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    हरियाणा सरकार ने दिया तोहफा, 20 साल पुराने कब्जाधारियों को मिला मालिकाना हक; अब बेच भी सकेंगे प्रापर्टी

    Updated: Wed, 05 Feb 2025 01:19 PM (IST)

    हरियाणा सरकार ने पंचायती जमीन पर 20 साल से रह रहे लोगों को बड़ी राहत दी है। अब वे साल 2004 के कलेक्टर रेट के हिसाब से रजिस्ट्री करवाकर इन मकानों का मालिकाना हक प्राप्त कर सकते हैं। मुख्यमंत्री नायब सैनी अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा विलेज कामन लैंड नियमितीकरण एक्ट 1961 में संशोधन को मंजूरी प्रदान की गई।

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    हरियाणा सरकार की कैबिनेट बैठक में हुआ फैसला (File Photo)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने 20 साल या इससे अधिक समय से पंचायती जमीन पर मकान बनाकर रहने वाले लोगों को बड़ी राहत दी है। ऐसे लोग साल 2004 में निर्धारित कलेक्टर रेट के हिसाब से रजिस्ट्री करवाकर इन मकानों का मालिकाना हक प्राप्त कर सकते हैं।

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    मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा विलेज कामन लैंड नियमितीकरण एक्ट 1961 में संशोधन को मंजूरी प्रदान की गई।

    पंचायती जमीन पर रह रहे लोग 500 वर्ग गज तक जमीन पर बने मकानों का मालिकाना हक प्राप्त कर सकेंगे। मालिकाना हक मिलते ही लोगों को यह संपत्ति किसी भी दाम पर और किसी को भी बेचने का अधिकार होगा।

    CM नायब सैनी ने दी ये जानकारी

    मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री नायब सैनी ने बताया कि कई बार प्राकृतिक आपदा, जल बहाव और बाढ़ की वजह से लोगों के घर उजड़ जाते थे। गांवों में उन्हें जहां जगह मिलती थी, वे वहां घर बनाकर रहने लगते थे, लेकिन ऐसे घरों के मालिक वे कभी नहीं बन पाए।

    सीएम सैनी ने कहा कि उनके ऊपर मकान गिराने की तलवार हमेशा लटकी रहती थी। उनके विरोधी लोग कोर्ट में चले जाते थे और कई बार कोर्ट के आदेश भी मकान को गिराने को हो जाते थे। इन सभी समस्याओं को सरकार ने महसूस करते हुए प्रभावित लोगों को राहत देने का बड़ा निर्णय लिया है।

    20 साल से रह रहे लोगों को मिला मालिकाना हक

    मुख्यमंत्री ने बताया कि जिन लोगों ने 20 साल से पंचायती जमीन पर मकान बनाए हुए हैं, उनको कलेक्टर रेट का भुगतान करने पर जमीन और मकान का मालिकाना हक मिलेगा। पांच सौ वर्ग गज तक भूमि पर बने मकानों को यह सुविधा मिलेगी। ऐसी भूमि को बाद में किसी भी दर पर बेचा जा सकता है।

    यह सरकार के ऊपर छोड़ा है कि 2004 के कलेक्टर रेट के हिसाब से वह जमीन के रेट निर्धारित करे। पहले अनुमोदन का अधिकार राज्य सरकार के पास था, लेकिन अब डायरेक्टर पंचायत के पास इसका अधिकार होगा। एक साल के भीतर इस प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाेगा।

    कई तो गांव के गांव हैं, जहां लोगों ने पंचायती जमीन पर मकान बना रखे हैं। यमुना व मारकंडा नदियों के किनारे वाले गांवों को इसका ज्यादा फायदा मिलेगा, क्योंकि बाढ़ के बाद लोगों के घर बदल गए थे।

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    कब्जाधारकों को दिया गया 1 साल का समय

    नायब सैनी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार ने सभी कब्जाधारकों को एक साल का समय दिया है। एक साल की अवधि के भीतर यह मकान फीस अदा कर अपने नाम करवाने होंगे। पहले इस तरह के मामले मंत्रिमंडल की बैठक में आते थे और उन पर अंतिम निर्णय लिया जाता था।

    अब नियमों में बदलाव करते हुए निदेशक पंचायत विभाग को अधिकृत कर दिया गया है, क्योंकि अब भारी संख्या में केस आएंगे तो उन्हें बारी-बारी से मंत्रिमंडल की बैठक में नहीं लाया जा सकता।

    आढ़तियों के तीन करोड़ 10 लाख के नुकसान की भरपाई

    हरियाणा सरकार ने प्रदेश के आढ़तियों को बड़ी राहत प्रदान की है। सरकार ने रबी खरीद सीजन 2024-25 में नमी के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए तीन करोड़ 10 लाख रुपये जारी कर दिए हैं। मंगलवार को मुख्यमंत्री नायब सैनी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया।

    बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने बताया कि रबी फसल खरीद के दौरान आढ़तियों को नमी वाले उत्पादों की खरीद करनी पड़ी थी, जिसके चलते आढ़तियों को वित्तीय नुकसान झेलना पड़ा था। इस संबंध में कई आढ़तियों के शिष्टमंडल भी मुख्यमंत्री से मिल चुके थे।

    मुख्यमंत्री ने बताया कि आढ़तियों की मांग पर केवल वन टाइम सहायता के लिए सरकार ने तीन करोड़ 10 लाख रुपये की सहायता राशि को स्वीकृति प्रदान की है। सीएम ने साफ किया कि यह योजना केवल इस वर्ष के लिए ही मान्य होगी।

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