खुशखबरी: हरियाणा में अब अनुबंध आधार की भर्तियों में भी मिलेगा आरक्षण
हरियाणा में अब अनुबंध के आधार पर भर्तियों में भी आरक्षण लागू होगा। राज्य सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। राज्य में अगले कुछ समय में भारी संख्या में भर्तियां होनी है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के सरकारी विभागों में स्वीकृत पदों के विरुद्ध अनुबंध आधार पर होने वाली भर्ती में भी अब आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। वर्कलोड के हिसाब से प्रदेश के सरकारी विभागों में करीब तीन लाख कर्मचारियों की जरूरत है और नियमित भर्तियों की रफ्तार धीमी है। ऐसे में अधिकतर भर्तियां अनुबंध आधार पर ही हो रही हैैं। फिलहाल उनमें आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा रहा है।
विधानसभा में मामला उठने के बाद हरियाणा सरकार ने जारी किए आदेश
विधानसभा के शीतकालीन सत्र में अनुबंध आधार पर होने वाली भर्तियों में आरक्षण दिए जाने की मांग संबंधी मुद्दा उठा था। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की मंजूरी के बाद मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से हरियाणा सरकार की आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-टू के तहत अनुबंध आधार पर होने वाली भर्ती में आरक्षण देने के आदेश जारी किए गए।
राज्य में वर्कलोड के हिसाब से करीब तीन लाख पद चल रहे खाली
मुख्य सचिव की ओर से सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, प्रबंध निदेशकों, बोर्ड, निगम तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के मुख्य प्रशासक, हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल, सभी मंडल आयुक्त, जिला उपायुक्त, एसडीएम और सभी विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार को परिपत्र जारी कर नई व्यवस्था के तहत भर्ती करने के आदेश दिए हैैं।
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आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-टू वर्ष 2015 में तैयार हुई थी, जिसमें स्वीकृत पदों पर सरकारी विभागों की चयन समिति के माध्यम से सीधे भर्ती करने का प्रावधान है। भर्ती के लिए विज्ञापन भी सरकारी विभाग की ओर से निकलेगा। हालांकि विधानसभा में विपक्ष ने हालांकि ठेकेदार के माध्यम से भी होने वाली भर्तियों में भी आरक्षण की मांग की थी।
यह है आरक्षण की व्यवस्था
- अनुसूचित जाति (एससी) - 20 फीसद
- अनुसूचित जनजाति - बीसी-ए 16 फीसद
- अनुसूचित जनजाति - बीसी-बी 11 फीसद
- दिव्यांग - 3 फीसद
- खिलाड़ी - 2 फीसद
- पूर्व सैनिक - 5 फीसद
(विशेष पिछड़ा वर्ग के तहत 10 फीसद आरक्षण की व्यवस्था अलग से है, मगर हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा रखी)
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प्रदेश में काम कर रहे 60 हजार अनुबंधित कर्मचारी
प्रदेश में फिलहाल करीब 60 हजार कर्मचारी अनुबंध आधार पर लगे हुए हैैं। इनमें 12 हजार कर्मचारी बिजली विभाग और 16 हजार कर्मचारी शिक्षा विभाग में(अतिथि अध्यापक) हैैं। बाकी 32 हजार कर्मचारी अन्य सरकारी विभागों में काम कर रहे हैैं।
नियमित कर्मचारी के आधे वेतन के बराबर वेतन
स्वीकृत पद पर नियमित भर्ती के तहत काम करने वाले कर्मचारी की बेसिक पे और डीए को जोड़कर जितना वेतन बनता है, उसका आधा वेतन अनुबंधित कर्मचारियों को देने का प्रावधान है। इस वेतन में हर साल पांच फीसदी की बढ़ोतरी होती है।
इनेलो विधायकों ने उठाया था विधानसभा में मुद्दा
विधानसभा में इनेलो विधायक रणबीर गंगवा, परमिंदर सिंह ढुल, केहर सिंह और प्रो. रवींद्र बलियाला ने अपनी पार्टी की ओर से कांट्रेक्ट बेस पर होने वाली भर्तियों में आरक्षण का लाभ देने का मुद्दा उठाया था। इन विधायकों का कहना था कि ठेकेदार द्वारा की जाने वाली भर्तियों में तो आरक्षण दिया ही नहीं जाता, जबकि सरकारी विभागों की अनुबंधित भर्तियों में भी यही व्यवस्था है। इन विधायकों ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए ग्रामीण युवाओं को शहरी युवाओं की अपेक्षा नौकरियों में वेटेज दिए जाने की मांग भी की थी।
अनुबंधित कर्मियों को पक्का करे सरकार
सर्व कर्मचारी संघ की शुरू से यह मांग रही है कि अनुबंध आधार की भर्ती में आरक्षण का लाभ मिले, लेकिन सरकार नियमित भर्ती पर फोकस करने की बजाय अनुबंध आधार की भर्ती पर जोर लगा रही है। सरकार को स्थाई पालिसी बनाकर कांट्रेक्ट पर लगे कर्मचारियों को पक्का करना चाहिए।
- सुभाष लांबा, महासचिव, सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा।
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