हरियाणा पहुंचेगा 8500 क्यूसेक पानी, BBMB ने पंजाब कोटे के डायरेक्टर आकाशदीप को हटाया; विवाद के बीच नंगल छावनी में बदला
हरियाणा और पंजाब के बीच भाखड़ा नहर के पानी को लेकर चल रहे विवाद के बीच भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) ने बड़ा फैसला लिया है। BBMB ने भाखड़ा बांध के डायरेक्टर (वाटर रेगुलेशन) इंजीनियर आकाशदीप सिंह को हटा दिया है। उनकी जगह अब इंजीनियर संजीव कुमार को डायरेक्टर रेगुलेशन लगाया गया है।

जागरण संवाददाता, पंचकूला। हरियाणा और पंजाब के बीच चल रहे भाखड़ा नहर से पानी के विवाद के बीच बीबीएमबी ने हरियाणा को 8500 क्यूसेक पानी छोड़ने का फैसला लिया है।
वहीं, भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) ने भाखड़ा डैम के डायरेक्टर (वाटर रेगुलेशन) इंजीनियर आकाशदीप सिंह को हटा दिया है। वह पंजाब के कोटे से BBMB में तैनात थे। जिसका पंजाब सरकार ने कड़ा विरोध किया है।
आकाशदीप की जगह अब इंजीनियर संजीव कुमार को डायरेक्टर रेगुलेशन लगाया गया है। संजीव हरियाणा के कोटे से पद पर आकाशदीप को नियुक्त कर दिया गया है। ऑर्डर में दावा किया गया है कि यह फैसला आकाशदीप की ही बोर्ड में नियुक्त हैं। संजीव इससे पहले डैम सेफ्टी के डायरेक्टर थे। उनकी जगह पर इस डैम सेफ्टी के डायरेक्टर मांग पर किया गया है।
पंजाब सरकार ने किया विरोध
वहीं, पंजाब सरकार ने इसका कड़ा विरोध किया है। उन्होंने BBMB को लिखा कि संजीव कुमार को सिर्फ डेम सेफ्टी का अनुभव है। वाटर रेगुलेशन को लेकर उनके पास कोई अनुभव नहीं है, इसलिए इस नियुक्ति को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए।
हालात देख पंजाब सरकार ने नंगल डैम की सुरक्षा बढ़ा दी है। यहां DIG की अगुआई में पुलिस तैनात कर दी गई है। हरियाणा को ज्यादा पानी देने से रोकने के लिए सरकार और भी कदम उठा सकती है।
आकाशदीप सिंह भाखड़ा बांध के इंजीनियर हैं जिनका काम तीनों राज्यों की अनुमति के बाद पानी छोड़ने का है, उन्होंने कल बीबीएमबी की बैठक में पंजाब की अनुमति के बिना पानी छोड़ने से मना कर दिया था। आकाशदीप सिंह पंजाब कैडर के इंजीनियर हैं और इस समय बीबीएमबी में डेपुटेशन पर है।
हरियाणा को मिलेगा 8500 क्यूसेक पानी
वहीं हरियाणा के लिए 8500 क्यूसेक पानी छोड़ने का फैसला बुधवार शाम भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) की तकनीकी समिति की पांच घंटे लंबी बैठक में लिया गया।
बीबीएमबी भाखड़ा, पोंग और रंजीत सागर बांधों से पानी के वितरण को नियंत्रित करता है। पंजाब, हरियाणा और राजस्थान साझेदार राज्य हैं जो सिंचाई सहित विभिन्न उद्देश्यों के लिए अपनी आवश्यकताओं को भाखड़ा और पोंग बांधों से पूरा करते हैं।
सूत्रों ने बताया कि बीबीएमबी की बैठक के दौरान पंजाब सरकार के अधिकारियों ने हरियाणा को अधिक पानी दिए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई और दावा किया कि पड़ोसी राज्य ने पहले ही अपने हिस्से का पानी इस्तेमाल कर लिया है।
पंजाब सरकार के अधिकारियों ने यह भी तर्क दिया कि पौंग और रंजीत सागर बांधों में पानी का स्तर पिछले साल के मुकाबले कम है। सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान भाजपा शासित राजस्थान के अधिकारियों ने भी हरियाणा की मांग का समर्थन किया। बीबीएमबी के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री मान ने गुरुवार को हरियाणा को 8,500 क्यूसेक पानी दिए जाने के कदम का कड़ा विरोध किया।
भारी संख्या में पुलिस बल तैनात
पंजाब के इंजीनियर और विभाग के प्रमुख सचिव कृष्ण कुमार बैठक में अपना विरोध दर्ज करवाकर बैठक को बीच में छोड़कर चले आए। आज जबकि नंगल वाटर कंट्रोलिंग से पानी को छोड़ें जाना है वहां पर भारी गिनती में पुलिस तैनात कर दी गई है।
कहा जा रहा है कि यह पहलगाम हमले के बाद डैम की सुरक्षा को लेकर बढ़ाई गई है लेकिन सूत्रों का कहना है कि पंजाब ने यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी कीमत पर दम से पानी रिलीज नहीं किया जाएगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।