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शराब माफिया के लिए मुसीबत बन सकते हैं अशोक खेमका, जांच कमेटी के बन सकते हैं मुखिया

हरियाणा के वरिष्‍ठ आइएएस अफसर अशोक खेमका को बड़ी जिम्‍मदारी मिल सकती है। उनको शराब माफिया की जड़ तक पहुंचने के लिए बड़ी जिम्‍मेदारी दी जा सकती है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 09 May 2020 09:27 AM (IST)Updated: Sat, 09 May 2020 09:31 AM (IST)
शराब माफिया के लिए मुसीबत बन सकते हैं अशोक खेमका, जांच कमेटी के बन सकते हैं मुखिया

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। चर्चित सीनियर आइएएस अफसर डाॅ. अशोक खेमका को बड़ी जिम्‍मदारी मिल सकती है। उनको हरियाणा में खरखौदा के गोदाम से गायब होने वाली करोड़ों रुपये की शराब की जांच के लिए गठित एसआइटी का जिम्मा सौंपने की सिफारिश की गई है। गृह मंत्री अनिल विज ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को एसआइटी प्रमुख के तौर पर खेमका का नाम सुझाया है। विज और खेमका की लंबे समय से विचारधारा मिलती है। हालांकि मुख्यमंत्री कार्यालय में खेमका के नाम पर सहमति बनने के आसार नहीं हैैं।

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पूरे हरियाणा में जांच करेगी एसआइटी, करोड़ों का घपला संभव

हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने एसआइटी द्वारा की जाने वाली जांच का दायरा भी बढ़ा दिया है। विज को शिकायतें मिली हैैं कि खरखौदा के अलावा फतेहाबाद व समालखा समेत एक दर्जन स्थानों पर शराब ठेकेदारों ने पुलिस व आबकारी विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों रुपये की शराब को खुर्दबुर्द कर डाला है। इससे सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। यह राशि 500 से 800 करोड़ रुपये हो सकती है।

राज्य में किसी भी गोदाम या ठेके पर स्टाक की जांच कर सकेगी एसआइटी, 500 से 800 करोड़ के घपला संभव

गृहमंत्री विज ने निर्देश दिए हैैं कि एसआइटी अब प्रदेश के किसी भी शराब गोदाम अथवा ठेके पर माल (शराब) के स्टाक की जांच कर सकती है। 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2020 तक के शराब के स्टाक का मिलान किया जाएगा, जिसे लॉकडाउन की अवधि के दौरान अवैध रूप से मोटे दामों पर बेचा गया है। खरखौदा में सबसे ज्यादा घोटाला हुआ है। यहां शराब के गोदाम में पुलिस द्वारा अवैध रूप से पकड़ी जाने वाली शराब तथा आबकारी विभाग की शराब संयुक्त रूप से रखी जाती थी, लेकिन साढ़े पांच हजार पेटियां लॉकडाउन में गायब हो गई। यानी बेच दी गई।

अनिल विज ने मुख्यमंत्री के पास भेजा तीन सीनियर आइएएस के नाम का पैनल, अब फैसला सीएम करेंगे

गृह मंत्री विज द्वारा गठित एसआइटी में शामिल होने के लिए बुधवार तक आबकारी विभाग की ओर से कोई नाम गृह सचिव को नहीं भेजा गया था, लेकिन बृहस्पतिवार को जानकारी दी गई कि एसआइटी में अतिरिक्त आबकारी एवं कराधान आयुक्त विजय सिंह शामिल रहेंगे। पुलिस की ओर से हाल ही में प्रमोट हुए एडीजीपी सुभाष यादव को शामिल किया गया है। गृह मंत्री ने एसआइटी को लीड करने के लिए तीन सीनियर आइएएस अधिकारियों के नाम का पैनल मुख्यमंत्री के पास भेजा है।

इस पैनल में सबसे ऊपर सीनियर आइएएस डा. अशोक खेमका का नाम है। दूसरे नंबर पर कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल का नाम रखा गया, जबकि तीसरे स्थान पर टीसी गुप्ता का नाम है। तीनों ही तजुर्बेकार अधिकारी हैैं। संजीव कौशल सीएम के प्रधान सचिव भी रह चुके हैैं और अनुभवी अधिकारी हैैं। टीसी गुप्ता सीएम सेल में मानीटिङ्क्षरग का नाम देखते हैैं और बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव हैैं।

खेमका और मुख्यमंत्री कार्यालय में कई बार हो चुकी तनातनी

मुख्यमंत्री मनोहर लाल अब तय करेंगे कि एसआइटी की जिम्मेदारी अशोक खेमका को सौंपी जाए या फिर संजीव कौशल या टीसी गुप्ता से जांच कराई जाए। खेमका को जांच मिली तो शराब ठेकेदारों की शामत तय है, लेकिन कौशल और गुप्ता सुलझे हुए ढंग से जांच करेंगे। यह एसआइटी काम संभालने से एक माह की अवधि के दौरान अपनी रिपोर्ट देगी। अशोक खेमका और मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों के बीच अक्सर तनातनी रहती है। खेमका कई बार अपने ट्वीट के जरिये मुख्यमंत्री कार्यालय को असहज कर चुके हैैं।

दीपेंद्र हुड्डा ने पूछा कौन कर रहा था शराब की होम डिलीवरी

हरियाणा में लाकडाउन के दौरान अवैध रूप से बिकी शराब पर कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार की घेराबंदी की है। दीपेंद्र हुड्डा ने एक ट्वीट के जरिये कहा, लॉकडाउन हरियाणा में करोड़ों का शराब घोटाला सामने आया है। जब ठेके बंद थे, तब शराब की अवैध होम डिलीवरी कौन कर रहा था? तस्करी की शराब कहां से आ रही थी? इतने बड़े घोटाले के बाद क्या किसी ठेकेदार, फैक्टरी मालिक और अधिकारियों पर कार्रवाई हुई?

आखिर एक्साइज विभाग ने भी दर्ज कराई शिकायत

आखिरकार गृहमंत्री अनिल विज की सख्ती काम आ ही गई। विज ने पिछले दिन कहा था कि आबकारी विभाग ने शराब चोरी की अपनी शिकायत तक दर्ज नहीं करवाई है। इससे आबकारी विभाग के अधिकारियों की कार्य प्रणाली पर सवाल उठने लगे थे। आबकारी एवं कराधान विभाग की ओर से खरखौदा के गोदाम से शराब चोरी होने की पुलिस को लिखित में शिकायत दी गई है। अब पुलिस इस मामले में तीसरी एफआइआर दर्ज करेगी। इससे पहले पुलिस के पांच जवानों पर एफआइआर हुई और फिर भूपेंद्र सिंह नामक जिस व्यक्ति के गोदाम में शराब रखी गई थी, उस पर केस दर्ज हुआ था। अब एक्साइज विभाग की शिकायत पर अलग से मुकदमा दर्ज होगा।

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'स्टाक कम मिला तो लाइसेंस जब्त होना संभव'

''हरियाणा में अवैध शराब की बिक्री की शिकायतें मिली हैं। हमारी सरकार इसे रोकने को दृढ़ संकल्पित है। सरकार ने एसआइटी बना दी है। लाकडाउन के दौरान पुलिस व आबकारी विभाग के अधिकारियों की टीमों ने मिलकर अवैध शराब पकड़ी है। कई लोगों पर कार्रवाई हुई है। पूरे पारदर्शी तरीके से सारी कार्रवाई को अंजाम दिया गया और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। स्टाक में कमी पाए जाने वाले ठेकेदारों के लाइसेंस तक जब्त किए जा सकते हैं।

                                                                                  - दुष्यंत चौटाला, डिप्टी सीएम, हरियाणा।

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अभी मेरे पास नहीं आया जांच का कोई आदेश : खेमका

'' मुझे इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि किसी तरह की कोई एसआइटी गठित की गई है। मुझे यह भी नहीं पता कि मेरा नाम एसआइटी प्रमुख के लिए दिया गया है। मेरे पास अभी तक ऐसा कोई आदेश सरकार की ओर से नहीं आया है। यदि कोई आदेश आता है तो सरकार के आदेश का अनुपालन करना मेरी जिम्मेदारी है। जब आदेश आएगा, तब देखते हैं।

                                 - अशोक खेमका, प्रधान सचिव, पुरालेख और पुरातत्व व संग्रहालय विभाग हरियाणा। 

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