पंचकूला में घूमने के लिए ये जगहें हैं बिल्कुल परफेक्ट, एडवेंचर और सुकून के लिए वीकेंड में ही बनाएं प्लान
पंचकूला हरियाणा अब धार्मिक और साहसिक पर्यटन (Panchkula Tourism Places) के लिए एक नए केंद्र के रूप में उभर रहा है। धार्मिक स्थलों के कोरिडोर और मोरनी में साहसिक पर्यटन के विकास के साथ पंचकूला हजारों विदेशी सैलानियों को आकर्षित कर रहा है। घने जंगलों शिवालिक पहाड़ियों प्राचीन मंदिरों और शांति व सुहावने मौसम के लिए पंचकूला एक बढ़िया जगह है।

धर्म शर्मा, पंचकूला। हरियाणा का पंचकूला अब धार्मिक और साहसिक पर्यटन के लिए भी नए केंद्र के तौर पर उभर रहा है। हरियाणा सरकार ने पंचकूला के धार्मिक स्थलों को एक कोरिडोर के रूप में विकसित करने की तैयारी की है।
इसके साथ-साथ साहसिक पर्यटन के लिए मोरनी को एक बड़े सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है। पंचकूला में अब विभिन्न पर्यटन स्थलों पर हर वर्ष हजारों विदेशी सैलानी भी घूमने के लिए आते हैं।
पिछले कुछ समय में हुए विकास और अवसरों ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। पंचकूला में घने जंगल, शिवालिक रेंज की खूबसूरत पहाड़ियों से लेकर प्राचीन मंदिरों और बेहद सुहावने मौसम का आनंद लेने के लिए एक बेहतरीन स्थान है। यहां पहुंचना भी बेहद आसान है। क्योंकि यहां से सड़क, रेल और एयर कनेक्टिविटी अच्छी है।
फोटो: मोरनी हिल्स
मोरनी हिल्स
पंचकूला के उत्तर पूर्व में स्थित एकमात्र पहाड़ी स्थल मोरनी हिल्स इसके मनोरम मौसम और यहां मौजूद प्राकृतिक नजारों के लिए प्रसिद्ध है। इस पर्यटन स्थल पर में कई तरह की गतिविधियों का कुछ ही समय में आनंद ले सकते हैं।
यहां प्रसिद्ध टिक्कर ताल, किला घाट म्यूजियम, पांडवकालीन मंदिर, धार्मिक स्थल माता समलाशन और हनुमान मंदिर ऐसे स्थल हैं जहां पर्यटक आनंद की अनुभूति कर सकते हैं। प्रसिद्ध टिक्कर ताल में जेट स्की, मोटरबोट, कैमल राइडिंग, पैरामोटर का लुत्फ उठा सकते हैं।
टिक्कर ताल में हरियाणा सरकार ने स्टे के लिए रेस्ट हाउस, मेस सहित कई तरह की सुविधाएं दे रखी हैं। यहां रुकने के लिए अच्छे होटल भी काफी संख्या में उपलब्ध हैं। इसके साथ ही किला घाट में शांत स्थल पर म्यूजियम बनाया गया है जिसमें पर्यटक परिवार सहित घूमने आते हैं और फोटोग्राफी के शौकीन लोगों के लिए यहां जंगली जानवरों की कृत्रिम स्कल्पचर मौजूद हैं।
फोटो: यादविंद्रा गार्डन पिंजौर
यादविंद्र गार्डन
पंचकूला के पास स्थित पिंजौर गार्डन जिसे यादविंद्र गार्डन भी कहते हैं, यह अपने यहां लगने वाले मैंगो मेला और बागों सहित इसके वानस्पतिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह मुगल गार्डन शैली का एक अद्वितीय उदाहरण है।
100 एकड़ में फैले इन बागों का निर्माण 17 वीं शताब्दी में फिदाई खान ने किया था, जो मुगल सम्राट औरंगज़ेब के चचेरे भाई थे। यह पर्यटन स्थल अपने फूलों, बाग, वनस्पति और फव्वारों के लिए पर्यटकों को खूब भाता है। पिंजौर गार्डन पंचकूला से मात्र 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
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विश्व प्रसिद्ध रेलवे स्टेशन
पिंजौर के पास ही स्थित कालका है। यहां से चलने वाली कालका-शिमला टॉय ट्रेन यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज की सूची में शामिल है। यहां से अक्सर लोग शिमला की वादियों में जाने के लिए रोमांचक कालका शिमला रेलवे ट्रैक का आनंद लेते हैं।
यहां पर हर वर्ष हजारों पर्यटक पहाड़ियों के बीच का आनंद लेने के लिए टॉय ट्रेन का सफर करने आते हैं। टायट्रेन की वेटिंग काफी लंबी चलती है। रेलवे अब इस रूट पर नई साजसज्जा वाले कोच की ट्रेन भी शुरू कर रहा है।
यहां ऐसे पहुंचे
पंचकूला सड़क,रेल और हवाई मार्ग के द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है। हवाई जहाज से आने के लिए सबसे निकटतम चंडीगढ़ एयरपोर्ट है। यहां से दिल्ली, मुंबई समेत देश के ज्यादातर बड़े शहरों के लिए उड़ानें हैं। वहीं रेलमार्ग से आ रहे हैं तो चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन के साथ ही आप कालका रेलवे स्टेशन पर भी उतर सकते हैं।
यहां से शताब्दी, वंदे भारत जैसी ट्रेनें भी उपलब्ध हैं। सड़क मार्ग से आना चाहते हैं तो दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे के जरिए आ सकते हैं। आसपास के इलाके में घूमने के लिए टैक्सी की सेवा भी मिल जाती है। वहीं रुकने के लिए फाइव स्टार होटलों से लेकर कई बजट होटल भी यहां मौजूद हैं।
अन्य प्रसिद्ध धार्मिक स्थल
- माता मनसा देवी मंदिर
- काली माता मंदिर
- माता समलाशन मंदिर
- प्राचीन हनुमान मंदिर शेरला
- ऐतिहासिक गुरुद्वारा नाडा साहिब
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