नए साल से पहले कड़ाके की ठंड, एक जनवरी से स्कूलों में छुट्टियों, शीतलहर से कैसे करें बचाव? पढ़ें प्रशासन की एडवाइजरी
पंचकूला में प्रचंड ठंड और शीतलहर के प्रकोप को देखते हुए प्रशासन ने एक जनवरी से स्कूलों में छुट्टियों की घोषणा की है। उपायुक्त सतपाल शर्मा ने नागरिकों ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, पंचकूला। ठंड अब प्रचंड हो चुकी है। शीतलहर का प्रकोप बना हुआ है। सोमवार को अधिकतम तापमान 19 डिग्री और न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। ऐसे में प्रशासन ने एक जनवरी से स्कूलों में छुट्टियों के आदेश जारी किए हैं।
साथ ही ठंड से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की है। जिला उपायुक्त सतपाल शर्मा ने नागरिकों को सलाह दी कि पर्याप्त गर्म कपड़ों की व्यवस्था रखें और घर में ठंडी हवा के प्रवेश को रोकने के लिए दरवाजे व खिड़कियां ठीक से बंद रखें।
उन्होंने बताया कि ठंड के मौसम में लंबे समय तक ठंडी हवा के संपर्क में रहने से फ्लू, नाक बहना व अन्य बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर तुरंत स्थानीय स्वास्थ्य कर्मियों या चिकित्सक से परामर्श लें। यथासंभव घर के अंदर ही रहें और ठंडी हवा, बारिश अथवा बर्फ के सीधे संपर्क में आने से बचें।
विटामिन-सी युक्त फल और सब्जियों का सेवन करें
उपायुक्त ने कहा कि गर्म कपड़े पहनें और बहुत तंग कपड़ों से बचें, क्योंकि वे रक्त संचार को प्रभावित कर सकते हैं। सिर, गर्दन, हाथ और पैरों को अच्छी तरह ढककर रखें। दस्ताने, टोपी और मफलर का उपयोग करें। संतुलित व स्वास्थ्यवर्धक भोजन लें।
स्वास्थ्य विभाग की सलाह के अनुसार रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विटामिन-सी युक्त फल और सब्जियों का सेवन करें। इसके साथ ही गर्म तरल पदार्थ नियमित रूप से पीते रहें।
बुजुर्गों, नवजात और बच्चों का अतिरिक्त ध्यान रखें
उन्होंने विशेष रूप से बुजुर्गों, नवजात शिशुओं और बच्चों का अतिरिक्त ध्यान रखने की अपील की। साथ ही कहा कि जो पड़ोसी अकेले रहते हैं, विशेषकर बुजुर्ग, उनका समय-समय पर हालचाल अवश्य पूछें। आवश्यकता पड़ने पर ही रूम हीटर का प्रयोग करें और उपयोग के दौरान कमरे में हवा के निकास की समुचित व्यवस्था रखें। बंद कमरों में कोयला जलाना बेहद खतरनाक हो सकता है, क्योंकि इससे कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी जहरीली गैस निकलती है।
पशुओं को पर्याप्त भोजन दें
उपायुक्त ने पशुपालकों को भी शीतलहर के दौरान विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ठंड के मौसम में पशुओं को अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, इसलिए उन्हें पर्याप्त भोजन दिया जाए। रात के समय पशुओं के आवास को चारों ओर से ढककर रखें, ताकि वे ठंडी हवाओं के सीधे संपर्क में न आएं। पशुओं के नीचे सूखे भूसे जैसी बिस्तर सामग्री डालें और चारे में वसा युक्त आहार का संतुलित अनुपात सुनिश्चित करें।

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