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    हरियाणा में कच्चे कर्मचारियों की छंटनी पर बवाल, सुरजेवाला ने उठाए सवाल; कहा- ये तुगलकी फरमान है

    Updated: Sun, 06 Apr 2025 01:49 PM (IST)

    हरियाणा में कौशल रोजगार निगम (एचकेआरएनएल) के तहत कार्यरत कच्चे कर्मचारियों को निकालने का मामला गरमा गया है। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने दावा किया है कि 1.20 लाख युवाओं में से 1.10 लाख युवा 2020-21 या उसके बाद लगे हैं। ऐसे में उन्हें सेवानिवृत्ति आयु तक नौकरी से नहीं हटाने की नीति का लाभ नहीं मिलेगा। अभी तक 1200 कर्मचारियों को निकाला जा चुका है।

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    कच्चे कर्मचारियों को निकालने पर सुरजेवाला ने उठाए सवाल

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में कौशल रोजगार निगम (एचकेआरएनएल) के तहत कार्यरत कच्चे कर्मचारियों को निकालने पर राजनीति गर्माई हुई है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने दावा किया है कि एचकेआरएनएल में तैनात 1.20 लाख युवाओं में से 1.10 लाख युवा वर्ष 2020-21 या फिर इसके बाद लगे हैं।

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    उन्होंने कहा कि सरकारी सेवा में इन कर्मचारियों के पांच साल पूरे नहीं हुए हैं, जिससे इन्हें सरकार कभी भी निकाल सकती है। ऐसे में इन कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति आयु तक नौकरी से नहीं हटाने की नीति का लाभ नहीं मिल पाएगा।

    1200 कच्चे कर्मचारियों को निकाला जा चुका है- सुरजेवाला

    दिल्ली में मीडिया से बातचीत में शनिवार को सुरजेवाला ने कहा कि शिक्षा, सिंचाई, वन और पंचायती राज सहित विभिन्न विभागों से अभी तक 1200 कच्चे कर्मचारियों को निकाला जा चुका है।

    एचकेआरएनएल की ओर से 25 मार्च को जारी तुगलकी फरमान में कहा गया है अगर अनुबंध पर लगे किसी कर्मचारी को 31 मार्च के बाद सेवा में रखा जाना है तो फिर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) तथा वित्त विभाग की लिखित अनुमति अनिवार्य है। यानी कि एचएसएससी और वित्त विभाग ने मंजूरी नहीं दी तो हजारों कर्मचारियों को निकाल दिया जाएगा।

    मुख्य सचिव के आदेशों का किया जिक्र

    सुरजेवाला ने मुख्य सचिव द्वारा जारी आदेशों का जिक्र करते हुए कहा कि केवल उन कर्मचारियों को नौकरी की सुरक्षा दी जाएगी, जो 15 अगस्त 2019 से पहले अनुबंध पर लगे हैं। इसके बाद लगे सभी कर्मचारियों को पहले आओ, पहले जाओ के सिद्धांत से नौकरी से निकाला जाएगा।

    उन्होंने कहा कि 15 अगस्त 2019 के बाद जो सबसे पहले लगा है और जिसकी सर्विस जितनी ज्यादा है, उसे ही सबसे पहले हटाया जाएगा। आज स्थिति यह है कि जब कोई भर्ती प्रक्रिया आरंभ होती है तो परीक्षाओं के पर्चे लीक हो जाते हैं।

    सुरजेवाला ने कहा कि अगर कोई भर्ती पूरी भी हो जाती है तो उसमें बाहरी उम्मीदवारों को भर दिया जाता है। अब तो हरियाणा में कहावत बन गई है कि अफसर बाहर के और चपड़ासी म्हारे।

    इन विभागों ने की कच्चे कर्मचारियों की छुट्टी

    • दो अप्रैल को अनुबंधित 252 पीजीटी अध्यापकों को नौकरी से निकाला गया
    • 19 मार्च को सिंचाई विभाग में लगे 128 अनुबंधित कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गईं
    • 31 मार्च को वन विभाग द्वारा फतेहाबाद, सिरसा तथा पानीपत में कच्चे कर्मचारी निकाले गए
    • 31 मार्च को ही पंचायती राज विभाग ने करनाल, जगाधरी व छछरौली में कच्चे कर्मचारी निकाले।

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