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मेडिकल बिल के लिए भटक रहा था बुजुर्ग, HC का आदेश अफसर घर जाकर पूरे करें कागज

हरियाणा का एक कर्मचारी अपने मेडिकल बिल के भुगतान के लिए भटक रहा है। अब हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि अधिकारी उस कर्मचारी के घर जाकर कागजात पूरी करें।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 09 Sep 2020 02:16 PM (IST)Updated: Wed, 09 Sep 2020 02:22 PM (IST)
मेडिकल बिल के लिए भटक रहा था बुजुर्ग, HC का आदेश अफसर घर जाकर पूरे करें कागज

चंडीगढ़, [दयानंद शर्मा]। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वेे 91 साल के बुजुर्ग के घर जाकर उनके मेडिकल बिल से जुड़े दस्तावेजों में कमी को दूर करें। तुरंत प्रभाव से नियमों के अनुसार उनके मेडिकल बिल का भुगतान किया जाए। हरियाणा सरकार का यह सेवानिवृत कर्मचारी एक साल से अपने मेडिकल बिल के लिए भटक रहे हैं।

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अब 91 साल के बुजुर्ग के घर जाकर दस्तावेज पूरे करेंगे राजस्व विभाग के अधिकारी

हाई कोर्ट ने यह आदेश नरवाना निवासी मंगल देव की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किए। याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट को बताया कि उनकी उम्र 91 साल है और वह राजस्व विभाग से चतुर्थ श्रेणी पद से सेवानिवृत्त हैं। पेंशनर ने बताया कि वह कई गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं। पिछले साल 12 अप्रैल से 25 अप्रैल तक वह हिसार के कई अस्पताल में हार्ट व कूल्हों की बीमारी के कारण दाखिल रहे। इस दौरान उनके कई आप्रेशन हुए। कुल मिला कर उनके इलाज पर दो लाख 50 हजार 82 रुपये का खर्च आया।

हाई कोर्ट की दो टूक, नियमों के अनुसार जल्द हो बिलों का भुगतान

याची ने बताया कि उन्होंने मेडिकल बिल के भुगतान के लिए विभाग को पिछले साल ही सभी दस्तावेज जमा करा दिए थे। इसके बावजूद बिलों का भुगतान नहीं किया गया। इसको लेकर उन्होंने विभाग के अधिकारियों को जुलाई में मांग पत्र भी सौंपा, लेकिन न तो इसका कोई जवाब दिया गया और न ही बिल का भुगतान किया गया। इसलिए उन्हें अब मजबूरन हाई कोर्ट में याचिका दायर करनी पड़ी है।

बुजुर्ग पेंशनर ने दलील दी कि वह कई गंभीर बीमारी से ग्रस्त भी। चलना-फिरना उनके बस की बात नहीं है। ऐसे में उन्हें शारीरिक व आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारी न तो उनकी उम्र और न ही उनकी बीमारी को ध्यान में रख कर उनके बिल पास कर रहे हैं।

मामले की सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि संभव है कि याचिकाकर्ता ने अपने दस्तावेज पूरे नहीं किए होंगे। इसलिए बिल के भुगतान में देरी हो रही है। हाई कोर्ट ने विभाग के अधिकारियों के इस रवैये पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि कम से कम याची की उम्र का तो ख्याल करें।

हाई कोर्ट के जस्टिस एएस ग्रेवाल ने सरकार को 29 अक्टूबर के लिए नोटिस जारी कर राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वेे याची के घर जाकर उनके दस्तावेज पूरे करें व नियमों के अनुसार उनके मेडिकल बिल का भुगतान करें।

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हाई कोर्ट के सात एडिशनल जज बनें  परमानेंट जज

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के सात एडिशनल जज परमानेंट जज बन गए है। इस बाबत केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। 14 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के सात एडिशनल जज को परमानेंट जज के तौर पर  नियुक्ति की केंद्र को  सिफारिश की थी।

जो जज परमानेंट बने हैं, उनमें जस्टिस मंजरी नेहरू कौल,  जस्टिस हरसिमरन सिंह सेठी, जस्टिस अरुण मोंगा, जस्टिस मनोज बजाज,  जस्टिस ललित बत्रा, जस्टिस अरुण कुमार त्यागी,  जस्टिस हरनरेश सिंह गिल का नाम शामिल हैं। इन सभी की नियुक्ति 2018 में की गई थी। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में जजों के कुल 85 पद मंजूर हैं जिसमें से 64 स्थायी व 21  एडिशनल जज हैं। इस समय हाई कोर्ट में कुल 54 जज कार्यरत है जिसमें से 37 परमानेंट व 17 एडिशनल जज हैं।

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