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Ease of Doing Business Ranking में नए मानकों के 'खेल' का शिकार हो गया हरियाणा

Ease of Doing Business Ranking में हरियाणा तीसरे से 16वें स्‍थान पर गिरने से राज्‍य सरकार व विशेषज्ञ हैरान है। दरअसल हरियाणा रैंकिंग में नए मानकों से हरियाणा को झटका लगा है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 07 Sep 2020 04:45 PM (IST)Updated: Mon, 07 Sep 2020 09:43 PM (IST)
Ease of Doing Business Ranking में नए मानकों के 'खेल' का शिकार हो गया हरियाणा
Ease of Doing Business Ranking में नए मानकों के 'खेल' का शिकार हो गया हरियाणा

चंडीगढ़, जेएनएन। ईज आफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग (Ease of Doing Business Ranking) में तीसरे स्थान पर पहुंच चुके हरियाणा के अचानक फिसलकर 16वें नंबर पर आ जाने में बड़ा खेल हुआ है। न केवल हरियाणा बल्कि कई राज्य को ऐसा हाल हुआ है, जिनकी रैंकिंग अचानक धड़ाम हो गई। कुछ राज्यों की रैंकिंग बढ़ गई तो अधिकतर की घट गई है। ईज आफ डूइंग बिजनेस के तहत राज्यों की रैंकिंग तैयार करने के लिए नए मानकों के आधार पर सर्वे हुआ है। इस सर्वे में 25 से ज्यादा नए मानक शामिल किए गए थे, जबकि कई पहले से लागू मानक हटा दिए गए थे। इन महत्वपूर्ण बदलावों के लिए न तो हरियाणा तैयार था और न ही दूसरे राज्य तैयार हो पाए। नतीजतन हरियाणा को रैंकिंग में फिसला दिखाया गया।

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 सर्वे में शामिल किए गए नए 25 मानक, कई राज्य नहीं थे इसके लिए तैयार

डिपार्टमेंट आफ प्रमोशन आफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (डीआइपीपी) की ओर से जारी ताजा रैंकिंग साल 2019 की है। यह रैकिंग बीते वित्त वर्ष या फिर मौजूदा भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार के कार्यकाल की नहीं है। इस रैंकिंग के लिए जून 2019 तक सर्वे किया गया था और इससे संबंधित सबूत व स्पष्टीकरण अगस्त 2019 तक जुटाए गए थे। यानी इस रैंकिंग में 2018 के कुछ महीने और 2019 के शुरूआती महीनों में निवेशकों के अनुभव को ही शामिल किया गया है।

मौजूदा रैंकिंग भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के कार्यकाल से पहले साल की

Ease of Doing Business Ranking की रैंकिंग का आधार डीआइपीपी द्वारा 2019 में राज्यों के लिए घोषित एडवाइजरी डाक्यूमेंट रहा है। इसे व्यापार सुधार कार्ययोजना 2019 का नाम दिया गया है। नए मानकों के आधार पर हुए इस सर्वे में कुछ राज्यों की रैंकिंग में अप्रत्याशित उछाल आया है, जैसे उत्तर प्रदेश की रैंकिंग 12 से सीधे दो पर पहुंच गई। दिल्ली 23वें स्थान से 12वें, लक्षद्वीप 34वें स्थान से 15वें स्थान पर और अंडमान निकोबार 31वें स्थान से 22वें स्थान पर आ गया है।

नए मानकों के आधार पर तैयार रैंकिग में नुकसान पाने वाले राज्यों में उड़ीसा 14 वें स्थान से 29 वें स्थान पर पहुंच गया, जबकि हरियाणा तीसरे स्थान से 16वें स्थान पर पहुंच गया है। बिहार राज्य 18वें स्थान पर था, मगर नई सर्वे रैंकिंग का उसे भी नुकसान उठाना पड़ा है, जो अब 26वें स्थान पर पहुंच गया है। केरल 21वें स्थान पर था और अब 28वें स्थान पर आ गया है, जबकि कर्नाटक आठवें से 17वें स्थान पर और गुजरात पाचवें से 10वें स्थान पर खिसक गया है।

अब नए मानकों के आधार पर औद्योगिक विकास की चाल बदलेगा हरियाणा

उत्तर प्रदेश को छोड़कर किसी बड़े और औद्योगिक रूप से विकसित राज्य को रैंकिंग में फायदा नहीं हुआ, जबकि कर्नाटक, गुजरात, हरियाणा, उड़ीसा, बिहार और केरल जैसे अधिक औद्योगिकीकरण वाले राज्यों को नए सर्वे में बहुत नुकसान हुआ है। छोटे राज्य और केंद्र शासित प्रदेश जैसे दमन दीव, अंडमान निकोबार, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, मेघालय और लक्ष्यद्वीप की रैंकिंग काफी सुधरी दिखाई गई है। इसका मतलब यह कतई नहीं कि हरियाणा समेत इन राज्यों में औद्योगिक विकास नहीं हुआ। उत्तर प्रदेश सरीखे राज्य की अपेक्षा हरियाणा में औद्योगिक निवेश के बेहद प्रस्ताव आए हैं।

हरियाणा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के निकट है। यहां केएमपी और केजीपी के दोनों तरफ खाली जमीनों पर नई इंडस्ट्री लगने की काफी संभावना है। प्रदेश सरकार पंचायती खाली जमीनों को नए उद्योग लगाने के लिए पट्टे पर देने का प्रस्ताव तैयार कर रही है। इसके अलावा छोटे उद्योगों को कलस्टर तैयार किए गए हैं। चीन में स्थापित पांच दर्जन से ज्यादा कंपनियों ने हरियाणा में निवेश की इच्छा जताई है। ऐसे में यदि नए सर्वे को नजर अंदाज कर दिया जाए तो हरियाणा की रैकिंग में गिरावट की बजाय सुधार तय था।

ईज आफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग का राजनीतिक कनेक्शन

ईज आफ डूइंग बिजनेस के तहत राज्यों की रैंकिंग के लिए यह सर्वे अप्रैल 2018 से मार्च 2019 के बीच में हुआ है, जिसमें उद्योगपतियों के अनुभव और फीडबैक को आधार बनाया गया है। उस समय के मंत्री और एसीएस अपना कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। नई टीम में उस समय के शीर्ष अधिकारी शामिल नहीं हैं। उस समय उद्योग मंत्री विपुल गोयल थे, जबकि अब उद्योग मंत्री के नाते डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला कार्यभार देख रहे हैं। कांग्रेस के कार्यकाल के आखिरी साल की रैंकिंग को यदि देखा जाए तो हरियाणा की रैंकिंग 14 थी। कांग्रेस के जाने के बाद यह छठे स्थान पर आई। फिर भाजपा के ही कार्यकाल में यह तीसरे स्थान पर पहुंची। 

'हरियाणा में औद्योगिक विकास की गति तेज करेंगे, उद्योगपतियों के हितों से कोई समझौता नहीं'

'' ईज आफ डूइंग बिजनेस (Ease of Doing Business Ranking) के सर्वे के दौरान समय-समय पर सर्वे मानकों में बदलाव होता रहा है। कुछ मानक हटाए गए हैं तो कुछ में बदलाव करते हुए नए मानक जोड़े गए हैं। इस सर्वे से उत्तर प्रदेश को छोड़कर बाकी सभी बड़े राज्यों को रैंकिंग का नुकसान हुआ है। इनमें गुजरात भी शामिल है। हरियाणा समेत अन्य छोटे राज्यों को भी नुकसान पहुंचा है। हम बदले हुए मानकों की स्टडी कर रहे हैं। हम उद्योगपतियों के हितों से किसी तरह का कोई समझौता करने वाले नहीं हैं। हम उन्हें जितनी सुविधाएं दे रहे हैं, उससे कहीं अधिक सुविधाएं बढ़ाएंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देश हैं कि उद्योगपतियों को तमाम राहत दी जाएं। मैं खुद भी इसके पूरी तरह से पक्ष में हूं और हम इसे लागू कर रहे हैं। ईज आफ डूइंग बिजनेस के तहत हरियाणा में औद्योगिक विकास के लिहाज से जितना काम हुआ है, उतना किसी राज्य में नहीं हुआ है। हम प्रगति के पथ पर निरंतर आगे बढ़ते हुए हरियाणा को नंबर वन पर लाकर खड़ा करेंगे।

                                                - दुष्यंत चौटाला, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री तथा डिप्टी सीएम, हरियाणा।

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