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बगावत का असर: हरियाणा में डिप्टी सीएम की तैयारी, सत्‍ता संतुलन का खेल

हरियाणा में भाजपा विधायकों की बगावत का असर होने लगा है। इसी कारण मनोहरलाल कैबिनेट में बदलाव की तैयारी है। सत्‍ता के संतुलन के लिए डिप्‍टी सीएम भी बनाए जाने की संभावना है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 01 Apr 2017 10:20 AM (IST)Updated: Sat, 01 Apr 2017 08:32 PM (IST)
बगावत का असर: हरियाणा में डिप्टी सीएम की तैयारी, सत्‍ता संतुलन का खेल
बगावत का असर: हरियाणा में डिप्टी सीएम की तैयारी, सत्‍ता संतुलन का खेल

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा में भाजपा विधायकों की बगावत का असर होेने लगा है। इसकी कारण मनोहर कैबिनेट में जल्द ही फेरबदल होने की संभावना है। अप्रैल माह के पहले पखवाड़े में कैबिनेट में बदलाव हो सकता है। इस बदलाव के जरिए जहां भाजपा के 16 बागी विधायकों की नाराजगी दूर करने की कोशिश होगी। सत्‍ता के संतुलन के लिए उत्तर प्रदेश की तर्ज पर हरियाणा में भी उपमुख्‍यमंत्री बनाया जा सकता है।

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दो बड़े मंत्रियों के विभागों में होगी कटौती, एक राज्य मंत्री का प्रमोशन संभव

अगले लोकसभा और विधानसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर मनोहर कैबिनेट के इस संभावित बदलाव को अहम माना जा रहा है। डिप्टी सीएम के पद पर किसी जाट नेता को जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। आरक्षण आंदोलन के चलते जाट और गैर जाट के बीच पैदा हुई खाई को इस प्रयोग से पाटने की कोशिश होगी। ताकि भाजपा को राजस्थान में तो लाभ मिले ही, साथ ही हरियाणा में भी नुकसान न हो पाए।

एक राज्य मंत्री को हटाकर बागी विधायकों में से किसी एक की लगेगी लाटरी

मुख्यमंत्री मनोहर लाल की आरएसएस के सह सर कार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल से पिछले दिनों हुई मुलाकात के बाद से ही कैबिनेट में फेरबदल का माहौल बना हुआ है। 90 सदस्यीय विधानसभा में संख्या के लिहाज से सभी मंत्री पूरे हैैं, लेकिन किसी नए मंत्री की एंट्री तभी हो पाएगी, जब मौजूदा किसी मंत्री को पद से हटाया जाएगा।

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भाजपा के बागी विधायक मनोहर सरकार के दो कद्दावर मंत्रियों के विभागों में काम नहीं होने से अधिक नाराज हैैं। लिहाजा उनके कुछ विभाग बदलकर दूसरे मंत्रियों को दिए जा सकते हैैं। डिप्टी सीएम यदि बनाया गया तो किसी जाट नेता को जिम्मेदारी मिलेगी और उनके विभाग गैर जाट मंत्री को सौंपकर पावरफुल बनाया जाएगा।

संगठन में बदलाव होने की स्थिति में एक मंत्री से झंडी वाली कार वापस लेकर उसे संगठन की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। हालांकि इस मंत्री ने अपनी झंडी बरकरार रखने के लिए पूरा जोर लगाया हुआ है। प्रदेश के करीब छह मंत्रियों के विभागों में बदलाव संभव है।

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तीन कैबिनेट मंत्रियों को एक से तीन तक नए विभाग दिए जा सकते हैैं, जबकि दो राज्य मंत्रियों में से किसी एक को कैबिनेट मंत्री के पद पर प्रमोट किया जा सकता है। दो राज्य मंत्रियों को हटाने की चर्चाएं हर बार चलती हैैं। इनमें से एक मंत्री को हटाकर उन्हीं की जाति के एक विधायक को राज्य मंत्री बनाया जा सकता है। दोनों राज्य मंत्री पावरफुल हैैं और दोनों ने अपने पदों पर बने रहने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया हुआ है


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