राजस्थान से सटे हरियाणा के जिलों में अब नेटवर्क समस्या नहीं, BSNL ने स्थापित किए 829 टावर
राजस्थान सीमा से सटे भिवानी नारनौल और महेंद्रगढ़ के गांवों में अब सिग्नल की समस्या नहीं रहेगी। बीएसएनएल ने सीमावर्ती गांवों में 829 नए टावर लगाए हैं और एक लाख से अधिक FTTH कनेक्शन दिए हैं। सांसद धर्मबीर सिंह के सवाल पर मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि इन क्षेत्रों में 4G कनेक्टिविटी मौजूद है और सिग्नल की समस्या दूर हो गई है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। राजस्थान सीमा से सटे भिवानी, नारनौल और महेंद्रगढ़ के गांवों में अब सिग्नल की समस्या नहीं है। भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने सीमावर्ती गांवों में 829 नए टावर स्थापित किए हैं।
यही नहीं, अभी तक एक लाख 59 हजार 949 फाइबर टू द होम (एफटीटीएच) कनेक्शन दिए जा चुके हैं। केंद्रीय संचार तथा उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बृहस्पतिवार को भिवानी-महेंद्रगढ़ के सांसद धर्मबीर सिंह द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब में यह जानकारी दी।
उन्होंने दावा किया कि भिवानी, महेंद्रगढ़ व नारनौल के दूरदराज इलाकों में भी अब मोबाइल सिग्नल न होने के चलते कनेक्टिविटी की समस्या खत्म हो गई है। ग्रामीण बेरोकटोक अपने परिचितों से सीधी बातचीत कर सकते हैं और कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि बीएसएनएल ने IX.2 परियोजना के तहत तीनों जिलों में 829 साइटें स्थापित की हैं। इनमें ज्यादातर राजस्थान सीमा से सटे गांव शामिल हैं।
प्रदेश में दूरसंचार सेवाओं को बेहतर बनाने और ब्राडबैंड कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए 970 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इसमें से 771 करोड़ रुपये भारत नेट परियोजना पर खर्च होंगे। सांसद धर्मबीर सिंह ने भिवानी, महेंद्रगढ़, और नूंह जिलों में खराब मोबाइल कनेक्टिविटी वाले सीमावर्ती क्षेत्रों की पहचान को लेकर जानकारी मांगी थी। उन्होंने कम कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में नए 4जी व 5जी टावर स्थापित करने के लिए तैयार की गई योजना पर भी जवाब मांगा था।
सिंधिया ने कहा कि भिवानी, महेंद्रगढ़ और नूंह जिले के सभी 1070 गांवों में 4जी मोबाइल कनेक्टिविटी मौजूद है। प्रदेश में 2059 4जी साइट स्थापित की हैं। इससे उपभोक्ताओं के मोबाइल सिग्नल और काल ड्राप संबंधी शिकायतों का निवारण हुआ है।
प्रत्येक दूरसंचार सेवा प्रदाता (टीएफसी) के पास सेवा संबंधी शिकायतें दर्ज करवाने के लिए अपना स्वयं का ग्राहक सेवा केंद्र है। साथ ही केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली पोर्टल पर भी शिकायतें दर्ज कराई जा सकती हैं।
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