हरियाणा में पेट्रोल पंप संचालकों की फिर हड़ताल की तैयारी
हरियाणा के पेट्रोल पंप मालिक एक बार फिर हड़ताल पर जाने की तैयारी में हैं। उन्हें किसी भी समय पेट्रोल पर वैट की दरों में बढ़ोतरी होने की आशंका है। राज्य सरकार पंप डीलर्स को भरोसा दिलाने के बावजूद डीजल पर वैट की दरें पहले ही बढ़ा चुकी है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के पेट्रोल पंप मालिक एक बार फिर हड़ताल पर जाने की तैयारी में हैं। उन्हें किसी भी समय पेट्रोल पर वैट की दरों में बढ़ोतरी होने की आशंका है। राज्य सरकार पंप डीलर्स को भरोसा दिलाने के बावजूद डीजल पर वैट की दरें पहले ही बढ़ा चुकी है। इससे पेट्रोल पंपों पर 25 से 30 प्रतिशत तक बिक्री घटी है।
पेट्रोल व डीजल पर वैट की दरें बढ़ाने का विरोध
झारखंड में भी पेट्रो पदार्थों पर इस तरह की बढ़ोतरी की गई थी, जिसे पंप डीलर्स की हड़ताल के चलते वापस लेना पड़ा था। पहले हरियाणा में पेट्रोल पर 21 प्रतिशत (सरचार्ज सहित) वैट वसूल किया जाता था। राज्य सरकार ने इसे इस वर्ष12 फरवरी को बढ़ाकर 26.25 प्रतिशत कर दिया था। यह पंजाब समेत अन्य पड़ोसी राज्यों से कहीं अधिक है।
हरियाणा में डीजल की बिक्री 30 फीसदी गिरी
पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल, हरियाणा के वित्त एवं आबकारी व कराधान मंत्री कैप्टन अभिमन्यु तथा चंडीगढ़ के प्रशासक कप्तान सिंह सोलंकी के बीच हाल ही में समान कर ढांचे को लेकर हुई बैठक के बाद पेट्रोल पंप संचालकों को पेट्रोल पर वैट की दरें बढ़ाए जाने की आशंका सता रही है।
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हरियाणा पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के प्रधान दिनेश गोयल के अनुसार इतने कम समय के बावजूद पेट्रोल पर वैट की दरें बढ़ाने की सोचना भी जनता तथा डीलर्स के साथ अन्याय है। दिनेश गोयल के अनुसार, लगातार पेट्रो पदार्थों पर वैट और सरचार्ज बढ़ाने से साफ हो गया है कि भाजपा को जनता से ज्यादा पड़ोसी राज्यों की चिंता है। इससे हरियाणा की बिक्री तो घट गई, लेकिन दूसरे राज्यों की बिक्री बढ़ने लगी है।
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उन्होंने बताया कि डीजल पर वैट की दर 12.07 प्रतिशत प्रचारित की जा रही है, जबकि सच्चाई यह है कि फिलहाल डीजल पर 17.22 प्रतिशत वैट वसूल किया जा रहा है। यह भी पड़ोसी राज्यों से अधिक है।
दिनेश गोयल के अनुसार हरियाणा में डीजल पर वैट दर 17.22 प्रतिशत करने के विरोध में पिछले दिनों पेट्रोल पंप डीलर राज्य सरकार से मिले थे। तब उन्हें भरोसा दिलाया गया था कि डीजल-पेट्रोल पर वैट पड़ोसी राज्यों से कम ही रखा जाएगा, लेकिन सरकार ने वादा खिलाफी करते हुए इसे बढ़ा दिया।
गोयल के अनुसार, 20 जुलाई को पूरे प्रदेश में हड़ताल के बाद एक माह के अंदर डीजल के रेट पड़ोसी राज्यों से कम करने का वादा किया गया, लेकिन इस पर कोई अमल नहीं हुआ, जिस कारण बिक्री 25 से 30 प्रतिशत कम हो चुकी है। अगर दोबारा से कोई बढ़ोतरी हुई तो पेट्रोल पंप संचालकों को दोबारा हड़ताल पर जाने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
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