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    परिवार पहचान पत्र का डाटा नहीं हो सकेगा लीक, नियमित सुरक्षा आडिट कराएगी हरियाणा सरकार

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Thu, 14 Apr 2022 08:59 PM (IST)

    हरियाणा में परिवार पहचान पत्र का डाटा लीक नहीं हो पाएगा। पैनल में शामिल एजेंसियां इसकी निगरानी करेंगी। डाटा का बैकअप बनेगा। राज्य में 43 विभागों की 443 सेवाएं और योजनाएं पीपीपी से जुड़ी हुई हैं। 120 सेवाएं और जुड़ेंगी।

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    हरियाणा में परिवार पहचान पत्र का डाटा नहीं हो पाएगी लीक। सांकेतिक फोटो

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) का डाटा लीक नहीं हो सकेगा। छेड़छाड़ की आशंका से निपटने के लिए प्रदेश सरकार पैनल में शामिल एजेंसियों की मदद से नियमित रूप से सुरक्षा आडिट कराएगी। डेटा की नियमित निगरानी की जाएगी। पीपीपी के डाटा की सुरक्षा के लिए बैकअप बनाए जाएंगे।

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    मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वीरवार को परिवार पहचान प्राधिकरण (एचपीपीए) की चौथी बैठक में कहा कि पीपीपी से जुड़े डाटा की सुरक्षा बनाए रखना सर्वाेच्च प्राथमिकता है। परिवार पहचान पत्र के माध्यम से सरकार की कल्याणकारी सेवाओं और योजनाओं का लाभ प्रत्येक लाभार्थी के घरद्वार तक पहुंचना सुनिश्चित हुआ है।

    सीएम मनोहर लाल ने कहा कि वर्तमान में 43 विभागों की 443 सेवाओं और योजनाओं को पीपीपी से एकीकृत किया गया है। अब 120 अन्य सेवाओं व योजनाओं को इसके साथ जोड़ने पर विचार किया जा रहा है। वर्तमान में 67 लाख से अधिक परिवार पीपीपी के साथ पंजीकृत हैं।

    सीएम ने कहा कि नागरिकों को जाति प्रमाण पत्र, पीडीएस सेवाएं, आयुष्मान भारत और वृद्धावस्था सम्मान भत्ता जैसी सेवाओं के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते और न ही उन्हें कोई दस्तावेज जमा करवाना पड़ता है। ये सेवाएं पोर्टल पर उपलब्ध हैं।

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    मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि जिला स्तर पर इन योजनाओं एवं सेवाओं से संबंधित एक दिवसीय सेमिनार और लोगों की आशंकाओं एवं संदेहों को दूर करने के लिए सत्र आयोजित किए जाने चाहिए। इससे अधिक से अधिक लोगों को सरकार की कल्याणकारी नीतियों से जोड़ा जा सकेगा।

    इस दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के मुख्य प्रधान सचिव डीएस ढेसी, मुख्य सचिव संजीव कौशल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर, राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास, एचपीपीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विकास गुप्ता, मानव संसाधन विभाग की सचिव आशिमा बराड़ और विशेष सचिव चंद्रशेखर खरे ने पीपीपी को लेकर कई अहम सुझाव दिए।