधा पानी ही मिल रहा है

    राेहतक जिले में भी पेयजल के लिए लोगों काे तरसना पड़ रहा है। रोहतक शहर में हालत गंभीर हो गई है। यहां जरूरत से आधा पानी मिल रहा है। इस कारण शहर के कई क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति बेहद कम हाे रही है। जिले में शहरी जनता को प्रति व्यक्ति 135 लीटर प्रतिदिन के हिसाब से 15.20 करोड़ लीटर पानी की जरूरत है, ल‍ेकिन आपूर्ति अाठ करोड़ लीटर पानी की भी नहीं हो रही है।

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    ' पर्याप्त सप्लाई होगी सुनिश्चित'

    '' पानी की किल्लत नहीं होने देने के लिए सरकार गंभीर है। भाखड़ा बांध और यमुना में जलस्तर कम होने से नहरी पानी की सप्लाई प्रभावित हुई है, लेकिन ट्यूबवेल और टैंकरों के माध्यम से इसे पूरा किया जा रहा है। हमारी टीमें घरों में जाकर सर्वे कर नए कनेक्शन दे रहीं हैं। तकनीकी खामियों को भी दूर किया जा रहा है ताकि अंतिम छोर तक पानी पहुंचे। मवेशियों के लिए पानी उपलब्ध कराने को तालाबों को नहरों और ट्यूबवेल के पानी से भरने के निर्देश दिए हैं।

                                                            -डॉ. बनवारी लाल, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी राज्य मंत्री, हरियाणा।